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सामरिक रणनीति के तहत चीन की सीमा से महज 25 किमी दूर तैनात हुआ अपाचे

चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना का अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर चीन के साथ सीमा से महज 25 किमी दूर दुनिया के सबसे ऊंचे उन्नत लैंडिंग ग्राउंड में से एक लद्दाख में अपनी कम उड़ान संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया.

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Published : Aug 8, 2021, 8:57 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के विशेष बलों ने लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर चिनूक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर से विशेष अभियान चलाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है. अपाचे हेलीकॉप्टर की डिजिटल कनेक्टिविटी और अत्याधुनिक सूचना प्रणाली इसे घातक बनाती है.

वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अजय राठी ने कहा कि न्योमा में हवाई संचालन बुनियादी ढांचा बलों की परिचालन क्षमता को बढ़ाता है. यह पूर्वी लद्दाख की आबादी के लिए कनेक्टिविटी में भी सुधार करता है.

  • #WATCH Nyoma ALG, Ladakh | IAF's Apache attack helicopter showcases its low flying operational capability at one of the world’s highest advanced landing grounds merely 25 km from border with China. The Apaches have been operating in the Ladakh area since May-June last year pic.twitter.com/jDx3OlJXza

    — ANI (@ANI) August 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट होने के कारण न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) का सामरिक महत्व है. यह लेह हवाई क्षेत्र और एलएसी के बीच महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है, जिससे पूर्वी लद्दाख में पुरुषों और सामग्री की त्वरित आवाजाही संभव होगी.

भारतीय वायु सेना के विशेष बलों ने लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर से विशेष अभियान चलाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है.

यह भी पढ़ें-राफेल या सुखोई, एमआई-17 या अपाचे वायुसेना के लिए एकीकरण कितनी बड़ी समस्या ?

अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर चीन के साथ सीमा से महज 25 किमी दूर दुनिया के सबसे ऊंचे उन्नत लैंडिंग ग्राउंड में से एक में अपनी कम उड़ान संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया है. अपाचे लद्दाख क्षेत्र में पिछले साल मई-जून से काम कर रहे हैं.

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के विशेष बलों ने लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर चिनूक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर से विशेष अभियान चलाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है. अपाचे हेलीकॉप्टर की डिजिटल कनेक्टिविटी और अत्याधुनिक सूचना प्रणाली इसे घातक बनाती है.

वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अजय राठी ने कहा कि न्योमा में हवाई संचालन बुनियादी ढांचा बलों की परिचालन क्षमता को बढ़ाता है. यह पूर्वी लद्दाख की आबादी के लिए कनेक्टिविटी में भी सुधार करता है.

  • #WATCH Nyoma ALG, Ladakh | IAF's Apache attack helicopter showcases its low flying operational capability at one of the world’s highest advanced landing grounds merely 25 km from border with China. The Apaches have been operating in the Ladakh area since May-June last year pic.twitter.com/jDx3OlJXza

    — ANI (@ANI) August 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट होने के कारण न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) का सामरिक महत्व है. यह लेह हवाई क्षेत्र और एलएसी के बीच महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है, जिससे पूर्वी लद्दाख में पुरुषों और सामग्री की त्वरित आवाजाही संभव होगी.

भारतीय वायु सेना के विशेष बलों ने लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर से विशेष अभियान चलाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है.

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अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर चीन के साथ सीमा से महज 25 किमी दूर दुनिया के सबसे ऊंचे उन्नत लैंडिंग ग्राउंड में से एक में अपनी कम उड़ान संचालन क्षमता का प्रदर्शन किया है. अपाचे लद्दाख क्षेत्र में पिछले साल मई-जून से काम कर रहे हैं.

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