ETV Bharat / bharat

India China discuss border areas issue : भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली पर की चर्चा

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर वार्ता की. वार्ता के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया कि चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित थी. वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट (India China discuss border areas issue ).

Jaishankar with Chinese Foreign Minister Qin Gang
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ जयशंकर
author img

By

Published : Mar 2, 2023, 5:53 PM IST

नई दिल्ली: चीन के नवनियुक्त विदेश मंत्री किन गैंग (Chinese Foreign Minister Qin Gang) ने नई दिल्ली में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा विवाद पर गहन चर्चा की.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'आज दोपहर G20FMM के इतर चीनी विदेश मंत्री किन गैंग से मुलाकात की. हमारी चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित थी. जी20 एजेंडे के बारे में भी बात की.'

यह बैठक महत्वपूर्ण समय पर हो रही है क्योंकि भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी है. किन गैंग को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है और वह वांग यी के बाद नए चीनी विदेश मंत्री के रूप में पद संभालने के बाद पहली बार भारत का दौरा कर रहे हैं.

अपनी भारत यात्रा से पहले, नए चीनी विदेश मंत्री ने कहा, 'चीन भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. चीन और भारत प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों की जनसंख्या एक अरब से अधिक है. हम पड़ोसी देश हैं और दोनों ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं. एक मजबूत चीन-भारत संबंध दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है.'

15 जून 2020 को एलएसी पर गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से बात की जाए तो पिछले 60 वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर हैं. संघर्ष टूटने और समाधान पर पहुंचने के बाद से कई द्विपक्षीय और राजनयिक बैठकें हुई हैं.

भारत-चीन सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 26वीं बैठक 22 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से बीजिंग में आयोजित की गई थी. जुलाई 2019 में हुई 14वीं बैठक के बाद से यह पहली WMCC बैठक थी, जिसे व्यक्तिगत रूप से आयोजित किया गया था.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति की समीक्षा की. साथ ही शेष क्षेत्रों में खुले तौर पर और रचनात्मक रूप से पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की, जो पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाली और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली करेगा.'

2 मार्च को G20FMM के मौके पर चीनी विदेश मंत्री से मिलने से पहले EAM जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की और अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. वास्‍तव में, वार्ता के दौरान यूक्रेन विवाद और भारत के जी20 एजेंडे पर चर्चा हुई.

यूक्रेन विवाद को लेकर रूस-चीन और पश्चिम के बीच हाल ही में एक विभाजन था, जिसे बेंगलुरु में जी20 के वित्त मंत्रियों की बैठक के दौरान देखा गया था, जो बिना किसी संयुक्त विज्ञप्ति के समाप्त हो गया.

पढ़ें- 8th Raisina Dialogue: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलानी ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में भारत निभा सकता है अहम भूमिका

नई दिल्ली: चीन के नवनियुक्त विदेश मंत्री किन गैंग (Chinese Foreign Minister Qin Gang) ने नई दिल्ली में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा विवाद पर गहन चर्चा की.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'आज दोपहर G20FMM के इतर चीनी विदेश मंत्री किन गैंग से मुलाकात की. हमारी चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित थी. जी20 एजेंडे के बारे में भी बात की.'

यह बैठक महत्वपूर्ण समय पर हो रही है क्योंकि भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी है. किन गैंग को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है और वह वांग यी के बाद नए चीनी विदेश मंत्री के रूप में पद संभालने के बाद पहली बार भारत का दौरा कर रहे हैं.

अपनी भारत यात्रा से पहले, नए चीनी विदेश मंत्री ने कहा, 'चीन भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. चीन और भारत प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों की जनसंख्या एक अरब से अधिक है. हम पड़ोसी देश हैं और दोनों ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं. एक मजबूत चीन-भारत संबंध दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है.'

15 जून 2020 को एलएसी पर गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से बात की जाए तो पिछले 60 वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर हैं. संघर्ष टूटने और समाधान पर पहुंचने के बाद से कई द्विपक्षीय और राजनयिक बैठकें हुई हैं.

भारत-चीन सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 26वीं बैठक 22 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से बीजिंग में आयोजित की गई थी. जुलाई 2019 में हुई 14वीं बैठक के बाद से यह पहली WMCC बैठक थी, जिसे व्यक्तिगत रूप से आयोजित किया गया था.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति की समीक्षा की. साथ ही शेष क्षेत्रों में खुले तौर पर और रचनात्मक रूप से पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की, जो पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाली और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली करेगा.'

2 मार्च को G20FMM के मौके पर चीनी विदेश मंत्री से मिलने से पहले EAM जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की और अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. वास्‍तव में, वार्ता के दौरान यूक्रेन विवाद और भारत के जी20 एजेंडे पर चर्चा हुई.

यूक्रेन विवाद को लेकर रूस-चीन और पश्चिम के बीच हाल ही में एक विभाजन था, जिसे बेंगलुरु में जी20 के वित्त मंत्रियों की बैठक के दौरान देखा गया था, जो बिना किसी संयुक्त विज्ञप्ति के समाप्त हो गया.

पढ़ें- 8th Raisina Dialogue: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलानी ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में भारत निभा सकता है अहम भूमिका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.