नई दिल्ली : हिंद महासागर में चीन से बढ़ती चुनौतियों के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अरब सागर में एक मिशन को अंजाम दिया, जिसके तहत दो विमान वाहक, कई युद्धपोत, पनडुब्बियों और 35 से अधिक अग्रिम पंक्ति के विमानों ने हिस्सा लिया.
-
#WATCH | Indian Navy undertakes twin-carrier CBG ops with more than 35 aircraft in the Arabian Sea, demonstrating its formidable capability in ensuring sustained air operations across the maritime expanse & underscoring commitment to safeguarding India’s national interests. pic.twitter.com/tbgvnIMa13
— ANI (@ANI) June 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | Indian Navy undertakes twin-carrier CBG ops with more than 35 aircraft in the Arabian Sea, demonstrating its formidable capability in ensuring sustained air operations across the maritime expanse & underscoring commitment to safeguarding India’s national interests. pic.twitter.com/tbgvnIMa13
— ANI (@ANI) June 10, 2023#WATCH | Indian Navy undertakes twin-carrier CBG ops with more than 35 aircraft in the Arabian Sea, demonstrating its formidable capability in ensuring sustained air operations across the maritime expanse & underscoring commitment to safeguarding India’s national interests. pic.twitter.com/tbgvnIMa13
— ANI (@ANI) June 10, 2023
नौसेना के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत इस अभ्यास के केंद्रबिंदु थे. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'अभ्यास हिंद महासागर और उससे आगे समुद्री सुरक्षा व शक्ति-प्रक्षेपण को बढ़ाने की भारतीय नौसेना की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.'
बयान में कहा गया है कि इस अभ्यास में दो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेश निर्मित आईएनएस विक्रांत के साथ-साथ जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों के विविध बेड़े का सहज एकीकरण शामिल है, जो समुद्री क्षेत्र में भारत की तकनीकी विशेषज्ञता को प्रदर्शित करता है.
बयान में कहा गया है कि जैसा कि भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना जारी रखे है, देश की रक्षा रणनीति को आकार देने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में विमान वाहक का महत्व सर्वोपरि रहेगा. अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास हाल ही में आयोजित किया गया.
गौरतलब है कि हाल ही में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए एक और उपलब्धि हासिल करते हुए एक मिग-29के लड़ाकू विमान ने बुधवार को अरब सागर में उसके विशाल डेक पर रात में लैंडिंग की थी. नौसेना ने कहा कि 'चुनौतीपूर्ण' नाइट लैंडिंग टेस्ट ने नौसैनिक पायलटों और 45,000 टन के आईएनएस विक्रांत के चालक दल के 'संकल्प, कौशल और व्यावसायिकता' का प्रदर्शन किया, जिसके अगले साल की शुरुआत में अपने 'एयर विंग' के साथ पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें- |
(एजेंसी)