नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में बीते कई माह से विवाद चल रहा है. इसको सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की आठ दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक सभी वार्ताएं बेनतीजा साबित हुई हैं. पूर्वी लद्दाख में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यहां पर रात में तापमान माइनस 40 डिग्री चला जाता है. यहीं पर भारत और चीन के सैनिक तैनात हैं. इस बीच खबर है कि दोनों देश विघटन के लिए नौवें दौर की वार्ता को अंतिम रूप दे सकते हैं.
भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किए हैं. इसके अलवा दोनों देशों ने यहां पर भारी मात्रा में हथियार भी तैनात किए हैं.
एक सरकारी सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि जब हम फोन पर वार्ता के लिए तारीख प्रस्तावित करते हैं, तो चीनी सेना (पीएलए) एक और तारीख का सुझाव देती है. उनकी तारीखें भी हमें विभिन्न कारणों से स्वीकार्य नहीं होती हैं. इसलिए अभी तक दोनों देशों के बीच नौवें दौर की वार्ता पर सहमति नहीं बन पाई है.
दोनों देशों ने सैनिकों के साथ तोपों सहित अन्य हथियारों को ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात किए हैं, जिससे दोनों देशों के पीछे हटने में देरी हो सकती है.
दोनों देशों के बीच पिछले साल जून 6, 22 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त, 21 सितंबर, 12 अक्टूबर और 6 नवंबर को आठ दौर की वार्ता हो चुकी है.
अगले दौर की वार्ता में दो नए अधिकारी भी शामिल होंगे, जो नौ महीने से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
आठवें दौर की सैन्य बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया था. बता दें कि 14 अक्टूबर 2020, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने पदभार संभाला था. यह वार्ता लद्दाख के चुशुल में हुई थी.
सैन्य अधिकारियों के अलावा, दोनों पक्षों से विदेश मंत्रालयों के राजनयिकों से भी बातचीत में शामिल होंगे.
चीन ने 14 दिसंबर 2020 को जनरल झाओ जोंगकी वेस्टर्न थिएटर कमांड का नया कमांडर नियुक्त किया था, जनरल झांग ने जनरल झाओ जोंगकी (General Zhao Jongki) की जगह ली थी.
जनरल झांग भारत-चीन वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. वार्ता में पीएलए के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीएलए के दक्षिण झिंजियांग सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल लियू लिन करेंगे.