नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उम्मीद जताई की वित्त वर्ष 2021-22 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. फिक्की की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 'जुलाई से सितंबर तक जीडीपी 8.4 प्रतिशत रही है. मुझे लगता है कि वर्ष 2021-22 में भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है. अगर हम दो अंकों की वृद्धि को छूते हैं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा.'
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात वर्ष में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है और जब भी कोई फैसला लिया जाता है तो कोई भी उसकी मंशा पर सवाल खड़े नहीं कर सकता.
शाह ने कहा कि मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक यह रही है कि वह देश की विकास प्रक्रिया में 60 करोड़ लोगों को लेकर आयी जो आजादी के बाद से विकास से वंचित थे और सरकार ने लोकतंत्र में उनका भरोसा बढ़ाने में मदद की.
उन्होंने कहा, 'पिछले सात वर्ष में भ्रष्टाचार का एक भी उदाहरण नहीं रहा है. हमने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है. हमने कई फैसले लिए और एक या दो गलत हो सकते हैं लेकिन कोई भी, यहां तक कि आलोचक भी यह कह नहीं सकते कि हमारी नीयत में खोट है.'
गृह मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव आए हैं और आजादी के बाद से देश की विकास प्रक्रिया से वंचित रहे 60 करोड़ लोगों को इसमें भागीदार बनाया गया. शाह ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ की बैठक में कहा, '60 करोड़ लोग ऐसे थे जिनका बैंक खाता नहीं था, उनके पास बिजली, गैस कनेक्शन या स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थीं. मोदी सरकार ने ये सभी सुविधाएं उन्हें दी और इसने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनका भरोसा बढ़ाने में मदद की.'
मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व और देश की 130 करोड़ आबादी की भागीदारी के कारण कोविड-19 महामारी को सीमित किया गया.
शाह ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 बिना किसी खून खराबे के हटा लिया जाएगा और किसी ने नहीं सोचा था कि राम जन्मभूमि विवाद शांतिपूर्ण तरीके से हल कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वामपंथी चरमपंथ लगभग खत्म हो गया है, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में काफी सुधार आया है, महत्वपूर्ण और नयी शिक्षा नीति बनायी गयी है और अगले 100 वर्ष को ध्यान में रखते हुए जल नीति भी बनायी गयी है. उन्होंने कहा, 'एक भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो मोदी सरकार ने नहीं छूआ. पिछले सात वर्ष में बड़े बदलाव आए हैं.'
'सात वर्ष में कम से कम 50 बड़े फैसले लिए'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 50 वर्ष में चार से पांच बड़े फैसले लिए लेकिन मोदी सरकार ने पिछले सात वर्ष में कम से कम 50 बड़े फैसले लिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोधी 155 करोड़ खुराकें दी गयी, अर्थव्यवस्था में गति रही है और निर्यात भी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि अगर महामारी के बाद कोई देश मजबूत आर्थिक गतिविधियों के साथ सामने आया है तो वह भारत है और प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण यह संभव हुआ है. शाह ने फिक्की को कुछ सुझाव भी दिए ताकि यह औद्योगिक निकाय देश की विकास प्रक्रिया में और गहरायी से जुड़ सके.
शाह ने संभावित विकास क्षेत्रों की पहचान करने, सरकार के साथ सहयोग करने और अगले 25 वर्षों में भारत को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए फिक्की की आवश्यकता पर जोर दिया. फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि सरकार की चहुंमुखी विकास पहल भारत को बदल रही है और प्रत्येक कदम हमें आत्म निर्भर भारत के करीब ला रहा है. उन्होंने कहा, 'अधिक पारदर्शिता, बेहतर प्रतिस्पर्धात्मकता और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना पिछले सात वर्षों में हमने देखा है.'
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फिक्की के अगले अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि इस महामारी की वजह से देश की डिजिटल यात्रा को गति मिली है, ऐसे में गोपनीयता की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन हमें राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में डेटा मुक्त करना चाहिए.'