नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयर इंडिया वन विमान से अमेरिका के लिए प्रस्थान कर चुके हैं. पीएम के विमान की क्या खासियत है और यह विमान कितना सुरक्षित है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
एयर इंडिया वन विमान नई दिल्ली से उड़ान भर चुका है. इसकी लैंडिंग वाशिंगटन में होगी. इस विमान में इतना इंधन उपलब्ध है कि इसे रीफ्यूलिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी. एयर इंडिया वन विमान को बोइंग कंपनी ने तैयार किया है. भारत ने इसे 2020 में हासिल किया था. इससे पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए बोइंग 747 और बोइंग 777 का प्रयोग किया जाता था. इसका मैंटनेंस एयर इंडिया करता है और इंडियन एयर फोर्स के पायलट इसे ऑपरेट करते हैं. इस विमान को बोइंग 777-300ईआर कहा जाता है.
विमान को भारत की जरूरत के हिसाब से कस्टमाइज किया गया है. इसमें मिसाइल डिफेंस सिस्टम फिट किया गया है. रास्ते में अगर किसी भी तरह की मिसाइल से हमला किया गया, तो यह अपने मकसद में कभी भी कामयाब नहीं हो पाएगा. अमेरिका के सबसे सुरक्षित विमान 'एयर फोर्स वन' की तरह इस विमान में भी सुरक्षा के सभी आधुनिकतम उपकरणों को तैनात किया गया है. सुरक्षा को बेहतर करने के लिए विमान में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटर मेजर्स और सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स को फिट किया गया है. यह विमान की ओर आने वाले मिसाइल की दिशा बदल सकता है और उसे नष्ट भी कर सकता है.
विमान में एनक्रिप्टेड सैटेलाइट कम्युनिकेशन फैसिलिटीज हैं. संचार के लिए आर्ट ऑफ द स्टेट सिस्टम का उपयोग किया गया है. संचार की इस व्यवस्था की खासियत यह है कि इसे कोई भी न तो हैक कर सकता है और न ही ट्रैक कर सकता है. प्रधानंत्री किसी भी ऑडिया या फिर वीडियो कॉल को सुरक्षित तरीके से अटैंड कर सकते हैं. विमान में ऑफिस के अलावा बेडरूम भी है. विमान की बॉडी पर अशोक स्तंभ प्रिंटेड है. विमान के एक साइड में भारत और दूसरी साइड में इंडिया लगता है. इसके नीचे तिरंगा प्रिंटेड है. विमान के पिछले हिस्से पर भी तिरंगा प्रिंटेड है.
ऐसा कहा जाता है कि न्यूक्लियर विस्फोट हो जाए फिर भी इस विमान की वायरिंग खराब नहीं हो सकती है. इसकी वायरिंग की लंबाई 238 मील है. विमान में इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमीजर्स लगे हैं. यह एडवांस्ड मिसाइल वार्निंग सिस्टम से लैस है.
इस विमान की स्पीड कितनी है- इस विमान की स्पीड आम तौर पर 559 मील प्रति घंटे होती है. भारत से अमेरिका पहुंचने में विमान को 15.50 घंटे लगेंगे. दोनों देशों के बीच की दूरी 12039 किलोमीटर है. यह विमान पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, रूस, स्वीडन, नार्वे सी,र ग्रीनलैंड, लेब्रेडोर सी, कनाडा होते हुए अमेरिका पहुंचेगा. भारत सरकार ने ऐसी दो विमान की खरीद की है. दोनों विमानों की कुल कीमत 8400 करोड़ बताई गई है.
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