चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा (Former IPS Iqbal Singh Lalpura) को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का एक बार फिर बतौर अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस मौके पर उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद किया और खुशी जाहिर की है. उन्हें पद ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने बुधवार को ही अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है. इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि मैं बेहद खुश हूं, मुझे बतौर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं.
इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर लालपुरा ने रूपनगर से किस्मत आजमाई थी. उनकी गैरमौजूदगी में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यवाहक चेयरपर्सन की जिम्मेदारी सैयद शहजादी संभाल रही थीं. लालपुरा 1992 में अल्पसंख्यक आयोग को विधायी शक्ति मिलने के बाद से इसके अध्यक्ष बनने वाले दूसरे सिख हैं. इससे पहले 2003 में तरलोचन सिंह आयोग के अध्यक्ष बने थे.
![इकबाल सिंह लालपुरा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09:01:31:1649907091_2_1404newsroom_1649899152_605.jpeg)
इकबाल सिंह पंजाब के रोपड़ जिले के लालपुरा गांव के रहने वाले हैं. केंद्र सरकार ने 2021 में इकबाल सिंह को पहली बार राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया था. तब राजनीतिक पंडितों का कहना था कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए इकबाल सिंह को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. हाल में संपन्न हुए पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इकबाल सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था. भाजपा ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से विधानसभा का टिकट दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे.
![पीएम मोदी के साथ इकबाल सिंह लालपुरा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09:01:32:1649907092_1_1404newsroom_1649899152_809.png)
2024 के लोकसभा चुनाव पर भाजपा की नजर
अब विधानसभा चुनाव में हार के बाद इकबाल सिंह को फिर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. ऐसी चर्चा हो रही है कि केंद्र सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनावों में सिख मतदाताओं को लुभाने के लिए इकबाल सिंह को दोबारा नियुक्ति दी गई है. केंद्र सरकार के अनुसार, भारत में पांच अल्पसंख्यक समुदाय हैं, जिनमें सिख, ईसाई, बौद्ध, मुस्लिम और पारसी शामिल हैं. सरकार ने इन समुदायों से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को नियुक्त किया है. यही वजह है कि सिख समुदाय से आने वाले लालपुरा को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.
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