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भारत, सिंगापुर ने किया तीन दिवसीय नौसैन्य अभ्यास

भारत और सिंगापुर ने दक्षिण चीन सागर के दक्षिणी किनारे पर तीन दिन तक नौसैन्य अभ्यास (naval exercise) किया. ये अभ्यास इसलिए भी अहम है क्योंकि आमतौर पर दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दबदबा बनाने की हरसंभव कोशिश करता है.

नौसैन्य अभ्यास
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Published : Sep 4, 2021, 8:57 PM IST

नई दिल्ली : भारत और सिंगापुर ने पिछले तीन दिनों में दक्षिण चीन सागर के दक्षिणी किनारे पर एक नौसैन्य अभ्यास किया है. अधिकारियों ने बताया कि सिंगापुर और भारत की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास (सिम्बेक्स) दो से चार सितंबर तक आयोजित किया गया.

उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना ने गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रणविजय, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस किल्टन और गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कोरा तथा एक पी8आई लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान को तैनात किया था.

अधिकारियों ने बताया कि सिंगापुर नौसेना की तरफ से इस नौसैन्य अभ्यास में एक विशिष्ट श्रेणी का युद्धपोत, आरएसएस स्टीडफास्ट, एक मिसाइल पोत, आरएसएस विगौर, एक आर्चर श्रेणी की पनडुब्बी और एक फॉक्कर- 50 समुद्री निगरानी विमान शामिल हुए। सिंगापुर गणराज्य की वायु सेना (आरएसएएफ) के चार एफ-16 लड़ाकू विमानों ने भी अभ्यास में भाग लिया.

यह सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिम्बेक्स) का 28वां संस्करण था. वर्ष 1994 में शुरू किया गया, सिम्बेक्स किसी भी विदेशी नौसेना के साथ भारतीय नौसेना का सबसे लंबा चलने वाला निर्बाध द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास है.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा, 'मौजूदा महामारी की चुनौतियों के बावजूद इस महत्वपूर्ण अभ्यास की निरंतरता को बनाए रखना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की ताकत को और रेखांकित करता है.'

पढ़ें- गुआम के अपटतीय क्षेत्र में चार दिवसीय मालाबार अभ्यास शुरू

उन्होंने कहा, 'सिम्बेक्स का इस वर्ष का संस्करण एक विशेष अवसर भी है, क्योंकि यह नौसैन्य अभ्यास भारत की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर आयोजित किये जा रहे समारोहों के दौरान ही किया गया है. सिम्बेक्स- 2021 की सफलता आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय साझेदारी को अधिक मजबूत करने के लिए दोनों पक्षों के आपसी संकल्प का एक और उदाहरण है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत और सिंगापुर ने पिछले तीन दिनों में दक्षिण चीन सागर के दक्षिणी किनारे पर एक नौसैन्य अभ्यास किया है. अधिकारियों ने बताया कि सिंगापुर और भारत की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास (सिम्बेक्स) दो से चार सितंबर तक आयोजित किया गया.

उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना ने गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रणविजय, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस किल्टन और गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कोरा तथा एक पी8आई लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान को तैनात किया था.

अधिकारियों ने बताया कि सिंगापुर नौसेना की तरफ से इस नौसैन्य अभ्यास में एक विशिष्ट श्रेणी का युद्धपोत, आरएसएस स्टीडफास्ट, एक मिसाइल पोत, आरएसएस विगौर, एक आर्चर श्रेणी की पनडुब्बी और एक फॉक्कर- 50 समुद्री निगरानी विमान शामिल हुए। सिंगापुर गणराज्य की वायु सेना (आरएसएएफ) के चार एफ-16 लड़ाकू विमानों ने भी अभ्यास में भाग लिया.

यह सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिम्बेक्स) का 28वां संस्करण था. वर्ष 1994 में शुरू किया गया, सिम्बेक्स किसी भी विदेशी नौसेना के साथ भारतीय नौसेना का सबसे लंबा चलने वाला निर्बाध द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास है.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा, 'मौजूदा महामारी की चुनौतियों के बावजूद इस महत्वपूर्ण अभ्यास की निरंतरता को बनाए रखना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की ताकत को और रेखांकित करता है.'

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उन्होंने कहा, 'सिम्बेक्स का इस वर्ष का संस्करण एक विशेष अवसर भी है, क्योंकि यह नौसैन्य अभ्यास भारत की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर आयोजित किये जा रहे समारोहों के दौरान ही किया गया है. सिम्बेक्स- 2021 की सफलता आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय साझेदारी को अधिक मजबूत करने के लिए दोनों पक्षों के आपसी संकल्प का एक और उदाहरण है.'

(पीटीआई-भाषा)

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