हैदराबाद : भारत की न्यायिक रिपोर्ट में तेलंगाना ने बड़े और मध्यम आकार के राज्यों की रैंकिंग में सबसे ऊंची छलांग लगाई है. इसके साथ वह तीसरे स्थान पर पहुंच गया. 2019 में तेलंगाना 11वें नंबर पर था. तेलंगाना के अलावा बड़े और मध्यम आकार के राज्यों की रैंकिंग में झारखंड ने भी लंबी छलांग लगाई है. वह 2019 में 16वें स्थान पर था, जबकि इस बार वह बढ़कर आठवें स्थान पर आ गया है.
बड़े और मध्यम आकार के राज्यों की रैंकिंग में कर्नाटक ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. वह 2019 में जहां छठे स्थान पर था, अब 2020 में 14वें स्थान पर आ गया है. जबकि पश्चिम बंगाल 2019 में 12 से लुढ़कर 2020 में 17वें नबंर पर खिसक गया.
बता दें कि रिपोर्ट में न्याय के चार स्तंभों- पुलिस, जेल, न्यायपालिका और कानूनी सहायता के आधार पर राज्य के प्रदर्शन के अनुसार रैंकिंग का भी उल्लेख किया गया है.
इसमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उतराखंड और कर्नाटक ने सबसे खराब प्रदर्शन किया.
बिहार सबसे निचले स्थान पर रहा, जबकि पुलिस के प्रदर्शन में कर्नाटक सर्वोच्च स्थान पर रहा.
अगर बात की कैदियों की बात आती है, तो राजस्थान पहले नंबर पर है, जबकि उत्तराखंड को अंतिम स्थान दिया गया है.
न्यायपालिका का प्रदर्शन तमिलनाडु में सबसे अच्छा रहा, जबकि बिहार सबसे नीचे रहा.
कानूनी सहायता प्रदान करने के मामले में महाराष्ट्र को पहला स्थान दिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश को सबसे नीचे स्थान दिया गया है. तेलंगाना के अलावा बड़े और मध्यम आकार के राज्यों की रैंकिंग में झारखंड ने भी लंबी छलांग लगाई है. वह 2019 में 16वें स्थान पर था, जबकि इस बार वह बढ़कर आठवें स्थान पर आ गया है.
पढ़ें- बेलगावी के मराठी लोगों का ठाकरे को जवाब, भगवान का शुक्र है हम कर्नाटक में रह रहे हैं