कोलकाता : भाजपा के कई नेताओं के साथ बैठक करने के वाले केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर (Union Minister Shantanu Thakur) ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य और जिला समितियों के गठन में समर्पित और वफादार नेताओं के बलिदान की अनदेखी (Ignoring the sacrifice of loyal leaders) की गयी है जिन्होंने राज्य में पार्टी को इस स्तर तक पहुंचाया है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भाजपा को राज्य में वर्तमान ऊंचाई तक पहुंचाया है, उन्हें (राज्य) समिति में नजरअंदाज कर दिया गया है. ऐसे नब्बे प्रतिशत नेताओं को इसमें से हटा दिया गया है. महत्वपूर्ण मतुआ और अन्य पिछड़ी जाति के नेताओं को छोड़ दिया गया है. राज्य और जिला स्तर की दोनों समितियां अब अनुभवहीन नेताओं से भरी हुयी हैं. मतुआ समुदाय के महत्वपूर्ण नेता ठाकुर ने कहा कि क्या कुछ लोग यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रदेश में भाजपा बेहतर नहीं करे.
प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस को मजबूत करने के उद्देश्य से एक नेता पर भाजपा को कमजोर करने के लिये काम करने का आरोप लगाते हुये ठाकुर ने कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व के साथ इस मामले को उठायेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या जिन नेताओं के साथ उन्होंने बैठक की है, उनके साथ समानांतर समिति गठित करेंगे. ठाकुर ने कहा कि थोड़ा और इंतजार करें. हम आपके सामने सब कुछ घोषित करेंगे. हम नरेंद्र मोदी जी के हाथ मजबूत करना चाहते हैं, हम बंगाल से टीएमसी को हटाना चाहते हैं.
हम कभी भी भाजपा नहीं छोड़ेंगे. कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अतिथि गृह में हुयी इस बैठक में जॉयप्रकाश मजुमदार, सयांतनु बसु, रितेश तिवारी, अशोक किर्तनिया और सुब्रत ठाकुर ने हिस्सा लिया. इन नेताओं को नव गठित राज्य एवं जिला समितियों में स्थान नहीं मिला है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजुमदार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम सांगठनिक मामलों पर मीडिया के साथ चर्चा नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई वैचारिक मतभेद है तो उसे आने वाले दिनों में सुलझा लिया जायेगा.