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भारत-एडीबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए किया $300 मिलियन का ऋण समझौता - अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (Government of India and Asian Development Bank) ने 13 राज्यों के शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार के लिए $300 मिलियन के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर ($300 million loan agreement signed) किए हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट.

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Published : Nov 24, 2021, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : भारत-एडीबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए $300 मिलियन के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर ($300 million loan agreement signed) किए हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इससे झुग्गी बस्तियों में रहने वाले करीब 51 मिलियन व 256 मिलियन से अधिक शहरी निवासियों को लाभ होने की उम्मीद है.

ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा (Additional Secretary Rajat Kumar Mishra) और एडीबी के भारत मिशन के कंट्री डायरेक्टर ताकेओ कोनिशी (Takeo Konishi, Country Director of India Mission) ने हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और महामारी की तैयारी को मजबूती प्रदान करेगा.

मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PM-MSBY) का समर्थन करेगा. जिसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) कर दिया गया है. इससे विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में कमजोर आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता का लाभ मिलेगा.

आयुष्मान भारत कार्यक्रम जिसे 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू (Launched by Prime Minister Narendra Modi) किया गया था. जिसका उद्देश्य भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख रणनीति के रूप में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करना है.

अत्यधिक संक्रामक कोविड-19 वायरस (Highly contagious covid-19 virus) ने देश में 4,66,000 से अधिक लोगों और दुनिया भर में 5.18 मिलियन से अधिक लोगों की जान ले ली है, जिससे महाद्वीपों में जीवन और आजीविका नष्ट (Life and livelihood destroyed in continents) हो गई है.

एडीबी के टेको कोनिशी ने कहा कि यह कार्यक्रम केंद्रीय, राज्य और नगरपालिका स्तरों पर शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संस्थागत क्षमता, संचालन और प्रबंधन को मजबूत करके स्वास्थ्य देखभाल अंतराल को पाटने के सरकार के प्रयासों का पूरक है.

13 राज्यों को होगा फायदा

अधिकारियों ने कहा कि यह कार्यक्रम 13 राज्यों के शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा. इसमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.

महामारी की प्रतिक्रिया के अलावा यह कार्यक्रम व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पैकेजों के प्रावधान के साथ ही शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के बढ़ते उपयोग पर भी जोर देगा. इसमें गैर-संचारी रोग और सामुदायिक आउटरीच सेवाएं भी शामिल होंगी. जिसमें स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों पर जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां शामिल रहेंगी.

यह भी पढ़ें- स्मार्टफोन के 'सार्वभौमिक प्रमाणक' के रूप में इस्तेमाल पर काम कर रहा है यूआईडीएआई : सीईओ

सरकार इस कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए निजी क्षेत्र के साथ भी काम करेगी. कार्यक्रम को गरीबी में कमी लाने के लिए एडीबी के जापान फंड से $2 मिलियन की तकनीकी सहायता अनुदान द्वारा समर्थित है. फंड का उद्देश्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन और समन्वय, क्षमता निर्माण, नवाचार, ज्ञान साझा करने और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में स्केलेबल सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए सहायता प्रदान करना है.

नई दिल्ली : भारत-एडीबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए $300 मिलियन के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर ($300 million loan agreement signed) किए हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इससे झुग्गी बस्तियों में रहने वाले करीब 51 मिलियन व 256 मिलियन से अधिक शहरी निवासियों को लाभ होने की उम्मीद है.

ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा (Additional Secretary Rajat Kumar Mishra) और एडीबी के भारत मिशन के कंट्री डायरेक्टर ताकेओ कोनिशी (Takeo Konishi, Country Director of India Mission) ने हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और महामारी की तैयारी को मजबूती प्रदान करेगा.

मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PM-MSBY) का समर्थन करेगा. जिसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) कर दिया गया है. इससे विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में कमजोर आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता का लाभ मिलेगा.

आयुष्मान भारत कार्यक्रम जिसे 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू (Launched by Prime Minister Narendra Modi) किया गया था. जिसका उद्देश्य भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख रणनीति के रूप में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करना है.

अत्यधिक संक्रामक कोविड-19 वायरस (Highly contagious covid-19 virus) ने देश में 4,66,000 से अधिक लोगों और दुनिया भर में 5.18 मिलियन से अधिक लोगों की जान ले ली है, जिससे महाद्वीपों में जीवन और आजीविका नष्ट (Life and livelihood destroyed in continents) हो गई है.

एडीबी के टेको कोनिशी ने कहा कि यह कार्यक्रम केंद्रीय, राज्य और नगरपालिका स्तरों पर शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संस्थागत क्षमता, संचालन और प्रबंधन को मजबूत करके स्वास्थ्य देखभाल अंतराल को पाटने के सरकार के प्रयासों का पूरक है.

13 राज्यों को होगा फायदा

अधिकारियों ने कहा कि यह कार्यक्रम 13 राज्यों के शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा. इसमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.

महामारी की प्रतिक्रिया के अलावा यह कार्यक्रम व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पैकेजों के प्रावधान के साथ ही शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के बढ़ते उपयोग पर भी जोर देगा. इसमें गैर-संचारी रोग और सामुदायिक आउटरीच सेवाएं भी शामिल होंगी. जिसमें स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों पर जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां शामिल रहेंगी.

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सरकार इस कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए निजी क्षेत्र के साथ भी काम करेगी. कार्यक्रम को गरीबी में कमी लाने के लिए एडीबी के जापान फंड से $2 मिलियन की तकनीकी सहायता अनुदान द्वारा समर्थित है. फंड का उद्देश्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन और समन्वय, क्षमता निर्माण, नवाचार, ज्ञान साझा करने और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में स्केलेबल सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए सहायता प्रदान करना है.

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