प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड में शामिल बमबाज गुड्डू मुस्लिम के बारे में जांच टीमों को कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. दिल्ली पुलिस भी पांच लाख के इनामिया गुड्डू मुस्लिम की तलाश में लग गई है. दरअसल, उमेश पाल की हत्या के लिए गुड्डू मुस्लिम ने दिल्ली से हथियार मंगाए थे. दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े एक तस्कर ने पुलिस को यह जानकारी दी है. इसके बाद प्रयागराज के सरैया स्वराज नगर में स्थित गुड्डू मुस्लिम के पुश्तैनी मकान पर दिल्ली पुलिस ने नोटिस चस्पा कर दिया है. उसका मकान गिराने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध हथियारों के तस्कर को गिरफ्तार कर उस से मिली जानकारी के आधार पर आर्म्स एक्ट की धारा 41 के अंतर्गत असद, गुड्डू मुस्लिम और असाद कालिया के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. असद को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था, जबकि असद कालिया भी यूपी पुलिस की गिरफ्त्त में है. वहीं गुड्डू मुस्लिम का अभी कोई पता नहीं चल पाया है. रविवार की देर शाम दिल्ली पुलिस की टीम शिवकुटी थाना क्षेत्र के लाला की सरैया स्वराज नगर में स्थित गुड्डू मुस्लिम के पुश्तैनी मकान पर पहुंची. वहां टीम ने नोटिस चस्पा कराया.
गुड्डू मुस्लिम के मकान से कुछ ही दूरी पर रहने वाली गुड्डू मुस्लिम की बहन नसरीन बानो ने मीडिया से बातचीत की. बताया कि गुड्डू मुस्लिम को पहले मोहम्मद मुस्लिम के नाम से जाना जाता था. 13 साल की उम्र में अब्बा ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया था. इसके बाद से उसे देखा नहीं. मुस्लिम बचपन से ही काफी शरारती था. वह पढ़ने के लिए स्कूल नहीं गया. नसरीन बानो ने बताया कि 10 साल की उम्र में उसे स्कूटर बनाने की दुकान पर 2 रुपए प्रतिदिन पर काम पर लगा दिया गया था. वह वीसीआर पर फिल्में देखने का शौकीन था. तरह-तरह की शरारतें कर उसने घरवालों को परेशान कर रखा था. इससे परेशान होकर अब्बा ने उसे घर से बेदखल कर दिया था. उन्होंने यह भी बताया कि गुड्डू मुस्लिम ने इतने अंतराल के दौरान क्या-क्या किया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. नसरीन बानो ने बताया कि उनके परिवार का कोई सदस्य कभी अतीक अहमद या उसके परिवार से नहीं मिला.
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