नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि कोविड-19 के खिलाफ भारत पूरी ताकत के साथ जंग लड़ रहा है. कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कुछ कोरोना योद्धाओं से संवाद करने के बाद उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उससे बड़ा रहा है.
कोविड-19 की दूसरी लहर में तेजी से बढ़े मामलों के बाद देश के कई राज्यों और अस्पतालों में तेज हुई ऑक्सीजन की मांग का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि अचानक से कई गुना मांग बढ़ जाने की वजह से देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी.
काेराेना ने बढ़ाई देश की क्षमता
उन्होंने कहा, 'आप अंदाजा लगा सकते हैं, सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन अब यह 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर, करीब-करीब 9500 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादित किया जा रहा है.'
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत में देश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये केवल एक ही प्रयोगशाला थी जो आज बढ़कर 2500 से ज्यादा हो गई है.
उन्होंने कहा, 'शुरू में कुछ सौ जांच एक दिन में हो पाती थी, अब 20 लाख से ज्यादा जांच एक दिन में होने लगी है. अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है.'
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के साथ ही आपदा की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में सरकार उन लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है जिन्होंने नुकसान झेला है.
संकट में सेवा देने वालाें की सराहना
उन्होंने कहा, 'चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है. देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है.'
प्रधानमंत्री ने इस दौरान ऑक्सीजन टैंकर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले दिनेश बाबूलाल उपाध्याय, ऑक्सीजन एक्सप्रेस लोको पायलट शिरिषा गजनी, दिल्ली के लैब तकनीशियन प्रकाश कांडपाल और हवाई मार्ग से विदेशों से भारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में योगदान देने वाले वायु सेना के ग्रुप कैप्टन ए के पटनायक से संवाद किया.
तूफानों से हुए नुकसान का भी किया जिक्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोरोना के साथ ही चक्रवातीय तूफानों से हुए नुकसान का भी उल्लेख किया और कहा, 'अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवातों का सामना किया. पश्चिमी तट पर चक्रवात ताैकते और पूर्वी तट पर चक्रवात ‘यास’ आया. इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया. देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की.
उन्होंने कहा, 'हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं.'
विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति का साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ मुकाबला करने के लिए उन्होंने चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों की जमकर सराहना की.
उन्होंने कहा 'केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के रूप में देश पर इतना बड़ा संकट आया और इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा लेकिन कृषि क्षेत्र ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा.
किसानाें की मेहनत काे सराहा
उन्होंने कहा, 'इस महामारी में भी किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया तो सरकार ने रिकार्ड फसल खरीदी भी की है. इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा भाव मिला है.
उन्होंने कहा कि रिकार्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही आज इस संकट काल में 80 करोड़ गरीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि गरीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश के किसान कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं.
उन्होंने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के किसानों द्वारा कटहल की पैदावार का जिक्र किया और कहा कि इस बार यहां के कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा,'ऐसे ही बिहार की 'शाही लीची' भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है. पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है. किसान-रेल अब तक करीब दो लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है. अब किसान बहुत कम लागत पर फल, सब्जियां, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है.'
(पीटीआई-भाषा)