कोलकाता: केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र ने देश का नाम इंडिया से भारत करने के लिए यह संसद सत्र बुलाया है और इसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म है, इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार की आलोचना की. देश के नाम के अलावा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर भी ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं.
चंद्रबाबू नायडू का समर्थन करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार को उनकी जांच करने का अधिकार है. लेकिन बदले की राजनीति स्वीकार्य नहीं है. किसी को भी बदले की भावना से कुछ नहीं करना चाहिए. ऐसा करना आगे चलकर उनके लिए ख़तरनाक हो सकता है. हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पर पहले से कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं.
बल्कि वह इस बारे में सोच कर फैसला लेना चाहती है. मुख्यमंत्री मंगलवार को 12 दिवसीय यूरोप दौरे पर निकल रही हैं. ममता बनर्जी राज्य में विश्व बंगाल व्यापार सम्मेलन से पहले स्पेन और दुबई में व्यापारिक समुदाय से मिलने वाली हैं. दौरे से पहले, ममता बनर्जी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के नाम परिवर्तन के कयासों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की.
ममता बनर्जी ने कहा कि देखिये, हम अपने देश को भारत भी कहते हैं. किसी ने कहा कि 'इंडिया' को कोई समस्या नहीं है. लेकिन वे 'भारत' को बाहर करना चाहते हैं. ये सही नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान का पहला पन्ना कहता है कि 'हम भारत के लोग...' मुख्यमंत्री ने संविधान में संशोधन किए बिना इंडिया को हटाए जाने पर अपनी आपत्ति स्पष्ट की. उनके मुताबिक सरकार का ये फैसला अलोकतांत्रिक है.
ममता ने सोमवार को कहा कि मुझे किसी के द्वारा भरत कहे जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इंडिया को बाहर करने की भी जरूरत नहीं है. हमारे पासपोर्ट पर भी 'रिपब्लिक ऑफ इंडिया' लिखा होता है. बाबा साहेब अम्बेडकर ने जिस संविधान पर देश का शासन चलता है, उसे लिखा है, उसमें इंडिया शब्द भी लिखा है. देश के कुछ लोग इसे इंडिया कहना पसंद करते हैं, हालांकि कुछ लोग भारत भी कहते हैं.
उन्होंने कहा कि हम बंगाली इसे भारतवर्ष कहते हैं - यह सब व्यक्तिगत पसंद का मामला है. हम कभी भी भारत माता का अपमान नहीं करते. लेकिन नाम तो भारत माता का है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि इंडिया नाम हटाने की केंद्र की पहल के पीछे इंडिया गठबंधन का डर है. विपक्ष के गठबंधन के चलते नाम बदलने का कदम उठाया जा रहा है.
इसके अलावा ममता बनर्जी जी20 में बीजेपी के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के चिह्न को जी20 का लोगो बना दिया गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए. एक पार्टी का चिन्ह किसी देश का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इसका विरोध नहीं कर रही हूं, लेकिन इस पर विचार करना जरूरी है.