नई दिल्ली : भारत 2047 तक विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है क्योंकि देश तेजी से अपने बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण कर रहा है. उक्त बातें केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ( Union Minister for Power and New & Renewable Energy RK Singh) ने आठ बुनियादी ढांचे से संबंधित विभागों के सचिवों के साथ मीडिया से बात करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि भारत अगले दो से तीन साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
उन्होंने कहा कि कि हमने पूरे देश को जोड़ा, हमने अपने देश को बिजली की कमी को सरप्लस बिजली में बदल दिया. आज हमारी क्षमता 421000 मेगावाट है जबकि डिमांड 223000 मेगावाट है. ये लगभग दोगुनी है. हम और क्षमता बढ़ा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास की गति बहुत तेज है. 2014 में एनडीए सरकार आने के बाद इस मकसद के लिए पूंजीगत व्यय करीब पांच गुना बढ़ गया है. ये राशि 2019 तीन गुना हो गई है.
उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे की तरक्की को दिखाने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, एक्सप्रेसवे नेटवर्क के विस्तार और देश में हवाई अड्डों की मिसाल दी. उन्होंने कहा कि पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेश कॉरिडोर इसी साल पूरा हो जाएगा. श्रीनगर से जुड़ा ये लिंक 2004 में शुरू किया गया था लेकिन इसमें ज्यादा प्रगति नहीं हुई है, इसे देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा. पूर्वोत्तर राज्यों में हमने सिक्किम को छोड़कर सभी राज्यों को जोड़ दिया है.
अधिकारियों के अनुसार 5जी दूरसंचार सेवाओं में तेजी से अमल और नई 6जी तकनीक में रिसर्च से देश के संचार के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी. इस बारे में दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त सचिव वीएल कांता राव ने कहा कि प्रधानमंत्री की हाल की अमेरिका यात्रा में हमने 5जी मानकों, सेवाओं और उत्पादों में फ्रंट एंड अनुसंधान और विकास करने के लिए अमेरिकी एजेंसियों के साथ सहयोग भी शुरू किया है. बता दें कि इस सेक्टर में सरकार का खर्च 2021-22 में 5.5 लाख करोड़ रुपये, 2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये था जो 2023-24 में बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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(पीटीआई)