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भावी आईएएस अरीबा नोमान ने कहा कि 20 घंटे पढ़ने से ज्यादा जरूरी है सही प्लानिंग - Jamia Millia Islamia IAS

अरीबा नोमान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिम छात्रों में पहला स्थान हासिल किया है. ईटीवी इंडिया से बात करते हुए, अरीबा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वह मार्च 2022 में साक्षात्कार की तैयारी के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया आई थी, जिसमें उसे बहुत अच्छे अंक मिले थे. अरीबा नोमन ने 109वीं रैंक हासिल की.

भावी आईएएस अरीबा नोमान ने कि 20 घंटे पढ़ने से ज्यादा जरूरी है प्लानिंग
भावी आईएएस अरीबा नोमान ने कि 20 घंटे पढ़ने से ज्यादा जरूरी है प्लानिंग
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Published : Jun 1, 2022, 7:56 AM IST

Updated : Jun 1, 2022, 11:52 AM IST

दिल्ली: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिम छात्रों में पहला स्थान हासिल करने वाली अरीबा नोमन ने अपने सफर के बारे में ईटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक प्यारा सफर रहा. कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन आज मैं समझती हूं कि वो मुश्किलें क्यों आईं. सिविल सेवा परीक्षा में कुल 685 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें मुस्लिम छात्रों की संख्या लगभग 24 है, जिसमें अरीबा नोमन ने ओवर ऑल109वीं रैंक हासिल करने के बावजूद पहला स्थान हासिल किया है. अरीबा ने कहा कि किसी भी परीक्षा के लिए प्लानिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीएससी का पाठ्यक्रम विस्तृत है. उन्होंने कहा कि हर दिन की योजना तैयार की जाए. क्या पढ़ना है कब पढ़ना है यह सब पहले से प्लान किया जाना चाहिए.

यूपीएससी में 109वां स्थान पाने वाली अरीबा नोमान का विशेष साक्षात्कार

पढ़ें: UPSC Civil Service Result 2021 : श्रुति शर्मा ने मारी बाजी, पहले चार स्थानों पर महिलाओं का कब्जा, पीएम ने दी बधाई

उन्होंने कहा कि छात्रों को छोटे लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है. जब आप एक बार एक छोटा लक्ष्य हासिल करेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. यदि आप सीधे यूपीएससी लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो यह थोड़ा मुश्किल होगा. अरीबा ने कहा कि उनकी सफलता में जामिया मिलिया इस्लामिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह मार्च 2022 में साक्षात्कार की तैयारी के लिए जामिया आई थी, जिसमें उसे बहुत अच्छे अंक मिले. यूपीएससी मुस्लिम टॉपर अरीबा नोमन अरीबा ने कहा कि वह अपने रैंक से खुश नहीं हैं, उन्हें इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद है, इसलिए उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया है.

पढ़ें: कर्नाटक की मेघना का कमाल, आंखों की रोशनी गई तो क्या, UPSC में लगा दिया निशाना

उसने कहा कि चूंकि उसने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, अब जब उसके पास अवसर है, तो वह इसका उपयोग करना चाहती है. यह पूछे जाने पर कि यूपीएससी में सफल होने के लिए कितने घंटे पढ़ने की आवश्यकता होती है, अरीबा ने कहा कि आपके लिए 20 घंटे अध्ययन करना और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से पूरी तरह से अलग होना जरूरी नहीं है. उसने ऐसा नहीं किया, लेकिन उसे सभी से मदद मिली, जब वह पढ़ाई-लिखाई कर थक जाती तो वह सभी से मिलती. यह उसे तरोताजा कर देता.

दिल्ली: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में मुस्लिम छात्रों में पहला स्थान हासिल करने वाली अरीबा नोमन ने अपने सफर के बारे में ईटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक प्यारा सफर रहा. कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन आज मैं समझती हूं कि वो मुश्किलें क्यों आईं. सिविल सेवा परीक्षा में कुल 685 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें मुस्लिम छात्रों की संख्या लगभग 24 है, जिसमें अरीबा नोमन ने ओवर ऑल109वीं रैंक हासिल करने के बावजूद पहला स्थान हासिल किया है. अरीबा ने कहा कि किसी भी परीक्षा के लिए प्लानिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीएससी का पाठ्यक्रम विस्तृत है. उन्होंने कहा कि हर दिन की योजना तैयार की जाए. क्या पढ़ना है कब पढ़ना है यह सब पहले से प्लान किया जाना चाहिए.

यूपीएससी में 109वां स्थान पाने वाली अरीबा नोमान का विशेष साक्षात्कार

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उन्होंने कहा कि छात्रों को छोटे लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है. जब आप एक बार एक छोटा लक्ष्य हासिल करेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. यदि आप सीधे यूपीएससी लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो यह थोड़ा मुश्किल होगा. अरीबा ने कहा कि उनकी सफलता में जामिया मिलिया इस्लामिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह मार्च 2022 में साक्षात्कार की तैयारी के लिए जामिया आई थी, जिसमें उसे बहुत अच्छे अंक मिले. यूपीएससी मुस्लिम टॉपर अरीबा नोमन अरीबा ने कहा कि वह अपने रैंक से खुश नहीं हैं, उन्हें इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद है, इसलिए उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया है.

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उसने कहा कि चूंकि उसने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, अब जब उसके पास अवसर है, तो वह इसका उपयोग करना चाहती है. यह पूछे जाने पर कि यूपीएससी में सफल होने के लिए कितने घंटे पढ़ने की आवश्यकता होती है, अरीबा ने कहा कि आपके लिए 20 घंटे अध्ययन करना और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से पूरी तरह से अलग होना जरूरी नहीं है. उसने ऐसा नहीं किया, लेकिन उसे सभी से मदद मिली, जब वह पढ़ाई-लिखाई कर थक जाती तो वह सभी से मिलती. यह उसे तरोताजा कर देता.

Last Updated : Jun 1, 2022, 11:52 AM IST
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