नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को अदालत में निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी.
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने चिदंबरम को यह राहत दी.
चिदंबरम के वकील ने उनकी ओर से दायर याचिका में कहा था कि अभी वे तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने 24 मार्च को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था.
अदालत मामले पर आगे की सुनवाई 16 अप्रैल को करेगी.
चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह ने बताया कि दोनों पिता-पुत्र चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक हैं.
अदालत ने मामले में सह-आरोपी पीटर मुखर्जी की ओर से दायर जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस भी जारी किया.
चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 21 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया था.
उन्हें 16 अक्टूबर, 2019 को ईडी ने एक संबंधित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था. छह दिन बाद, 22 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चिदंबरम को जमानत दे दी.
ईडी के मामले में उन्हें 4 दिसंबर, 2019 को जमानत मिली थी.
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था. मामला चिदंबरम के वित्तमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है.
पढ़ें- अजीत सिंह हत्याकांड: 8 आरोपियों के खिलाफ दाखिल होगी चार्जशीट
इसके बाद ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था.
कार्ति को सीबीआई ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था और मार्च 2018 में उन्हें आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत मिल गयी थी.
उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन के मामले में अंतरिम जमानत दी.