ETV Bharat / bharat

भारत की 'अग्निवीर' सेना, फुर्तीली, संक्षिप्त और ज्यादा युवा

जब देश के रक्षा मंत्री, भारत के थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ, रक्षा सचिव के साथ एक ही मंच पर एक घोषणा करने के लिए बैठते हैं, तो यह वास्तव में भारत के सैन्य संस्थान हिला देगा. ईटीवी भारत के लिए वरीष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

Agniveer military
भारत की 'अग्निवीर' सेना, फुर्तिली, संक्षिप्त और ज्यादा युवा
author img

By

Published : Jun 15, 2022, 8:08 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 9:30 AM IST

नई दिल्ली : जब देश के रक्षा मंत्री, भारत के थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ, रक्षा सचिव के साथ एक ही मंच पर एक घोषणा करने के लिए बैठते हैं, तो यह वास्तव में भारत के सैन्य संस्थान हिला देगा. इसका मतलब और भी ज्यादा हो सकता है अगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से बाहर आए हों. राष्ट्रीय राजधानी के पॉश नेशनल मीडिया सेंटर में मंगलवार दोपहर को अचानक बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही हुआ. दो साल के गहन और विस्तृत विचार-विमर्श और चर्चा के बाद - दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना की पारंपरिक भर्ती प्रणाली को मौलिक रूप से बदल दिया गया.

मूल रूप से, भर्ती की नई प्रणाली, जिसे 'अग्निपथ' कहा जा रहा है. जिसे उपयुक्त रूप से नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने तैयार किया है. जिसमें 'अनुभव का ज्ञान और युवाओं का उत्साह' शामिल है. नेशनल मीडिया सेंटर में मंगलवार को बताया गया कि 'अग्निपथ' 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की चरम फिटनेस और गतिशीलता का दोहन करने के लिए क्या करेगा. साथ ही जानकारी दी गई कि अब एक भारतीय सैनिक की औसत आयु प्रोफाइल 32 से घटा कर 26 कर दी गई है. यानी बतौर सैनिक उनकी आयु छह साल कम हो जाएगी. बताया गया कि 'अग्निपथ' प्रणाली के तहत भर्ती की पहली प्रक्रिया ठीक 90 दिनों बाद शुरू हो जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने साथ सीओएएस जनरल मनोज पांडे, सीएनएस एडमिरल वी हरि कुमार और सीएएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ यह घोषणा कर रहे थे ताकि यह स्पष्ट संदेश जाये कि नए सुधारों पर तीनों सेनाओं की सहमती है.

पढ़ें: 'अग्निवीर' ... के बारे में जानें सबकुछ, कितनी मिलेगी सैलरी, किसे मिलेगा मौका ?

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा.रोजगार के पहले वर्ष में एक 'अग्निवीर' का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे. इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक 'अग्निवीर' को 'सेवा निधि पैकेज' के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.

इस योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए 22 साल तक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में सेवा देने वाले ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) नितिन वेल्डे ने कहा कि इस योजना की आलोचना या सराहना करना जल्दबाजी होगी. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बी एस धनोआ ने कहा कि योजना की परिकल्पना और कार्यान्वयन लागत में कटौती को ध्यान में रखते हुए किया गया है, लेकिन यह 21 वीं सदी की सेना में आवश्यक बड़े सुधारों के लिए उत्प्रेरक साबित हो सकता है.

पढ़ें : जल्द होगी नए सीडीएस की नियुक्ति, प्रक्रिया जारी : राजनाथ सिंह

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) यश मोर ने अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि वह सबसे अधिक उन लाखों युवाओं को लेकर (निराशा) महसूस करते हैं, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में भर्ती की सारी उम्मीद खो दी है. मोर ने ट्वीट किया, सेवा मुख्यालय भी इसे लागू करने के लिए अनिच्छुक प्रतीत होता है. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ योजना पूर्ववर्ती सैन्य परंपरा, लोकाचार, नैतिकता और मूल्यों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सेना की दक्षता और प्रभावशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पी आर शंकर ने अपने ब्लॉग में कहा कि टूर आफ ड्यूटी अच्छा विचार नहीं लगता. सावधानी से आगे बढ़ें.

नई दिल्ली : जब देश के रक्षा मंत्री, भारत के थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ, रक्षा सचिव के साथ एक ही मंच पर एक घोषणा करने के लिए बैठते हैं, तो यह वास्तव में भारत के सैन्य संस्थान हिला देगा. इसका मतलब और भी ज्यादा हो सकता है अगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से बाहर आए हों. राष्ट्रीय राजधानी के पॉश नेशनल मीडिया सेंटर में मंगलवार दोपहर को अचानक बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही हुआ. दो साल के गहन और विस्तृत विचार-विमर्श और चर्चा के बाद - दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना की पारंपरिक भर्ती प्रणाली को मौलिक रूप से बदल दिया गया.

मूल रूप से, भर्ती की नई प्रणाली, जिसे 'अग्निपथ' कहा जा रहा है. जिसे उपयुक्त रूप से नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने तैयार किया है. जिसमें 'अनुभव का ज्ञान और युवाओं का उत्साह' शामिल है. नेशनल मीडिया सेंटर में मंगलवार को बताया गया कि 'अग्निपथ' 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की चरम फिटनेस और गतिशीलता का दोहन करने के लिए क्या करेगा. साथ ही जानकारी दी गई कि अब एक भारतीय सैनिक की औसत आयु प्रोफाइल 32 से घटा कर 26 कर दी गई है. यानी बतौर सैनिक उनकी आयु छह साल कम हो जाएगी. बताया गया कि 'अग्निपथ' प्रणाली के तहत भर्ती की पहली प्रक्रिया ठीक 90 दिनों बाद शुरू हो जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने साथ सीओएएस जनरल मनोज पांडे, सीएनएस एडमिरल वी हरि कुमार और सीएएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ यह घोषणा कर रहे थे ताकि यह स्पष्ट संदेश जाये कि नए सुधारों पर तीनों सेनाओं की सहमती है.

पढ़ें: 'अग्निवीर' ... के बारे में जानें सबकुछ, कितनी मिलेगी सैलरी, किसे मिलेगा मौका ?

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा.रोजगार के पहले वर्ष में एक 'अग्निवीर' का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे. इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक 'अग्निवीर' को 'सेवा निधि पैकेज' के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.

इस योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए 22 साल तक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में सेवा देने वाले ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) नितिन वेल्डे ने कहा कि इस योजना की आलोचना या सराहना करना जल्दबाजी होगी. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बी एस धनोआ ने कहा कि योजना की परिकल्पना और कार्यान्वयन लागत में कटौती को ध्यान में रखते हुए किया गया है, लेकिन यह 21 वीं सदी की सेना में आवश्यक बड़े सुधारों के लिए उत्प्रेरक साबित हो सकता है.

पढ़ें : जल्द होगी नए सीडीएस की नियुक्ति, प्रक्रिया जारी : राजनाथ सिंह

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) यश मोर ने अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि वह सबसे अधिक उन लाखों युवाओं को लेकर (निराशा) महसूस करते हैं, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में भर्ती की सारी उम्मीद खो दी है. मोर ने ट्वीट किया, सेवा मुख्यालय भी इसे लागू करने के लिए अनिच्छुक प्रतीत होता है. मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ योजना पूर्ववर्ती सैन्य परंपरा, लोकाचार, नैतिकता और मूल्यों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सेना की दक्षता और प्रभावशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पी आर शंकर ने अपने ब्लॉग में कहा कि टूर आफ ड्यूटी अच्छा विचार नहीं लगता. सावधानी से आगे बढ़ें.

Last Updated : Jun 15, 2022, 9:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.