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गोविंद पानसरे हत्या मामले की जांच महाराष्ट्र ATS को स्थानांतरित

कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) को स्थानांतरित कर दी गई है. पानसरे को 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और कुछ दिन बाद 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच करने वाली CID ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. कार्यकर्ता के परिवार ने पिछले महीने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर इस मामले की जांच एटीएस को स्थानांतरित करने की मांग की थी.

गोविंद पानसरे हत्या
गोविंद पानसरे हत्या
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Published : Aug 3, 2022, 1:35 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच बुधवार को महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) को स्थानांतरित कर दी. अब तक महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (CID) का विशेष जांच दल (SIT) मामले की जांच कर रहा था. जस्टिस रेवती मोहिते देरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि वह पानसरे के परिवार द्वारा दाखिल आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले की जांच एटीएस को स्थानांतरित करती है.

पानसरे के परिवार के सदस्यों ने याचिका दाखिल कर विशेष दल से जांच कराने की अपील की थी, जिसके बाद बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर 2015 में एसआईटी का गठन किया गया था. पानसरे को 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और कुछ दिन बाद 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच करने वाली CID ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. कार्यकर्ता के परिवार ने पिछले महीने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर इस मामले की जांच एटीएस को स्थानांतरित करने की मांग की थी.

उन्होंने दावा किया था कि एसआईटी अभी तक इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं कर पाई है. SIT की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंदरगी ने अदालत से कहा कि यदि जांच एटीएस को सौंपी जाती है, तो SIT को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वह भी राज्य सरकार की ही एजेंसी है. मुंदरगी ने कहा, 'हम इससे सहमति जताते हैं. ATS को मामला स्थानांतरित किया जा सकता है और SIT के कुछ अधिकारी एटीएस की मदद कर सकते हैं.'

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच बुधवार को महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) को स्थानांतरित कर दी. अब तक महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (CID) का विशेष जांच दल (SIT) मामले की जांच कर रहा था. जस्टिस रेवती मोहिते देरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि वह पानसरे के परिवार द्वारा दाखिल आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले की जांच एटीएस को स्थानांतरित करती है.

पानसरे के परिवार के सदस्यों ने याचिका दाखिल कर विशेष दल से जांच कराने की अपील की थी, जिसके बाद बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर 2015 में एसआईटी का गठन किया गया था. पानसरे को 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और कुछ दिन बाद 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच करने वाली CID ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. कार्यकर्ता के परिवार ने पिछले महीने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर इस मामले की जांच एटीएस को स्थानांतरित करने की मांग की थी.

उन्होंने दावा किया था कि एसआईटी अभी तक इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं कर पाई है. SIT की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंदरगी ने अदालत से कहा कि यदि जांच एटीएस को सौंपी जाती है, तो SIT को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वह भी राज्य सरकार की ही एजेंसी है. मुंदरगी ने कहा, 'हम इससे सहमति जताते हैं. ATS को मामला स्थानांतरित किया जा सकता है और SIT के कुछ अधिकारी एटीएस की मदद कर सकते हैं.'

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