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वायु सेना प्रमुख भदौरिया की चीन को नसीहत, वैश्विक मोर्चे पर भारत से संघर्ष सही नहीं - भारत चीन संघर्ष

भारत और चीन तनाव को लेकर भारतीय वायु सेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा वैश्विक मोर्चे पर चीन के लिए भारत-चीन संघर्ष सही नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 29, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 8:59 PM IST

नई दिल्ली : भारत-चीन तनाव पर चर्चा करते हुए भारतीय वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक मोर्चे पर बढ़ती अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया है. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इसने वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है.

वायु सेना प्रमुख भदौरिया

उन्होंने कहा कि चीन की नीति में पाकिस्तान मोहरा बन गया है, भविष्य में सीपीईसी से संबंधित बढ़ते कर्ज के जाल में पाकिस्तान की चीन पर सैन्य निर्भरता होगी. अफगानिस्तान से अमेरिका के बाहर निकलने के बाद क्षेत्र और पाकिस्तान दोनों के माध्यम से चीन के पास विकल्प खुले हुए हैं.

आरकेएस भदौरिया ने कहा कि ड्रोन जैसे सरल विघटनकारी प्रौद्योगिकियों की कम लागत और आसान उपलब्धता ने उन्हें अधिक घातक, चुस्त और प्रतिकूल प्रभाव पैदा करने में सक्षम बना दिया है.

पढ़ें :- चीन के साथ एलएसी गतिरोध के बीच भारत ने 'दागी' 10 आकाश मिसाइलें

वैश्विक मोर्चे पर चीन के लिए भारत-चीन संघर्ष सही नहीं है. यदि चीनी आकांक्षाएं वैश्विक हैं, तो यह उनकी भव्य योजना के अनुरूप नहीं है. उत्तर में उनकी कार्रवाई के लिए चीनी उद्देश्य क्या संभव हो सकते हैं? हमारा यह जानना जरूरी है कि उन्होंने वास्तव में क्या हासिल किया है.

नई दिल्ली : भारत-चीन तनाव पर चर्चा करते हुए भारतीय वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक मोर्चे पर बढ़ती अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया है. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इसने वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है.

वायु सेना प्रमुख भदौरिया

उन्होंने कहा कि चीन की नीति में पाकिस्तान मोहरा बन गया है, भविष्य में सीपीईसी से संबंधित बढ़ते कर्ज के जाल में पाकिस्तान की चीन पर सैन्य निर्भरता होगी. अफगानिस्तान से अमेरिका के बाहर निकलने के बाद क्षेत्र और पाकिस्तान दोनों के माध्यम से चीन के पास विकल्प खुले हुए हैं.

आरकेएस भदौरिया ने कहा कि ड्रोन जैसे सरल विघटनकारी प्रौद्योगिकियों की कम लागत और आसान उपलब्धता ने उन्हें अधिक घातक, चुस्त और प्रतिकूल प्रभाव पैदा करने में सक्षम बना दिया है.

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वैश्विक मोर्चे पर चीन के लिए भारत-चीन संघर्ष सही नहीं है. यदि चीनी आकांक्षाएं वैश्विक हैं, तो यह उनकी भव्य योजना के अनुरूप नहीं है. उत्तर में उनकी कार्रवाई के लिए चीनी उद्देश्य क्या संभव हो सकते हैं? हमारा यह जानना जरूरी है कि उन्होंने वास्तव में क्या हासिल किया है.

Last Updated : Dec 29, 2020, 8:59 PM IST
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