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भारत-ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने गहरे सहयोग के लिए दस्तावेज पर किए हस्ताक्षर - conduct of navy to navy talks

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली टू-प्लस-टू वार्ता के बाद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए. इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने सामरिक एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.

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Published : Sep 30, 2021, 4:05 AM IST

नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने एक दस्तावेज पर बुधवार को दस्तखत किए, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के और विस्तार के लिहाज से दोनों पक्षों के बीच वार्ता का प्रारूप तय करता है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली टू-प्लस-टू वार्ता होने के बाद इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने सामरिक एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.

दोनों देशों की नौसेनाओं ने सहयोग बढ़ाने के लिए 'ज्वाइंट गाइडेंस' नामक एक दस्तावेज पर 18 अगस्त को हस्ताक्षर किए थे.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 18 अगस्त को भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रमुखों द्वारा 'ज्वाइंट गाइडेंस फॉर इंडिया -ऑस्ट्रेलिया नेवी टू नेवी रिलेशनशिप' पर हस्ताक्षर के बाद भारतीय नौसेना एवं ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच वार्ता के लिए उसकी शर्तों को लेकर 29 सितंबर को इस नये दस्तावेज पर दस्तखत किए गए.

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच पहली वार्ता 2005 में हुई थी. तब से दोनों देश एवं उनकी नौसेना एक दशक से अधिक समय में सभी स्तरों पर एक दूसरे के करीब आये हैं.

यह भी पढ़ें- भारत-ऑस्ट्रेलिया ने आरंभिक 'टू-प्लस-टू' वार्ता की, सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर

बता दें कि गत 11 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर की 'टू-प्लस-टू' वार्ता की थी, जिसका मकसद भूराजनीतिक उथलपुथल के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने एक दस्तावेज पर बुधवार को दस्तखत किए, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के और विस्तार के लिहाज से दोनों पक्षों के बीच वार्ता का प्रारूप तय करता है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली टू-प्लस-टू वार्ता होने के बाद इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने सामरिक एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.

दोनों देशों की नौसेनाओं ने सहयोग बढ़ाने के लिए 'ज्वाइंट गाइडेंस' नामक एक दस्तावेज पर 18 अगस्त को हस्ताक्षर किए थे.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 18 अगस्त को भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रमुखों द्वारा 'ज्वाइंट गाइडेंस फॉर इंडिया -ऑस्ट्रेलिया नेवी टू नेवी रिलेशनशिप' पर हस्ताक्षर के बाद भारतीय नौसेना एवं ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच वार्ता के लिए उसकी शर्तों को लेकर 29 सितंबर को इस नये दस्तावेज पर दस्तखत किए गए.

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच पहली वार्ता 2005 में हुई थी. तब से दोनों देश एवं उनकी नौसेना एक दशक से अधिक समय में सभी स्तरों पर एक दूसरे के करीब आये हैं.

यह भी पढ़ें- भारत-ऑस्ट्रेलिया ने आरंभिक 'टू-प्लस-टू' वार्ता की, सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर

बता दें कि गत 11 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर की 'टू-प्लस-टू' वार्ता की थी, जिसका मकसद भूराजनीतिक उथलपुथल के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है.

(पीटीआई-भाषा)

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