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जेईई मेंस टॉपर गुरअमृत सिंह बोले- डर निकालने के लिए दोबारा एग्जाम दूंगा

जेईई मेंस के टॉपर गुरअमृत सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई करना चैलेंजिंग जरूर था, लेकिन उनके अध्यापकों ने उनके हर डाउट को क्लियर किया, जिस कारण वह पेपर दे पाए. देखें स्पेशल रिपोर्ट...

jee mains topper guramrit singh
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Published : Mar 9, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 6:45 PM IST

नई दिल्ली : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेंस की फरवरी में लिए गए परीक्षा के परिणाम सोमवार को देर शाम घोषित कर दिया. इसमें देशभर से लगभग 6,00,000 विद्यार्थी शामिल हुए थे. 6 स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल अंक हासिल किए हैं. वहीं ट्राइसिटी में मोहाली के गुरअमृत सिंह टॉपर बने.

गुरअमृत सिंह से खास बात.

मोहाली के रहने वाले गुरअमृत सिंह चंडीगढ़ भवन विद्यालय के छात्र हैं. ईटीवी भारत ने गुरअमृत सिंह से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि वह दोबारा एग्जाम में बैठेंगे, ताकि उनका ऑल इंडिया रैंक बना रहे. गुरअमृत ने कहा कि मेंस से ज्यादा मुश्किल जेईई एडवांस होता है, इसलिए दोबारा से वह पेपर देंगे. गुरअमृत बताते हैं कि उन्हें अपने मामा से प्रेरणा मिली. गुरअमृत के मामा कंप्यूटर इंजीनियर है.

उनके पिता गुरदर्शन सिंह पेशे से व्यापारी हैं. 12वीं और जेईई की परीक्षा के बीच तालमेल बैठाने को लेकर उन्होंने कहा कि सीबीएसई के 12वीं के पेपर में समय था, इसलिए जेईई की परीक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया. गुरअमृत ने कहा कि पहले 6 घंटे पढ़ाई करते थे. कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के समय स्कूल बंद थे, कोचिंग सेंटर चल नहीं रहे थे. इस वजह से वह अपनी पढ़ाई को 7 से 8 घंटे दे पाए.

पढ़ें- जेईई-मेन्स के परिणाम घोषित, 6 छात्रों को परफेक्ट 100 का स्कोर

उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई करते हुए हर एक प्रश्न और टॉपिक को ध्यान से पढ़ा. कुछ बाकी रह न जाए इसका भी खास ध्यान रखा. उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई डाउट आया, तो उसे अध्यापकों से पूछा.

वहीं पिता गुरदर्शन सिंह बताते हैं कि उनका बेटा शुरू से ही पढ़ाई में होनहार था. उन्होंने अपने बेटे को उसके सपनों को फॉलो करने के लिए कहा. उसका यह नतीजा रहा कि बेटे ने जेईई मेंस क्लियर कर लिया. जेईई में टॉप करने के बाद से सभी रिश्तेदारों की ओर से लगातार बधाइयां मिल रही हैं.

नई दिल्ली : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेंस की फरवरी में लिए गए परीक्षा के परिणाम सोमवार को देर शाम घोषित कर दिया. इसमें देशभर से लगभग 6,00,000 विद्यार्थी शामिल हुए थे. 6 स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल अंक हासिल किए हैं. वहीं ट्राइसिटी में मोहाली के गुरअमृत सिंह टॉपर बने.

गुरअमृत सिंह से खास बात.

मोहाली के रहने वाले गुरअमृत सिंह चंडीगढ़ भवन विद्यालय के छात्र हैं. ईटीवी भारत ने गुरअमृत सिंह से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि वह दोबारा एग्जाम में बैठेंगे, ताकि उनका ऑल इंडिया रैंक बना रहे. गुरअमृत ने कहा कि मेंस से ज्यादा मुश्किल जेईई एडवांस होता है, इसलिए दोबारा से वह पेपर देंगे. गुरअमृत बताते हैं कि उन्हें अपने मामा से प्रेरणा मिली. गुरअमृत के मामा कंप्यूटर इंजीनियर है.

उनके पिता गुरदर्शन सिंह पेशे से व्यापारी हैं. 12वीं और जेईई की परीक्षा के बीच तालमेल बैठाने को लेकर उन्होंने कहा कि सीबीएसई के 12वीं के पेपर में समय था, इसलिए जेईई की परीक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया. गुरअमृत ने कहा कि पहले 6 घंटे पढ़ाई करते थे. कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के समय स्कूल बंद थे, कोचिंग सेंटर चल नहीं रहे थे. इस वजह से वह अपनी पढ़ाई को 7 से 8 घंटे दे पाए.

पढ़ें- जेईई-मेन्स के परिणाम घोषित, 6 छात्रों को परफेक्ट 100 का स्कोर

उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई करते हुए हर एक प्रश्न और टॉपिक को ध्यान से पढ़ा. कुछ बाकी रह न जाए इसका भी खास ध्यान रखा. उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई डाउट आया, तो उसे अध्यापकों से पूछा.

वहीं पिता गुरदर्शन सिंह बताते हैं कि उनका बेटा शुरू से ही पढ़ाई में होनहार था. उन्होंने अपने बेटे को उसके सपनों को फॉलो करने के लिए कहा. उसका यह नतीजा रहा कि बेटे ने जेईई मेंस क्लियर कर लिया. जेईई में टॉप करने के बाद से सभी रिश्तेदारों की ओर से लगातार बधाइयां मिल रही हैं.

Last Updated : Mar 9, 2021, 6:45 PM IST
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