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अरब सागर में भारत और ब्रिटेन की सेना के तीनों अंगों का विशाल युद्धाभ्यास - युद्ध अभ्यास कोंकण शक्ति

युद्ध अभ्यास में भारतीय और यूके सशस्त्र बलों की सभी तीन सेवाओं ने भाग लिया. इसका उद्देश्य एक-दूसरे के सैन्य अनुभवों से पारस्परिक लाभ प्राप्त करना है.

युद्ध अभ्यास कोंकण शक्ति
युद्ध अभ्यास कोंकण शक्ति
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Published : Oct 26, 2021, 2:12 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 5:42 PM IST

नई दिल्ली : नई दिल्ली : भारत और ब्रिटेन सेना के तीनों अंगों के युद्धभ्यास के तहत अरब सागर में जटिल सैन्य अभ्यास चल रहा है. इसे दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे महत्वकांक्षी युद्धाभ्यास बताया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि 21 अक्टूबर से 'कोंकण शक्ति' नाम से शुरू एक सप्ताह के युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) और दोनों देशों की नौसेनाओं के कई अग्रिम मोर्चा संभालने वाले पोत हिस्सा ले रहे हैं.

कैरियर बैटल ग्रुप या कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ब्रिटिश नौसना का विशाल बेड़ा है जिसमें विमानवाहक पोत शामिल है. इनके अलावा इनमें बड़ी संख्या में विध्वंसक पोत, फ्रिगेट और अन्य पोत है. अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की नौसना सबसे बड़ी है जो भारत के साथ त्रिसेवा युद्धाभ्यास कर रही है.

अधिकारियों ने बताया कि युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का मिग-29के लड़ाकू विमान, रॉयल नेवी का एफ-35बी लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना का सुखोई-30 और जगुआर लड़ाकू विमान प्रमुख है.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि त्रिसेवा युद्धाभ्यास का समुद्री चरण अरब सागर में कोंकण तट पर रविवार को बंदरगाह पर हुए अभ्यास के समापन के बाद शुरू हुआ.

ब्रिटिश उच्चायोग ने बताया कि दोनों देशों की सेना के तीनों अंगों के कर्मी इस त्रिसेवा युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. उच्चायोग ने इसे दोनों देशों के बीच अब तक कस सबसे महत्वकांक्षी युद्धाभ्यास करार दिया.

उच्चायोग ने कहा कि यह युद्धाभ्यास रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों की ओर एक और कदम है और इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा.

ब्रिटिश नौसेना के फर्स्ट सी लॉर्ड एडमिरल और चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल टोनी रैडकिन ने कहा, सीएसजी की भारत के साथ संबंध दोनों देशों के विस्तृत रणनीतिक साझेदारी को दिखाते हैं. भारतीय और रॉयल नेवी समुद्री क्षेत्र और बहु पोतों वाली नौसेना है जो हमें विशेष समूह में स्थान देती है.

नई दिल्ली : नई दिल्ली : भारत और ब्रिटेन सेना के तीनों अंगों के युद्धभ्यास के तहत अरब सागर में जटिल सैन्य अभ्यास चल रहा है. इसे दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे महत्वकांक्षी युद्धाभ्यास बताया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि 21 अक्टूबर से 'कोंकण शक्ति' नाम से शुरू एक सप्ताह के युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) और दोनों देशों की नौसेनाओं के कई अग्रिम मोर्चा संभालने वाले पोत हिस्सा ले रहे हैं.

कैरियर बैटल ग्रुप या कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ब्रिटिश नौसना का विशाल बेड़ा है जिसमें विमानवाहक पोत शामिल है. इनके अलावा इनमें बड़ी संख्या में विध्वंसक पोत, फ्रिगेट और अन्य पोत है. अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की नौसना सबसे बड़ी है जो भारत के साथ त्रिसेवा युद्धाभ्यास कर रही है.

अधिकारियों ने बताया कि युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का मिग-29के लड़ाकू विमान, रॉयल नेवी का एफ-35बी लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना का सुखोई-30 और जगुआर लड़ाकू विमान प्रमुख है.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि त्रिसेवा युद्धाभ्यास का समुद्री चरण अरब सागर में कोंकण तट पर रविवार को बंदरगाह पर हुए अभ्यास के समापन के बाद शुरू हुआ.

ब्रिटिश उच्चायोग ने बताया कि दोनों देशों की सेना के तीनों अंगों के कर्मी इस त्रिसेवा युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. उच्चायोग ने इसे दोनों देशों के बीच अब तक कस सबसे महत्वकांक्षी युद्धाभ्यास करार दिया.

उच्चायोग ने कहा कि यह युद्धाभ्यास रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों की ओर एक और कदम है और इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा.

ब्रिटिश नौसेना के फर्स्ट सी लॉर्ड एडमिरल और चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल टोनी रैडकिन ने कहा, सीएसजी की भारत के साथ संबंध दोनों देशों के विस्तृत रणनीतिक साझेदारी को दिखाते हैं. भारतीय और रॉयल नेवी समुद्री क्षेत्र और बहु पोतों वाली नौसेना है जो हमें विशेष समूह में स्थान देती है.

Last Updated : Oct 26, 2021, 5:42 PM IST
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