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भारत और जापान तीसरे देशों में सहयोग बढ़ाने की संभावना तलाश रहे :विदेश सचिव श्रृंगला - India and Japan cooperation in third countries

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान, रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र और प्रशांत महासागर के द्विपीय देशों सहित तीसरे देशों में सहयोग मजबूत करने की संभावना तलाश रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

भारत और जापान
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Published : Jul 20, 2021, 7:03 PM IST

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान, रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र और प्रशांत महासागर के द्विपीय देशों सहित तीसरे देशों में सहयोग मजबूत करने की संभावना तलाश रहे हैं.

तीसरे देशों में वे देश शामिल हैं, जो यूरोपीय संघ के सदस्य नहीं हैं.

श्रृंगला ने कहा कि उभरती भू-राजनीतिक स्थिति में, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है और दोनों देशों के बीच गहरी समझ ने साझेदारी को आगे बढ़ाया है.

उन्होंने कहा, भारत और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और इससे बाहर अन्य साझेदारों के साथ काम करने की अपनी क्षमता लगातार बढ़ा रहे हैं. हम तीसरे देशों में अपन सहयोग बढ़ाने, भारत के निकट पड़ोसी देशों से रूस के सुदूर पूर्व और प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देशों की ओर बढ़ने की संभावना तलाश कर रहे हैं.

विदेश सचिव ने कहा कि पेशेवर लोगों और अत्यधिक कुशल कामगारों के आने-जाने को प्रोत्साहित करने के लिए प्रवास एवं आवाजाही साझेदारी पर दोनों पक्षों द्वारा विचार करने का समय आ सकता है.

विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका और आस्ट्रेलिया के साथ क्वाड (भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के समूह) परामर्श ने इन चार देशों को क्षेत्र के प्रति अपनी कोशिशों की संभावनाएं तलाश करने का एक मंच मुहैया किया है.

उन्होंने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इसने न सिर्फ गंभीर आर्थिक तनाव पैदा किया है बल्कि भू राजनीतिक स्थिति पर भी इसका दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा.

पढ़ें : भारत-बांग्लादेश के बीच अनूठा संबंध है : विदेश सचिव श्रृंगला

उन्होंने विनिर्माण, कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और स्वच्छ ऊर्जा को नयी साझेदारी के लिए क्षेत्र बताया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान, रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र और प्रशांत महासागर के द्विपीय देशों सहित तीसरे देशों में सहयोग मजबूत करने की संभावना तलाश रहे हैं.

तीसरे देशों में वे देश शामिल हैं, जो यूरोपीय संघ के सदस्य नहीं हैं.

श्रृंगला ने कहा कि उभरती भू-राजनीतिक स्थिति में, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है और दोनों देशों के बीच गहरी समझ ने साझेदारी को आगे बढ़ाया है.

उन्होंने कहा, भारत और जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और इससे बाहर अन्य साझेदारों के साथ काम करने की अपनी क्षमता लगातार बढ़ा रहे हैं. हम तीसरे देशों में अपन सहयोग बढ़ाने, भारत के निकट पड़ोसी देशों से रूस के सुदूर पूर्व और प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देशों की ओर बढ़ने की संभावना तलाश कर रहे हैं.

विदेश सचिव ने कहा कि पेशेवर लोगों और अत्यधिक कुशल कामगारों के आने-जाने को प्रोत्साहित करने के लिए प्रवास एवं आवाजाही साझेदारी पर दोनों पक्षों द्वारा विचार करने का समय आ सकता है.

विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका और आस्ट्रेलिया के साथ क्वाड (भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के समूह) परामर्श ने इन चार देशों को क्षेत्र के प्रति अपनी कोशिशों की संभावनाएं तलाश करने का एक मंच मुहैया किया है.

उन्होंने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इसने न सिर्फ गंभीर आर्थिक तनाव पैदा किया है बल्कि भू राजनीतिक स्थिति पर भी इसका दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा.

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उन्होंने विनिर्माण, कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और स्वच्छ ऊर्जा को नयी साझेदारी के लिए क्षेत्र बताया.

(पीटीआई-भाषा)

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