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Ukraine Crisis: भारत ने सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर UNSC में चिंता व्यक्त की

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति (Ukraine Crisis) पर सोमवार को यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा कि हम बेहद चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद, सुमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया.

india at  UNSC
टीएस तिरुमूर्ति
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Published : Mar 8, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 6:17 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा कि वह बेहद चिंतित है कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, पूर्वी यूक्रेन के शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन की मानवीय स्थिति (Ukraine Crisis) पर सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, 'भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है.'

तिरुमूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी मानवीय कार्रवाई हमेशा तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित हो. उन्होंने कहा कि इसमें राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित तथा निर्बाध मार्ग मुहैया कराने की मांग की है. तिरुमूर्ति ने कहा, 'हम बेहद चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद, सुमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया.'

उन्होंने कहा कि भारत अभी तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा, 'हमने अन्य देशों के उन लोगों की भी उनके देश पहुंचने में मदद की, जिन्होंने इस संबंध में हमसे सम्पर्क किया था. आने वाले दिनों में भी हम लोगों की मदद करते रहेंगे.' भारतीय राजदूत ने परिषद को बताया कि भारतीय नागरिकों को घर लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानों का संचालन किया गया. उन्होंने कहा, 'हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा नागरिकों की वापसी सुविधाजनक बनाने में प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं.'

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की है, जिन्होंने अपने-अपने देशों में वापसी के लिए हमसे संपर्क किया था. हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए भी तैयार रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेजी है. इनमें दवाएं, तंबू, पानी भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- रूस यूक्रेन टकराव : राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पश्चिम देशों की भूमिका की कड़ी निंदा की

बता दें, सुमी में लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो पिछले कुछ दिनों से रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भीषण लड़ाई के साक्षी बन रहे हैं. भारत शहर से अपने नागरिकों को निकालने के लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन भारी गोलाबारी तथा हवाई हमलों के कारण इसमें अभी तक बहुत कम सफलता मिली है.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया है, जिसके तहत वह फंसे हुए भारतीयों (जिनमें ज्यादातर छात्र हैं) को यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं से लगे देशों से स्वदेश ला रहा है. हालांकि, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से लोगों को निकालना चुनौतीपूर्ण है.

नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा कि वह बेहद चिंतित है कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, पूर्वी यूक्रेन के शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन की मानवीय स्थिति (Ukraine Crisis) पर सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, 'भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है.'

तिरुमूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी मानवीय कार्रवाई हमेशा तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित हो. उन्होंने कहा कि इसमें राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित तथा निर्बाध मार्ग मुहैया कराने की मांग की है. तिरुमूर्ति ने कहा, 'हम बेहद चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद, सुमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया.'

उन्होंने कहा कि भारत अभी तक युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा, 'हमने अन्य देशों के उन लोगों की भी उनके देश पहुंचने में मदद की, जिन्होंने इस संबंध में हमसे सम्पर्क किया था. आने वाले दिनों में भी हम लोगों की मदद करते रहेंगे.' भारतीय राजदूत ने परिषद को बताया कि भारतीय नागरिकों को घर लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानों का संचालन किया गया. उन्होंने कहा, 'हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा नागरिकों की वापसी सुविधाजनक बनाने में प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं.'

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की है, जिन्होंने अपने-अपने देशों में वापसी के लिए हमसे संपर्क किया था. हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए भी तैयार रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेजी है. इनमें दवाएं, तंबू, पानी भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- रूस यूक्रेन टकराव : राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पश्चिम देशों की भूमिका की कड़ी निंदा की

बता दें, सुमी में लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो पिछले कुछ दिनों से रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भीषण लड़ाई के साक्षी बन रहे हैं. भारत शहर से अपने नागरिकों को निकालने के लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन भारी गोलाबारी तथा हवाई हमलों के कारण इसमें अभी तक बहुत कम सफलता मिली है.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया है, जिसके तहत वह फंसे हुए भारतीयों (जिनमें ज्यादातर छात्र हैं) को यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं से लगे देशों से स्वदेश ला रहा है. हालांकि, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से लोगों को निकालना चुनौतीपूर्ण है.

Last Updated : Mar 8, 2022, 6:17 PM IST
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