नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सेना के बीच बुधवार को डिवीजन कमांडर-स्तरीय वार्ता (India China military talks) हुई, जिसमें लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखने से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई. रक्षा सूत्रों ने बताया, 'बैठक लद्दाख सेक्टर में वास्तविक रेखा पर शांति और शांति बनाए रखने से संबंधित नियमित मामलों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी.' उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर चर्चा के लिए विभिन्न स्तरों पर नियमित रूप से ऐसी बैठकें आयोजित की जाती हैं.
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An Indian Army and Chinese Army Division Commander level meeting was held today to discuss routine matters pertaining to maintaining peace and tranquility along the Line of Actual in the Ladakh sector: Defence Sources
— ANI (@ANI) August 31, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 31, 2022
पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध और तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि 'सीमा की स्थिति' भारत और चीन के बीच आगे के संबंधों को तय करेगी. "एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट' की शुरुआत के अवसर पर एक समरोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि एशिया का भविष्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि निकट भविष्य में भारत और चीन के बीच संबंध कैसे विकसित होते हैं.
बता दें, भारतीय और चीनी सैनिकों का पूर्वी लद्दाख में दो साल से ज्यादा समय से टकराव वाले कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है. उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप दोनों पक्ष क्षेत्र के कई क्षेत्रों से पीछे हटे हैं. हालांकि, दोनों पक्षों को टकराव वाले शेष बिंदुओं पर जारी गतिरोध को दूर करने में कोई सफलता नहीं मिली है. उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का अंतिम दौर पिछले महीने हुआ था लेकिन गतिरोध दूर करने में कामयाबी नहीं मिली.
चीन के साथ भारत के संबंधों पर ताजा टिप्पणी के कुछ दिनों पहले विदेश मंत्री ने कहा था कि बीजिंग ने भारत के साथ सीमा समझौते की अवहेलना की, जिसका साया द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा था कि संबंध एकतरफा नहीं हो सकते हैं और रिश्तों में आपसी सम्मान की भावना होनी चाहिए.
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