नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था के कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव से तेजी से उबरने की उम्मीद है. यह बात भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वे में सामने आई है. बता दें कि कोरोना का दूसरी लहर में 2 लाख 50 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी.
सीआईआई द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 119 कॉर्पोरेट प्रमुखों के सीईओ में लगभग 59 फीसदी सीईओ ने अपनी कंपनियों के लिए पहली लहर की तुलना में बिक्री में सुधार की उम्मीद जताई, जबकि उनमें से 46 फीसदी ने अपने संबंधित उद्योग क्षेत्रों के लिए समान प्रवृत्ति व्यक्त की.
दूसरी लहर ने आर्थिक गतिविधियों को अधिक प्रभावित नहीं किया : बनर्जी
सीआईआई (CII) के डायरेक्टर चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, घातक दूसरी लहर ने आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा प्रभावित नहीं किया है क्योंकि लॉकडाउन को बड़े पैमाने पर सामाजिक सभा को सीमित करने के लिए डिजाइन किया गया था और इससे आर्थिक विकास पर दूसरी लहर के प्रभाव को सीमित करने में काफी मदद मिली है.
चूंकि टीकाकरण आर्थिक गतिविधियों पर दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने और उपभोक्ता भावना को बढ़ावा देने की कुंजी है, वहीं भारतीय व्यवसायिक अपने कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं.
55 फीसदी कर्मचारियों को टीके की पहली खुराक लग चुकी : सर्वेक्षण
सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला है कि मतदान करने वाली फर्मों के 55 फीसदी कर्मचारियों को कम से कम टीके की पहली खुराक लग चुकी है. वहीं अपने क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता मांग का आकलन करते हुए, 49 फीसदी सीईओ को आशा है कि यह 2019-20 की समान अवधि की तुलना में 2021-22 की पहली छमाही में बेहतर होगा.
इसी तरह, 72 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में निजी निवेश बेहतर होगा.
चालू वित्त वर्ष की पहली छमागी में राजस्व व शुद्ध लाभ 10 फीसदी बढ़ेगा
कम से कम 62 फीसदी कॉर्पोरेट लीडर्स ने पुष्टि की कि उनकी फर्म को दूसरी लहर के दौरान संचालन को कम करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसका उनकी लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि 44 फीसदी और 39 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि 2019-20 की समान अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उनके राजस्व और शुद्ध लाभ में क्रमश: 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि होगी.
टीकाकरण के साथ रोजगार की उत्साहजनक खबरें आ रहीं
बड़े पैमाने पर वैश्विक प्रोत्साहन और प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में टीकाकरण अभियान की तेज गति से बाहरी बाहरी मांग को बल मिला है. साथ ही सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि अनुकूल बाहरी वातावरण के अलावा, रोजगार परिद़श्य से कुछ उत्साहजनक खबरें भी आ रही हैं.
दूसरी लहर के दौरान स्थानीयकृत रोकथाम उपायों का आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने पर सीमित प्रभाव पड़ा, जो रोजगार की स्थिति के अनुकूल था. साथ ही 83 फीसदी से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भर्ती के मोर्चे पर या तो भर्ती में वृद्धि या यथास्थिति बनाए रखने की भविष्यवाणी की.