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सीमा विवाद सुलझाने को भारत व चीन के बीच जल्द होगी नौंवें दौर की सैन्य वार्ता - वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शरीक

पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाएं जल्द ही नौंवें दौर की वार्ता करेंगी. दोनों देशों के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता पिछले साल छह नवंबर को हुई थी.

सैन्य वार्ता
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Published : Jan 23, 2021, 2:29 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाएं जल्द ही नौंवें दौर की वार्ता करेंगी. इस क्षेत्र में नवंबर, 2020 से पिछले दौर की वार्ता के समय से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. सूत्रों ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्प्स कमांडर स्तर की यह वार्ता संभवत: अगले एक-दो दिन में हो सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि वार्ता के प्रारूप तैयार किए जा रहे हैं और इनमें आवश्यकतानुसार कुछ तब्दीली भी हो सकती है.

इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शरीक हो सकते हैं. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता पिछले वर्ष छह नवंबर को हुई थी. हालांकि, इस वार्ता में भी कुछ सकारात्मक परिणाम नहीं मिले, लेकिन दोनों देशों ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद व विचार-विमर्श जारी रखने पर सहमति जताई. साथ ही दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और अन्य मुद्दों को सुलझाने पर भी सहमति जताई ताकि सीमाई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति कायम रखी जा सके.

इससे पूर्व, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, उन्होंने इस बात की उम्मीद भी जताई थी कि विगत नौ महीने से जारी गतिरोध का एक मैत्रीपूर्ण समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा था कि जहां तक हमारे राष्ट्रीय हितों एवं लक्ष्यों की बात है, तो हम अपनी सरजमीं के एक-एक इंच की रक्षा करने को पूरी तरह से तैयार हैं.

पढ़ें : भारत-श्रीलंका मछुआरों का मुद्दा मानवीय आधार पर हल करने के पक्ष में : विदेश मंत्रालय

गौरतलब है कि 30 अगस्त, 2020 को भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर स्थित रेचिन ला, मुकपारी और टेबलटॉप जैसी महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था. चीन की तरफ से उकसाने वाली सैन्य कोशिश को देखते हुए भारत ने ब्लैकटॉप के पास अपने कुछ जवानों को तैनात भी कर दिया है. अब यहां की 13 चोटियों पर आधिपत्य के मद्देनजर यहां भारत की स्थिति काफी मजबूत हो गई है.

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाएं जल्द ही नौंवें दौर की वार्ता करेंगी. इस क्षेत्र में नवंबर, 2020 से पिछले दौर की वार्ता के समय से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. सूत्रों ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्प्स कमांडर स्तर की यह वार्ता संभवत: अगले एक-दो दिन में हो सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि वार्ता के प्रारूप तैयार किए जा रहे हैं और इनमें आवश्यकतानुसार कुछ तब्दीली भी हो सकती है.

इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शरीक हो सकते हैं. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता पिछले वर्ष छह नवंबर को हुई थी. हालांकि, इस वार्ता में भी कुछ सकारात्मक परिणाम नहीं मिले, लेकिन दोनों देशों ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद व विचार-विमर्श जारी रखने पर सहमति जताई. साथ ही दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और अन्य मुद्दों को सुलझाने पर भी सहमति जताई ताकि सीमाई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति कायम रखी जा सके.

इससे पूर्व, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, उन्होंने इस बात की उम्मीद भी जताई थी कि विगत नौ महीने से जारी गतिरोध का एक मैत्रीपूर्ण समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा था कि जहां तक हमारे राष्ट्रीय हितों एवं लक्ष्यों की बात है, तो हम अपनी सरजमीं के एक-एक इंच की रक्षा करने को पूरी तरह से तैयार हैं.

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गौरतलब है कि 30 अगस्त, 2020 को भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर स्थित रेचिन ला, मुकपारी और टेबलटॉप जैसी महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था. चीन की तरफ से उकसाने वाली सैन्य कोशिश को देखते हुए भारत ने ब्लैकटॉप के पास अपने कुछ जवानों को तैनात भी कर दिया है. अब यहां की 13 चोटियों पर आधिपत्य के मद्देनजर यहां भारत की स्थिति काफी मजबूत हो गई है.

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