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CDS in SCO workshop : 'भारत आपदा के दौरान विदेशों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा'

भारत विदेश में आपदा के दौरान मदद कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने ये बात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की कार्यशाला में कही (SCO workshop). ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Chief of Defence Staff Anil Chauhan
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान
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Published : Mar 14, 2023, 6:16 PM IST

नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारत इस क्षेत्र और उसके बाहर हाई अवेलेबिलिटी डिजास्टर रिकवरी (एचएडीआर) उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

उनकी यह टिप्पणी आज दिल्ली में एचएडीआर, जोखिम न्यूनीकरण और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित करते हुए आई.

अपनी टिप्पणी के दौरान, सीडीएस ने कहा, 'तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद 'ऑपरेशन दोस्त' की शुरुआत ने हमारी तत्परता, और हमारी क्षमताओं की स्थिति को दिखाया.' उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन मैत्री और ऑपरेशन दोस्त की शुरुआत की, जो दुनिया के सभी कोनों को हर संभव सहायता प्रदान करने की देश की इच्छा का प्रमाण है.

गौरतलब है कि 'ऑपरेशन मैत्री' 2015 में बड़े पैमाने पर भूकंप के नुकसान से निपटने में नेपाल की मदद करने के लिए भारत द्वारा शुरू किया गया एक बचाव और राहत अभियान था. उसी तरह भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया को सभी मानवीय सहायता और राहत सामग्री प्रदान करने के लिए इस वर्ष भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन दोस्त शुरू किया गया था.

एससीओ कार्यशाला में चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. भारत 17-18 मार्च को वाराणसी में एससीओ पर्यटन मंत्रियों की बैठक (टीएमएम) की भी मेजबानी करेगा, जिसे एससीओ की पहली सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है. 29 मार्च को एससीओ सुरक्षा सलाहकारों की बैठक भी होनी है.

इस बीच, आज भारत ने वर्चुअल रूप से एससीओ ऊर्जा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की जिसमें रूसी और चीनी प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी भी देखी गई. साथ ही नई दिल्ली साझा बौद्ध विरासत पर एससीओ बैठक की भी मेजबानी कर रही है जो 14 मार्च को विज्ञान भवन में शुरू हुई.

सम्मेलन का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के साथ भारत के सभ्यतागत संबंध पर है. एससीओ के भारत के नेतृत्व में यह अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसमें 'साझा बौद्ध विरासत' पर चर्चा करने के लिए मध्य एशियाई, पूर्वी एशियाई, दक्षिण एशियाई और अरब देशों को एक साझा मंच पर लाया गया है.

एससीओ देशों में चीन, रूस और मंगोलिया सहित सदस्य राज्य, पर्यवेक्षक देश और संवाद भागीदार शामिल हैं. 15 से अधिक विद्वान-प्रतिनिधि विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं. दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (संस्कृति मंत्रालय के अनुदानग्राही निकाय के रूप में IBC) द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म के कई भारतीय विद्वान भाग ले रहे हैं. भारत ने एक सितंबर 2022- सितंबर 2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता ग्रहण की है.

पढ़ें- SCO Conference On Shared Buddhist Heritage: भारत साझा बौद्ध विरासत पर एससीओ सम्मेलन की कर रहा मेजबानी, कल से होगी शुरुआत

नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारत इस क्षेत्र और उसके बाहर हाई अवेलेबिलिटी डिजास्टर रिकवरी (एचएडीआर) उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

उनकी यह टिप्पणी आज दिल्ली में एचएडीआर, जोखिम न्यूनीकरण और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित करते हुए आई.

अपनी टिप्पणी के दौरान, सीडीएस ने कहा, 'तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद 'ऑपरेशन दोस्त' की शुरुआत ने हमारी तत्परता, और हमारी क्षमताओं की स्थिति को दिखाया.' उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन मैत्री और ऑपरेशन दोस्त की शुरुआत की, जो दुनिया के सभी कोनों को हर संभव सहायता प्रदान करने की देश की इच्छा का प्रमाण है.

गौरतलब है कि 'ऑपरेशन मैत्री' 2015 में बड़े पैमाने पर भूकंप के नुकसान से निपटने में नेपाल की मदद करने के लिए भारत द्वारा शुरू किया गया एक बचाव और राहत अभियान था. उसी तरह भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया को सभी मानवीय सहायता और राहत सामग्री प्रदान करने के लिए इस वर्ष भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन दोस्त शुरू किया गया था.

एससीओ कार्यशाला में चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. भारत 17-18 मार्च को वाराणसी में एससीओ पर्यटन मंत्रियों की बैठक (टीएमएम) की भी मेजबानी करेगा, जिसे एससीओ की पहली सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है. 29 मार्च को एससीओ सुरक्षा सलाहकारों की बैठक भी होनी है.

इस बीच, आज भारत ने वर्चुअल रूप से एससीओ ऊर्जा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की जिसमें रूसी और चीनी प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी भी देखी गई. साथ ही नई दिल्ली साझा बौद्ध विरासत पर एससीओ बैठक की भी मेजबानी कर रही है जो 14 मार्च को विज्ञान भवन में शुरू हुई.

सम्मेलन का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के साथ भारत के सभ्यतागत संबंध पर है. एससीओ के भारत के नेतृत्व में यह अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसमें 'साझा बौद्ध विरासत' पर चर्चा करने के लिए मध्य एशियाई, पूर्वी एशियाई, दक्षिण एशियाई और अरब देशों को एक साझा मंच पर लाया गया है.

एससीओ देशों में चीन, रूस और मंगोलिया सहित सदस्य राज्य, पर्यवेक्षक देश और संवाद भागीदार शामिल हैं. 15 से अधिक विद्वान-प्रतिनिधि विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं. दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (संस्कृति मंत्रालय के अनुदानग्राही निकाय के रूप में IBC) द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म के कई भारतीय विद्वान भाग ले रहे हैं. भारत ने एक सितंबर 2022- सितंबर 2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता ग्रहण की है.

पढ़ें- SCO Conference On Shared Buddhist Heritage: भारत साझा बौद्ध विरासत पर एससीओ सम्मेलन की कर रहा मेजबानी, कल से होगी शुरुआत

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