लखनऊः IPS अधिकारी अनंत देव तिवारी को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की जांच में मिली क्लीन चिट मिल गई है. यह जांच बिकरु कांड के बाद कराई गई थी. बिकरू कांड के बाद मामले में शिकायत पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) में की गई थी. इसके बाद DIG अनंत देव तिवारी के खिलाफ जांच कराई गई. इसमें उन्हें क्लीनचिट मिली है.
बता दें कि कानपुर के प्रसिद्ध बिकरू कांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में अनंत देव तिवारी को आरोपी बनाया था. इसी रिपोर्ट के आधार पर अनंत देव तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की गई.
अनंत देव तिवारी को तीन सदस्यीय एसआईटी की रिपोर्ट बाद निलंबित कर दिया गया था. रिपोर्ट के बाद 12 नवंबर 2020 को निलंबन की कार्रवाई की गई थी. निलंबन की कार्रवाई के बाद पिछले साल अनंत देव तिवारी को सरकार ने बहाल कर दिया था. बिकरू कांड की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 60 से अधिक पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया था. इसमें एक बड़ा नाम अनंत देव तिवारी का भी था. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनंत देव तिवारी को लापरवाही और मिलीभगत का आरोपी बनाया था. जांच टीम की सिफारिश पर अनंत देव को सस्पेंड किया गया था.
क्या है बिकरू कांडः वर्ष 2020 की जुलाई को हुए बिकरू कांड में अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थीं. इसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. घटना के बाद मामले की जांच के लिए योगी सरकार ने तीन सदस्यीयों की एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने अनंत देव के खिलाफ विस्तृत जांच रिपोर्ट बनाई थी, जिसे सरकार को सौंपी गई. इसी रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही, मिलभीगत का आरोपी मानते हुए अनंत देव पर कार्रवाई की गई थी.
कौन है अनंत देव तिवारीः अनंत देव तिवारी 2006 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं. कानपुर में हुए बिकरू कांड के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जिस वक्त इन पर कार्रवाई की गई, वह मुरादाबाद पीएसी में डीआईजी पद पर तैनात थे. बता दें कि अनंत देव तिवारी ने कई एनकाउंटर भी किए हैं. बिकरू कांड के बाद अनंत देव तिवारी के कई ऑडियो और फोटो वायरल हुए थे. जो चर्चा का विषय रहे थे. एसआईटी ने इन ऑडियो और फोटो को भी अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल किया था.
ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने सपा मुखिया पर कसा तंज, कहा- मुंगेरीलाल के सपने देखना खराब बात नहीं