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भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रतिबद्धता को दर्शाता है : रक्षा मंत्रालय - Indo US military exercise

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में संपन्न दो दिन का सैन्य अभ्यास खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने तथा प्रतिबद्धता दोहराने की दिशा में एक और मील का पत्थर रहा है.

सैन्य अभ्यास
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Published : Jun 26, 2021, 4:24 AM IST

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने 23, 24 जून को हिंद महासागर में बहुआयामी युद्धाभ्यास किया जिसमें क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की स्थिति में अभियान संबंधी समन्वय को मजबूत करने के लिए वायु रक्षा प्लेटफॉर्मों की व्यूह-रचना शामिल है.

विमानवाहक पोत के साथ बड़ी संख्या में विध्वंसक जहाज

अमेरिका ने अभ्यास के लिए परमाणु संचालित विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन के नेतृत्व में अपने नौसैनिक बेड़े के साथ ही एफ-18 लड़ाकू विमानों तथा हर मौसम में उड़ान भर सकने वाले ई-2सी हॉक आई विमान के बेड़े को भी तैनात किया. युद्धाभ्यास में भारत की ओर से जगुआर तथा सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान, हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता वाले आईएल-78 विमान, अवाक्स (हवा में से चेतावनी और नियंत्रण करने की प्रणाली वाले) विमान तथा युद्धपोत कोच्चि एवं तेग शामिल हुए.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह अभ्यास समुद्रों की स्वतंत्रता तथा खुले समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने तथा साझेदार सेनाओं के रूप में साझा मूल्यों को रेखांकित करने की दिशा में एक और मील का पत्थर रहा. अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) इस समय हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात है. सीएसजी एक बड़ा नौसैनिक बेड़ा होता है जिसमें एक विमानवाहक पोत के साथ बड़ी संख्या में विध्वंसक जहाज तथा अन्य पोत होते हैं.

भारत-अमेरिका रक्षा संबंध पिछले कुछ सालों में मजबूत हुए हैं. अमेरिका ने जून 2016 में भारत को बड़ा रक्षा साझेदार कहा था.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने 23, 24 जून को हिंद महासागर में बहुआयामी युद्धाभ्यास किया जिसमें क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की स्थिति में अभियान संबंधी समन्वय को मजबूत करने के लिए वायु रक्षा प्लेटफॉर्मों की व्यूह-रचना शामिल है.

विमानवाहक पोत के साथ बड़ी संख्या में विध्वंसक जहाज

अमेरिका ने अभ्यास के लिए परमाणु संचालित विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन के नेतृत्व में अपने नौसैनिक बेड़े के साथ ही एफ-18 लड़ाकू विमानों तथा हर मौसम में उड़ान भर सकने वाले ई-2सी हॉक आई विमान के बेड़े को भी तैनात किया. युद्धाभ्यास में भारत की ओर से जगुआर तथा सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान, हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता वाले आईएल-78 विमान, अवाक्स (हवा में से चेतावनी और नियंत्रण करने की प्रणाली वाले) विमान तथा युद्धपोत कोच्चि एवं तेग शामिल हुए.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह अभ्यास समुद्रों की स्वतंत्रता तथा खुले समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने तथा साझेदार सेनाओं के रूप में साझा मूल्यों को रेखांकित करने की दिशा में एक और मील का पत्थर रहा. अमेरिकी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) इस समय हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात है. सीएसजी एक बड़ा नौसैनिक बेड़ा होता है जिसमें एक विमानवाहक पोत के साथ बड़ी संख्या में विध्वंसक जहाज तथा अन्य पोत होते हैं.

भारत-अमेरिका रक्षा संबंध पिछले कुछ सालों में मजबूत हुए हैं. अमेरिका ने जून 2016 में भारत को बड़ा रक्षा साझेदार कहा था.
(पीटीआई-भाषा)

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