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बिहार के उद्योग मंत्री का बेतुका बयान.. पेट खराब का बहाना बनाकर बाहर के प्रोडक्ट को यूज न करें

बिहार के Industries Minister Sameer Mahaseth एक कार्यक्रम के दौरान बिहारियों को क्षेत्रवाद का पाठ पढ़ाते नजर आए. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर बनने वाले प्रोडक्ट को आप पेट खराब का बहाना बनाकर नकार सकते हैं और बिहार में बने सामान को तवज्जो दे सकते हैं. मैं तो मंत्री हूं, लिहाजा ऐसा नहीं कर सकता.

उद्योग मंत्री समीर महासेठ का विवादित बयान
उद्योग मंत्री समीर महासेठ का विवादित बयान
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Published : Aug 22, 2022, 2:15 PM IST

वैशाली: बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ का एक बेतुका बयान (Minister Samir Mahaseth controversial statement) सामने आया है. एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते उन्होंने हुए कहा कि बाहर के प्रोडक्ट को यह कह कर नकार दीजिए कि इसको खाने से पेट खराब हो जाता है. बिहार के बने सामान का इस्तेमाल कीजिए. इससे जीएसटी में भी बिहार को फायदा होगा. 'मंत्री जी' यहीं नहीं रुके, लोगों को क्षेत्रवाद का पाठ पढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग विरोध कर सकते हैं, मैं तो मंत्री हूं इसलिए भारत में बनने वाले किसी भी प्रोडक्ट का विरोध नहीं कर सकता.

ये भी पढ़ेंः उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने पदभार ग्रहण किया.. बोले जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरा करूंगा

निजी फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री के उद्घाटनः दरअसल, उद्योग मंत्री समीर महासेठ हाजीपुर में एक निजी फूड प्रोडक्ट की फैक्ट्री के उद्घाटन (Inauguration Private Food Product Factory In Vaishali) के लिए वैशाली पहुंचे थे. जहां उन्होंने बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस बार क्षेत्रवाद का सहारा लिया है और बिहारियों को एक नए तरीके से उकसाने का प्रयास किया ताकि बिहारी अगर यहां के लोकल प्रोडक्ट को तवज्जो देंगे तो निश्चित तौर पर बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इतना ही नहीं मंत्री जी ने ये भी कहा कि बाहर के राज्यों को जो जीएसटी मिलता है उससे हम लोगों को क्या फायदा. बिहार में जो जीएसटी मिलेगा उससे जनता को फायदा होगा. मंत्री समीर महासेठ ने अपनी बातों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी शामिल किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कमिटमेंट को पूरा करना है. तो 10 लाख नौकरी मिलेगी साथ ही कारोबार भी बढ़ेगा.

"सही उत्पाद सही प्रोडक्ट उपभोक्ता तक पहुचाएं जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहे और आप लोग दृढ़ संकल्प रहें कि हम बिहार का वह प्रोडक्शन खाते हैं कि कभी पेट नहीं खराब होता है. बाहर का पेट खराब होने के नाम पर आप रिजेक्ट करिए. बाहर का प्रोडक्शन नहीं लेना है. जो अपने उत्पादन होंगे उनको लेना है. क्योंकि हम मंत्री है तो ऐसा नहीं कह सकते हैं तो इन चीजों का आप खुद ख्याल करें. हम कहेंगे तो नेगेटिव बात होगी लेकिन आप यह कह सकते हैं कि बाहर के प्रोडक्शन को छोड़ने का काम करना है. तब आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा"- समीर महासेठ, उद्योग मंत्री, बिहार

क्षेत्रीय पार्टियों को टॉनिक देने का कामः बता दें कि एनडीए गठबंधन टूटने से पहले बीजेपी के एक बड़े नेता ने पटना में बयान दिया था कि क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करना है. जिसके बाद एनडीए गठबंधन टूटा और महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी थी उद्योग मंत्री के बयान से ऐसा लगता है कि क्षेत्रवाद की जहर को घोलकर मंत्री जी क्षेत्रीय पार्टियों को टॉनिक देने का काम कर रहे हैं. लेकिन उन्हें महाराष्ट्र, केरल सहित कई राज्यों के उन घटनाओं को नहीं भूलना चाहिए जिसमें इसी तरह के बयान बाजी के कारण देश में तनाव उत्पन्न हुआ था और अन्य राज्यों के लोगों को खदेड़ा गया था. जिसमें सबसे ज्यादा बिहारी थे. तब बिहार सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और अब कमोबेश बिहार सरकार के मंत्री भी उसी राह पर चल रहे हैं.

मंत्री के बयान ने विपक्ष को दिया मौकाः जिस प्रकार महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में आए दिन क्षेत्रवाद को लेकर विवाद चलता रहता है. निश्चित तौर पर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री के बयान ने एक बार फिर विपक्ष को मौका दे दिया है. साथ ही जिस प्रकार से उद्योग मंत्री ने बहाना बनाकर बिहार के बाहर बनने वाले प्रोडक्ट नकारने की बात बिहारियों को खुले मंच से सिखाई है और उसे सपोर्ट करने के लिए बाद में मीडिया को जीएसटी और अन्य टैक्सों का हवाला देते हुए सपोर्ट करने के लिए कहा है निश्चित तौर पर इस बयान के बाद विपक्ष का बखेड़ा खड़ा करना तो लाजमी ही है. अब देखना यह है इस बयान से सरकार को फायदा होता है या विपक्ष इस बयान को भी आड़े हाथों लेता है.

ये भी पढ़ेंः दागी मंत्रियों को लेकर उलझी बिहार की सियासत, क्या सुशील मोदी करना चाहते हैं 2017 जैसा खेल

वैशाली: बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ का एक बेतुका बयान (Minister Samir Mahaseth controversial statement) सामने आया है. एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते उन्होंने हुए कहा कि बाहर के प्रोडक्ट को यह कह कर नकार दीजिए कि इसको खाने से पेट खराब हो जाता है. बिहार के बने सामान का इस्तेमाल कीजिए. इससे जीएसटी में भी बिहार को फायदा होगा. 'मंत्री जी' यहीं नहीं रुके, लोगों को क्षेत्रवाद का पाठ पढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग विरोध कर सकते हैं, मैं तो मंत्री हूं इसलिए भारत में बनने वाले किसी भी प्रोडक्ट का विरोध नहीं कर सकता.

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निजी फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री के उद्घाटनः दरअसल, उद्योग मंत्री समीर महासेठ हाजीपुर में एक निजी फूड प्रोडक्ट की फैक्ट्री के उद्घाटन (Inauguration Private Food Product Factory In Vaishali) के लिए वैशाली पहुंचे थे. जहां उन्होंने बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस बार क्षेत्रवाद का सहारा लिया है और बिहारियों को एक नए तरीके से उकसाने का प्रयास किया ताकि बिहारी अगर यहां के लोकल प्रोडक्ट को तवज्जो देंगे तो निश्चित तौर पर बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इतना ही नहीं मंत्री जी ने ये भी कहा कि बाहर के राज्यों को जो जीएसटी मिलता है उससे हम लोगों को क्या फायदा. बिहार में जो जीएसटी मिलेगा उससे जनता को फायदा होगा. मंत्री समीर महासेठ ने अपनी बातों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी शामिल किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के कमिटमेंट को पूरा करना है. तो 10 लाख नौकरी मिलेगी साथ ही कारोबार भी बढ़ेगा.

"सही उत्पाद सही प्रोडक्ट उपभोक्ता तक पहुचाएं जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहे और आप लोग दृढ़ संकल्प रहें कि हम बिहार का वह प्रोडक्शन खाते हैं कि कभी पेट नहीं खराब होता है. बाहर का पेट खराब होने के नाम पर आप रिजेक्ट करिए. बाहर का प्रोडक्शन नहीं लेना है. जो अपने उत्पादन होंगे उनको लेना है. क्योंकि हम मंत्री है तो ऐसा नहीं कह सकते हैं तो इन चीजों का आप खुद ख्याल करें. हम कहेंगे तो नेगेटिव बात होगी लेकिन आप यह कह सकते हैं कि बाहर के प्रोडक्शन को छोड़ने का काम करना है. तब आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा"- समीर महासेठ, उद्योग मंत्री, बिहार

क्षेत्रीय पार्टियों को टॉनिक देने का कामः बता दें कि एनडीए गठबंधन टूटने से पहले बीजेपी के एक बड़े नेता ने पटना में बयान दिया था कि क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करना है. जिसके बाद एनडीए गठबंधन टूटा और महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी थी उद्योग मंत्री के बयान से ऐसा लगता है कि क्षेत्रवाद की जहर को घोलकर मंत्री जी क्षेत्रीय पार्टियों को टॉनिक देने का काम कर रहे हैं. लेकिन उन्हें महाराष्ट्र, केरल सहित कई राज्यों के उन घटनाओं को नहीं भूलना चाहिए जिसमें इसी तरह के बयान बाजी के कारण देश में तनाव उत्पन्न हुआ था और अन्य राज्यों के लोगों को खदेड़ा गया था. जिसमें सबसे ज्यादा बिहारी थे. तब बिहार सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और अब कमोबेश बिहार सरकार के मंत्री भी उसी राह पर चल रहे हैं.

मंत्री के बयान ने विपक्ष को दिया मौकाः जिस प्रकार महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में आए दिन क्षेत्रवाद को लेकर विवाद चलता रहता है. निश्चित तौर पर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री के बयान ने एक बार फिर विपक्ष को मौका दे दिया है. साथ ही जिस प्रकार से उद्योग मंत्री ने बहाना बनाकर बिहार के बाहर बनने वाले प्रोडक्ट नकारने की बात बिहारियों को खुले मंच से सिखाई है और उसे सपोर्ट करने के लिए बाद में मीडिया को जीएसटी और अन्य टैक्सों का हवाला देते हुए सपोर्ट करने के लिए कहा है निश्चित तौर पर इस बयान के बाद विपक्ष का बखेड़ा खड़ा करना तो लाजमी ही है. अब देखना यह है इस बयान से सरकार को फायदा होता है या विपक्ष इस बयान को भी आड़े हाथों लेता है.

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