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भारत-जिम्बाब्वे ने की द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा, सहयोग बढ़ाने पर जोर

भारत और जिम्बाब्वे के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए दूसरे दौर की द्विपक्षीय वार्ता हुई (India Zimbabwe reviews bilateral ties). दोनों देशों ने निवेश, विकास साझेदारी, रक्षा, कांसुलर मुद्दों, कृषि, स्वास्थ्य और रेलवे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.

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भारत जिम्बाब्वे
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Published : Sep 29, 2022, 4:11 PM IST

नई दिल्ली: भारत और जिम्बाब्वे (India Zimbabwe ) ने गुरुवार को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की. नई दिल्ली में आयोजित भारत और जिम्बाब्वे के बीच दूसरे विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के दौरान दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए इन संबंधों को और आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की.

भारतीय पक्ष का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका) पुनीत आर. कुंडल ने किया, जबकि जिम्बाब्वे के पक्ष का नेतृत्व वहां के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और प्रवासी मामलों के मुख्य निदेशक फरानीसी ने किया.

बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए इन संबंधों को और आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की. दोनों पक्षों ने साझेदारी की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए द्विपक्षीय राजनीतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया. प्रतिनिधिमंडल ने व्यापार और निवेश, विकास साझेदारी, रक्षा, कांसुलर मुद्दों, कृषि, स्वास्थ्य और रेलवे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.

दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों पक्षों ने साझेदारी को जीवंत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बनाए रखने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान और संयुक्त संस्थागत तंत्र की नियमित बैठकों को जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की. बातचीत मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. अगले दौर की वार्ता हरारे में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की गई. गौरतलब है दोनों देशों के बीच काफी समय से बेहतर संबंध रहे हैं.

पढ़ें- भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गोटबाया राजपक्षे से की मुलाकात

नई दिल्ली: भारत और जिम्बाब्वे (India Zimbabwe ) ने गुरुवार को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की. नई दिल्ली में आयोजित भारत और जिम्बाब्वे के बीच दूसरे विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के दौरान दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए इन संबंधों को और आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की.

भारतीय पक्ष का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका) पुनीत आर. कुंडल ने किया, जबकि जिम्बाब्वे के पक्ष का नेतृत्व वहां के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और प्रवासी मामलों के मुख्य निदेशक फरानीसी ने किया.

बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए इन संबंधों को और आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की. दोनों पक्षों ने साझेदारी की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए द्विपक्षीय राजनीतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया. प्रतिनिधिमंडल ने व्यापार और निवेश, विकास साझेदारी, रक्षा, कांसुलर मुद्दों, कृषि, स्वास्थ्य और रेलवे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.

दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों पक्षों ने साझेदारी को जीवंत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बनाए रखने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान और संयुक्त संस्थागत तंत्र की नियमित बैठकों को जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की. बातचीत मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. अगले दौर की वार्ता हरारे में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की गई. गौरतलब है दोनों देशों के बीच काफी समय से बेहतर संबंध रहे हैं.

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