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भारत के दूरसंचार एफडीआई में पिछले साल 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई - अधिक की गिरावट आई

भारत के दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. इस बारे में लोकसभा में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आंकडे़ साझा किए गए हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट..

दूरसंचार एफडीआई
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Published : Aug 5, 2021, 4:49 PM IST

नई दिल्ली : पिछले वित्त वर्ष में भारत के दूरसंचार एफडीआई में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. आधिकारिक नये डाटा के मुताबिक यह उन क्षेत्रों में से एक है जहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कोविड -19 वैश्विक महामारी की वजह से काफी कम हो गया था, क्योंकि दूरसंचार में एफडीआई $ 4,400 मिलियन से अधिक के उच्च स्तर से घटकर केवल एक वर्ष में $ 400 मिलियन से कम हो गई थी.

इस संबंध में लोकसभा में संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत को वित्त वर्ष 2018-19 में दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में $ 2667.91 मिलियन प्राप्त हुए. इसके अलावा वित्त वर्ष 2018-19 में इस क्षेत्र में प्राप्त FDI की तुलना में दूरसंचार क्षेत्र में FDI में अचानक $4,445.16 मिलियन यानी 1,777.25 मिलियन की या 66 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई.

ये भी पढ़ें- कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया के गैर कार्यकारी अध्यक्ष पद छोड़ा

हालांकि, कोविड -19 वैश्विक महामारी की अवधि के दौरान दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई निवेश में भारी गिरावट आई. इसकी वजह से देश में 4,26,000 से अधिक लोगों और दुनिया भर में 4.2 मिलियन से अधिक लोगों की जान चली गई. पिछले साल, देश को केवल 392.11 मिलियन डॉलर मिले जो कि 2019-20 में दूरसंचार क्षेत्र में प्राप्त एफडीआई की तुलना में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट है.

इस साल स्थिति में सुधार हो सकता है क्योंकि देश ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में दूरसंचार क्षेत्र में $ 295.92 मिलियन एफडीआई प्राप्त किया, जो कि पिछले साल दूरसंचार क्षेत्र में प्राप्त कुल एफडीआई का 75 फीसदी से अधिक है.

दो लोकसभा सदस्यों, हीना गावित और उनमेश भैया साहब पटेल के एक सवाल के जवाब में संचार और आईटी मंत्री वैष्णव ने बताया कि हालांकि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (NDPC), 2018 का उद्देश्य डिजिटल संचार क्षेत्र में $ 100 बिलियन का निवेश आकर्षित करना है. लेकिन नीति में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का कोई विशेष लक्ष्य नहीं है.

नई दिल्ली : पिछले वित्त वर्ष में भारत के दूरसंचार एफडीआई में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. आधिकारिक नये डाटा के मुताबिक यह उन क्षेत्रों में से एक है जहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कोविड -19 वैश्विक महामारी की वजह से काफी कम हो गया था, क्योंकि दूरसंचार में एफडीआई $ 4,400 मिलियन से अधिक के उच्च स्तर से घटकर केवल एक वर्ष में $ 400 मिलियन से कम हो गई थी.

इस संबंध में लोकसभा में संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत को वित्त वर्ष 2018-19 में दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में $ 2667.91 मिलियन प्राप्त हुए. इसके अलावा वित्त वर्ष 2018-19 में इस क्षेत्र में प्राप्त FDI की तुलना में दूरसंचार क्षेत्र में FDI में अचानक $4,445.16 मिलियन यानी 1,777.25 मिलियन की या 66 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई.

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हालांकि, कोविड -19 वैश्विक महामारी की अवधि के दौरान दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई निवेश में भारी गिरावट आई. इसकी वजह से देश में 4,26,000 से अधिक लोगों और दुनिया भर में 4.2 मिलियन से अधिक लोगों की जान चली गई. पिछले साल, देश को केवल 392.11 मिलियन डॉलर मिले जो कि 2019-20 में दूरसंचार क्षेत्र में प्राप्त एफडीआई की तुलना में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट है.

इस साल स्थिति में सुधार हो सकता है क्योंकि देश ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में दूरसंचार क्षेत्र में $ 295.92 मिलियन एफडीआई प्राप्त किया, जो कि पिछले साल दूरसंचार क्षेत्र में प्राप्त कुल एफडीआई का 75 फीसदी से अधिक है.

दो लोकसभा सदस्यों, हीना गावित और उनमेश भैया साहब पटेल के एक सवाल के जवाब में संचार और आईटी मंत्री वैष्णव ने बताया कि हालांकि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (NDPC), 2018 का उद्देश्य डिजिटल संचार क्षेत्र में $ 100 बिलियन का निवेश आकर्षित करना है. लेकिन नीति में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का कोई विशेष लक्ष्य नहीं है.

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