बाड़मेर. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर स्थित बाड़मेर जिले में गुरुवार रात भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग 21 क्रैश (Mig 21 crash in barmer) हो गया. हादसे के बाद करीब एक किलोमीटर के इलाके में विमान का मलबा फैल गया और उसमें भयंकर आग लग गई. विमान में मौजूद दोनों पायलटों की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल तो गया लेकिन दोनों शहीद हो गए. मिग क्रैश की घटना से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है. इस मामले की गहनता से जांच करवाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है.
सूचना के मुताबिक रात करीब 9 बजे जिले के बायतु थाना क्षेत्र के भीमड़ा गांव में भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग 21 क्रैश हो गया था. क्रैश होने के साथ विमान में आग भी लग गई. हादसे में दोनों पायलट शहीद हो गए. घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है. सूचना मिलते ही पुलिस सहित जिला प्रशासन की टीम और दमकल की गाड़ियां घटना स्थल पर पहुंचीं.
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भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर दी जानकारी: हादसे की जानकारी मिलने के बाद वायु सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं. भारतीय वायुसेना ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि दुर्घटना में मिग-21 ट्रेनर विमान के दो पायलट शहीद हो गए हैं. पायलटों के शहीद होने पर वायुसेना ने शोक जताया. ट्वीट में MoD के प्रवक्ता ने दोनों पायलट की शहादत को नमन किया है. इनमें से एक विंग कमांडर एम राणा हैं जो हिमाचल प्रदेश के मंडी से थे और दूसरे फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर का बताया जा रहा है.
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के दिए आदेश : दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया (indian air force gave orders for court of inquiry) है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बाड़मेर में मिग-21 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से बात की. वायुसेना प्रमुख ने उन्हें घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
खुद को मिटा बचाई कईयों की जान: दोनों पायलट्स ने सूझबूझ और अदम्य साहस का उदाहरण पेश किया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मिग आसमान में ही आग का गोला सा बन गया था और गांव के चारों ओर चक्कर काट रहा था. पायलट सुरक्षित जगह पर प्लेन लैंड कराना चाहते थे. उपाधीक्षक जग्गूराम ने बताया कि विमान गांव के ऊपर से गुजर रहा था. इस दौरान उसमें आग लग गई. दोनों पायलटों ने विमान को खाली जगह पर लैंड करवाने की कोशिश की, लेकिन विमान क्रैश हो गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान में आग लगी थी. उन्होंने देखा की गांव के ऊपर विमान चक्कर काट रहा था, ऐसे में पायलट ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर विमान को गांव से दूर खाली जगह पर लैंड करवाने की कोशिश की, लेकिन विमान क्रैश कर गया. प्लेन अगर गांव में क्रैश होता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था. लेकिन दोनों की सूझबूझ से यह हादसा टल गया.
उड़ता ताबूत यूं ही नहीं कहते: मिग 21 को रक्षा विशेषज्ञ Flying Coffin यानी उड़ता ताबूत कहते रहे हैं. मिग 21 क्रैश का इतिहास डराता है. एक अनुमान के मुताबिक 1971-72 से आज की तारीख तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो चुके हैं. ये रशियन ओरिजिन का है. पहले वन सिटर ही था. भारत में जनवरी 2021 से अब तक करीब 6 मिग 21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिनमें 5 पायलट की जान चली गई. बाड़मेर की ही बात करें तो 2015 से 2022 तक 4 मिग 21(Bison भी) क्रैश हुए हैं. जिनमें से 2022 को छोड़कर बाकी 3 बार पायलट सुरक्षित रहे हैं.
बाड़मेर में 2015 से अब तक हुए MIG 21 क्रैश पर एक नजर
27 जनवरी 2015: बाड़मेर के शिवकर रोड पर मिग-21 क्रैश
10 सितंबर 2016: मालियों की ढाणी में मिग-21 क्रैश
25 अगस्त 2021: मातासर भुरटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश
28 जुलाई 2022: भीमड़ा गांव में मिग-21 बाइसन क्रैश