नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) उद्देश्यों और परिणामों को ध्यान में रखकर अपने नियमनों की हर तीन साल पर समीक्षा करेगा. राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना में यह कहा गया है. आईएफएससीए का गठन पिछले साल अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण कानून, 2019 के तहत हुआ. इसका मुख्यालय गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में है.
आईएफएससीए भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण है. वर्तमान में गिफ्ट आईएफएससी भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है.
इसके गठन से पहले आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए (पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण) और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) जैसे घरेलू वित्तीय नियामक आईएफएससी के कामकाज का नियमन करते थे.
छह जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, प्राधिकरण जब तक किसी नियमन की पहले समीक्षा की जरूरत न हो, हर तीन साल में नियमों की समीक्षा करेगा.
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अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (विनियम बनाने की प्रक्रिया) विनियमन, 2021 लागू हो गया है. अधिसूचित दिशानिर्देशों के अनुसार,आईएफसीए को तत्काल नियम बनाने के लिए भी अधिकृत किया गया है.
हालांकि, तत्काल नियम लाने के बाद निर्धारित मानदंडों के अनुसार नियम बनाने की जरूरत होगी। ऐसा नहीं करने पर नियम छह महीने के बाद स्वतः समाप्त हो जाएंगे।
(पीटीआई-भाषा)