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ISRO साजिश मामला : आरोपियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई टली - सिबी मैथ्यूज

इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायण से जुड़े मामले में आरोपी पूर्व पुलिस अधिकारियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई सात जुलाई तक के लिए टाल दी गई है.

सिबी मैथ्यूज
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Published : Jul 1, 2021, 8:56 PM IST

तिरुवनंतपुरम: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साजिश मामले में आरोपी पूर्व पुलिस प्रमुखों सिबी मैथ्यूज और केके जोशुआ की अग्रिम जमानत पर सुनवाई 7 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है. मामले की सुनवाई तिरुवनंतपुरम के प्रधान सत्र न्यायालय (Principal Sessions Court) में हो रही है.

अदालत ने दोनों आरोपियों की अग्रिम जमानत पर विचार किए जाने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था. अदालत ने यह भी आदेश दिया था कि गिरफ्तारी के मामले में उन्हें एक लाख रुपये की जमानत पर रिहा किया जाए.

मामले में 18 आरोपी

इस मामले में आईबी अधिकारियों सहित 18 आरोपी हैं. आरोपियों के खिलाफ दर्ज 10 आरोपों में साजिश, सबूतों को गढ़ना, हिरासत में प्रताड़ना और मानहानि शामिल हैं. यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे.

वैज्ञानिक नंबी नारायणन और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. मामले के पहले आरोपी और तिरुवनंतपुरम के पूर्व सीआई एस विजयन (S Vijayan) और वंचियूर एसआई थंपी एस दुर्गादथ (Thampi S Durgadath) पहले ही उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत दाखिल कर चुके हैं.

गौरतलब है कि जासूसी का यह मामला 1994 का है, जो दो वैज्ञानिकों और चार अन्य द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर कुछ गोपनीय दस्तावेजों को दूसरे देशों को दिए जाने के आरोपों से जुड़ा हुआ है. वैज्ञानिक नंबी नारायण को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब केरल में कांग्रेस की सरकार थी. तीन सदस्यीय जांच समिति ने हाल ही में शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी.

पढ़ें- इसरो जासूसी केस: दोषी अधिकारियों की भूमिका की और होगी जांच, SC का CBI को निर्देश

सीबीआई ने अपनी जांच रिर्पोट में कहा था कि केरल में तत्कालीन पुलिस अधिकारी ही नारायणन की गैरकानूनी गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार थे.

तिरुवनंतपुरम: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साजिश मामले में आरोपी पूर्व पुलिस प्रमुखों सिबी मैथ्यूज और केके जोशुआ की अग्रिम जमानत पर सुनवाई 7 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है. मामले की सुनवाई तिरुवनंतपुरम के प्रधान सत्र न्यायालय (Principal Sessions Court) में हो रही है.

अदालत ने दोनों आरोपियों की अग्रिम जमानत पर विचार किए जाने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था. अदालत ने यह भी आदेश दिया था कि गिरफ्तारी के मामले में उन्हें एक लाख रुपये की जमानत पर रिहा किया जाए.

मामले में 18 आरोपी

इस मामले में आईबी अधिकारियों सहित 18 आरोपी हैं. आरोपियों के खिलाफ दर्ज 10 आरोपों में साजिश, सबूतों को गढ़ना, हिरासत में प्रताड़ना और मानहानि शामिल हैं. यह मामला 1994 में दर्ज किया गया था जब के करुणाकरण केरल के मुख्यमंत्री थे.

वैज्ञानिक नंबी नारायणन और अन्य पर भारतीय रॉकेट तकनीक को लीक करने का आरोप लगाया गया था. मामले के पहले आरोपी और तिरुवनंतपुरम के पूर्व सीआई एस विजयन (S Vijayan) और वंचियूर एसआई थंपी एस दुर्गादथ (Thampi S Durgadath) पहले ही उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत दाखिल कर चुके हैं.

गौरतलब है कि जासूसी का यह मामला 1994 का है, जो दो वैज्ञानिकों और चार अन्य द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर कुछ गोपनीय दस्तावेजों को दूसरे देशों को दिए जाने के आरोपों से जुड़ा हुआ है. वैज्ञानिक नंबी नारायण को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब केरल में कांग्रेस की सरकार थी. तीन सदस्यीय जांच समिति ने हाल ही में शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी.

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सीबीआई ने अपनी जांच रिर्पोट में कहा था कि केरल में तत्कालीन पुलिस अधिकारी ही नारायणन की गैरकानूनी गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार थे.

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