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एनआईए की विशेष अदालत ने ISIS से जुड़े आरोपी सिराजुद्दीन को माना दोषी, सजा का ऐलान 20 फरवरी को

एनआईए ममलों की विशेष अदालत ने (court convicts ISIS accused Sirajuddin ) गिरफ्तार मोहम्मद सिराजुद्दीन को दोषी माना है.

Special NIA court convicts, court convicts ISIS accused Sirajuddin
सिराजुद्दीन को माना दोषी.
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Published : Feb 17, 2023, 10:51 PM IST

जयपुर. एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने आईएसआईएस के लिए काम करने के मामले में गिरफ्तार मोहम्मद सिराजुद्दीन को विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी माना है. अदालत अभियुक्त सिराजुद्दीन को 20 फरवरी को सजा सुनाएगी.

एनआईए की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि एटीएस ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर काम करने वाले सिराजुद्दीन को 10 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया था. वहीं मामले की जांच एनआईए को दिए जाने के बाद एनआईए ने जांच कर आरोप पत्र पेश किया था. आरोपपत्र में कहा गया था कि आरोपी सिराजुद्दीन फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम सहित अन्य हाईटेक माध्यमों से युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उकसाता था.

पढ़ेंः उदयपुर में एनआईए की कार्रवाई, एसडीपीआई जिलाध्यक्ष सोहेल खान गिरफ्तार

पढ़ेंः राजस्थानः कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाई

एटीएस की ओर से आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पता चला कि वह भारत में आईएसआईएस का ठिकाना बनाना चाहता था. वहीं गजवा-ए-तुल चैनल में उसने कश्मीर के आतंकियों को शहीद भी बताया था. उसके कब्जे से ओसामा बिन लादेन, मौलाना अनवर अवलाकी मौलाना और आसिम उमर आदि के भाषण और पुस्तकें भी बरामद हुई थी. अभियुक्त कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बताकर भारत को अवैध कब्जा करने वाला बताता था. आरोप पत्र में यह भी कहा गया था कि यहां आईएसआईएस का नेटवर्क तैयार होने के बाद वह लीबिया जाने वाला था. एनआईए विशेष अदालत ने लंबी ट्रायल के बाद अभियुक्त मोहम्मद सिराजुद्दीन को दोष सिद्ध कर दिया है.

जयपुर. एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने आईएसआईएस के लिए काम करने के मामले में गिरफ्तार मोहम्मद सिराजुद्दीन को विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी माना है. अदालत अभियुक्त सिराजुद्दीन को 20 फरवरी को सजा सुनाएगी.

एनआईए की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि एटीएस ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर काम करने वाले सिराजुद्दीन को 10 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया था. वहीं मामले की जांच एनआईए को दिए जाने के बाद एनआईए ने जांच कर आरोप पत्र पेश किया था. आरोपपत्र में कहा गया था कि आरोपी सिराजुद्दीन फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम सहित अन्य हाईटेक माध्यमों से युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उकसाता था.

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