ETV Bharat / bharat

भारत विश्व को बाजार नहीं, परिवार मानता है : मोहन भागवत - statement of Mohan Bhagwat

आरएसएस (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि भारत विश्व को बाजार नहीं बल्कि परिवार मानता है. उक्त बातें उन्होंने एक व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए कहीं.

Mohan Bhagwat
मोहन भागवत
author img

By

Published : Sep 23, 2022, 10:45 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक बाजार की बात तो सब लोग करते हैं लेकिन केवल भारत ही है जो वैश्विक परिवार यानी वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है और इसके लिए हम कार्य भी करते हैं. डॉ. भागवत ने संकल्प फाउंडेशन और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा 'प्राचीनकाल से ही हमारा देश विविधता का देश रहा है. हमारी भूमि ऐसी है वो सबको देती है, भूमि अन्न, जल तो देती ही है, साथ ही संस्कार भी देती है. इसलिए भारत माता कहते हैं. हम इस भूमि के मालिक नहीं है, हम इसके पुत्र हैं. ये हमारी पुण्यभूमि है, कर्मभूमि है. हमारी एकता का सूत्र है संस्कृति और हम इसका प्रत्यक्ष आचरण करते हैं. हमें एक नहीं होना है, हम एक हैं. हमारे पूर्वजों ने ये सिखाया, बताया है. संस्कृति की सुरक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है, लड़ाईयां लड़ी हैं. और हमारी पहचान ही भारत, पूर्वज, संस्कृति से हैं. हम इसे छोड़ेंगे नहीं. सभी पूजा, भाषा वाले लोगों में यह तीनों बातें होती हैं. पाश्चात्य देशों में नेशन का विकास और हमारे देश में राष्ट्र का विकास इसका क्रम एकदम अलग है. हमारा नेशनलिज्म नहीं है, न ही राष्ट्रवाद है. हमारी तो राष्ट्रीयता है.'

व्याख्यानमाला के प्रथम सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव और श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि 36 वर्ष से संकल्प होनहार तथा जो विद्यार्थी साधन संपन्न नहीं हैं, उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है. उनके कार्य के लिए साधुवाद. संकल्प व्यवसायिक नहीं, सेवाभाव से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि संघ से प्रेरणा और जानकारी मिली है कि सामाजिक जीवन में भिन्न-भिन्न रूप से योगदान दे रहे लोग अलग-अलग कार्यं से जुड़कर देश के लिए काम कर सकते हैं. व्याख्यानमाला के द्वितीय सत्र में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जगबीर सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इस अवसर पर संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष संतोष कुमार तनेजा ने व्याख्यानमाला की विस्तृत भूमिका रखी. पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच के संयोजक डॉ. जी प्रसन्न कुमार,आईएएस (से.नि.) ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया और मंच संचालन केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा जोशी ने किया. व्याख्यानमाला के दौरान आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संकल्प द्वारा संकलित पुस्तक भारतीय परिप्रेक्ष्य के अंग्रेजी संस्करण 'इंडियन पर्सपेक्टिव' का भी लोकार्पण किया. इस पुस्तक में पूर्व के वर्षों में आयोजित व्याख्यानमाला में आए वक्ताओं के व्याख्यानों का संकलन किया गया है, जिनमें डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वर्गीय सुषमा स्वराज, स्वर्गीय अनिल माधव दवे सहित 12 प्रमुख वक्ताओं के व्याख्यान शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - इमाम उमर इलियासी से मिले RSS प्रमुख, मोहन भागवत को बताया 'राष्ट्रपिता'

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक बाजार की बात तो सब लोग करते हैं लेकिन केवल भारत ही है जो वैश्विक परिवार यानी वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है और इसके लिए हम कार्य भी करते हैं. डॉ. भागवत ने संकल्प फाउंडेशन और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र में आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा 'प्राचीनकाल से ही हमारा देश विविधता का देश रहा है. हमारी भूमि ऐसी है वो सबको देती है, भूमि अन्न, जल तो देती ही है, साथ ही संस्कार भी देती है. इसलिए भारत माता कहते हैं. हम इस भूमि के मालिक नहीं है, हम इसके पुत्र हैं. ये हमारी पुण्यभूमि है, कर्मभूमि है. हमारी एकता का सूत्र है संस्कृति और हम इसका प्रत्यक्ष आचरण करते हैं. हमें एक नहीं होना है, हम एक हैं. हमारे पूर्वजों ने ये सिखाया, बताया है. संस्कृति की सुरक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है, लड़ाईयां लड़ी हैं. और हमारी पहचान ही भारत, पूर्वज, संस्कृति से हैं. हम इसे छोड़ेंगे नहीं. सभी पूजा, भाषा वाले लोगों में यह तीनों बातें होती हैं. पाश्चात्य देशों में नेशन का विकास और हमारे देश में राष्ट्र का विकास इसका क्रम एकदम अलग है. हमारा नेशनलिज्म नहीं है, न ही राष्ट्रवाद है. हमारी तो राष्ट्रीयता है.'

व्याख्यानमाला के प्रथम सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव और श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि 36 वर्ष से संकल्प होनहार तथा जो विद्यार्थी साधन संपन्न नहीं हैं, उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है. उनके कार्य के लिए साधुवाद. संकल्प व्यवसायिक नहीं, सेवाभाव से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि संघ से प्रेरणा और जानकारी मिली है कि सामाजिक जीवन में भिन्न-भिन्न रूप से योगदान दे रहे लोग अलग-अलग कार्यं से जुड़कर देश के लिए काम कर सकते हैं. व्याख्यानमाला के द्वितीय सत्र में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जगबीर सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इस अवसर पर संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष संतोष कुमार तनेजा ने व्याख्यानमाला की विस्तृत भूमिका रखी. पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच के संयोजक डॉ. जी प्रसन्न कुमार,आईएएस (से.नि.) ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया और मंच संचालन केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा जोशी ने किया. व्याख्यानमाला के दौरान आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संकल्प द्वारा संकलित पुस्तक भारतीय परिप्रेक्ष्य के अंग्रेजी संस्करण 'इंडियन पर्सपेक्टिव' का भी लोकार्पण किया. इस पुस्तक में पूर्व के वर्षों में आयोजित व्याख्यानमाला में आए वक्ताओं के व्याख्यानों का संकलन किया गया है, जिनमें डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वर्गीय सुषमा स्वराज, स्वर्गीय अनिल माधव दवे सहित 12 प्रमुख वक्ताओं के व्याख्यान शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - इमाम उमर इलियासी से मिले RSS प्रमुख, मोहन भागवत को बताया 'राष्ट्रपिता'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.