कोयंबटूर (तमिलनाडु) : एक निजी कंपनी के द्वारा बनाई गई भारत की पहली स्वदेशी निर्मित होवरक्राफ्ट बोट का सफल परीक्षण किया गया. होवरक्राफ्ट का फिलहाल 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया गया है. ऐसे में कंपनी ने देश में पहली बार पानी और जमीन पर चलने के लिए करीब 50 लाख रुपये की लागत से होवरक्राफ्ट नाव का निर्माण किया है.
यूरोटेक पिवोट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई होवरक्राफ्ट बोट पानी, जमीन और बर्फीले इलाकों में अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार तक चल सकती है. इस बोट को 100 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
कनाडा की एक निजी कंपनी के सहयोग से तैयार किए गए इस होवरक्राफ्ट का उपयोग तूफान और बाढ़ सहित प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों, तटीय रक्षा और नौसेना निगरानी और आपात स्थिति में चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है. इसमें प्रति घंटे लगभग 20 से 25 लीटर ईंधन की खपत होती है. ट्रायल रन अग्निशमन विभाग और बचाव दल के संरक्षण में सुलूर के एक छोटे तालाब में आयोजित किया गया था. इस दौरान आस-पास के लोगों ने होवरक्राफ्ट को पानी में तैरते हुए देखा और तस्वीरें लीं.
इस बारे में यूरोटेक पिवोट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुप्रिता चंद्रशेखर ने बताया कि कोयंबटूर सुलूर झील में स्वदेश निर्मित होवरक्राफ्ट नाव का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया. उन्होंने कहा कि यह एक उभयचर वाहन है जो सभी इलाकों में काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि होवरक्राफ्ट का निर्माण मेक इन इंडिया योजना के तहत किया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में लागत प्रभावी है.
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