बिलासपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर हर पार्टी अपने-अपने स्तर पर चुनावी प्रचार में जुटी हुई है. इस बीच हर पार्टी स्टार प्रचारकों के माध्यम से भी प्रदेश में चुनावी प्रचार कर रही है. पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ ही कई निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं. कुछ उम्मीदवार डोर टू डोर चुनावी प्रचार कर रहे हैं तो कुछ अपने अलग अंदाज में चुनावी प्रचार पर निकल पड़े हैं. बीते दिन कोंडागांव में कांग्रेस नेता मोहन मरकाम नुक्कड़ सभा के माध्यम से चुनावी प्रचार कर रहे थे. वहीं, शनिवार को बिलासपुर में निर्दलीय उम्मीदवार अरुण तिवारी अकेले ही चुनावी प्रचार के लिए निकल पड़े हैं.
दो क्षेत्रों से लड़ रहे चुनाव: निर्दलीय उम्मीदवार अरुण तिवारी एक नहीं बल्कि दो विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. स्लोगन बनाने में ये उम्मीदवार काफी माहिर हैं. इन्होंने कई स्लोगन बनाया है, जो पिछले कुछ सालों में काफी मशहूर भी हुआ है. अब फिर एक नया स्लोगन बनाया है. यह नेता पहले विधायक रह चुके हैं. लेकिन अब निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं. वह भी दोनों विधानसभा क्षेत्र से. यही कारण है कि वो दोनो क्षेत्रों से चुनावी प्रचार कर रहे हैं.अरुण तिवारी बेलतरा विधानसभा और बिलासपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. ये चुनावी प्रचार में अकेले ही निकलते हैं.
खुली जीप पर बैठकर करते हैं चुनावी प्रचार: इनके चुनाव प्रचार का तरीका भी अलग है. वह अपनी खुली जीप में बैठकर चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं. वह अपनी गाड़ी में पूर्व और वर्तमान विधायक को लेकर कई स्लोगन लिखकर रखे हैं. जब सड़कों पर निकलते हैं तो लोग इन्हें रुक कर देखते हैं. जहां खड़े होते हैं तो लोग इनसे मिलने आते हैं. यह वही नेता हैं, जो विलोपित विधानसभा सीपत में कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. इन्होंने तब एक स्लोगन दिया था, "सीपत की चिंगारी, अरुण तिवारी". फिर इन्होंने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को हराने के लिए पिछले विधानसभा चुनाव में एक स्लोगन दिया "सेठ तो गियो".अब यह इस चुनाव में बिलासपुर शहर के कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय और उनके अपोजिट लड़ने वाले भाजपा के अमर अग्रवाल के लिए स्लोगन दिया है- "सेठ तो गियो, मिठलबरा भी जाएगा.. बिलासपुर की आवाज उठाने अरुण तिवारी आयेगा."
जीत और हार की बात अलग होती है. लेकिन चुनाव लड़ना और लड़ के अपनी पहचान बनाना भी एक अलग अंदाज होता है. यही वजह है कि मैं दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहा हूं.-अरुण तिवारी, निर्दलीय उम्मीदवार
जानिए क्यों दो क्षेत्रों से लड़ेंगे चुनाव: निर्दलीय उम्मीदवार अरुण तिवारी दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले हैं. इसका कारण भी बड़ा दिलचस्प है. अरुण तिवारी ने इस बारे में बताया कि, " बिलासपुर विधानसभा मेरी जन्म स्थल है. यहां मैं बहुत साल बिताया हूं. बेलतरा विधानसभा मेरी कर्म स्थली है. यहां मैंने पहले चुनाव लड़ा था. इस क्षेत्र में बहुत सारे विकास भी करवाए थे. इसके साथ ही वहां के लोगों का प्यार हमेशा मिलता रहा है. यही कारण है कि वह किसी को भी नाराज नहीं करना चाहते थे.
सीपत से रह चुके है विधायक: अरुण तिवारी पहले कांग्रेस के नेता थे. उन्होंने विलोपित हुए सीपत विधानसभा में साल 1985 में चुनाव लड़ा था और उन्होंने जीत हासिल की थी. अरुण तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, माधव राजे सिंधिया जैसे नेताओं के साथ उनके चुनावी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचते थे. ये कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष भी रहे हैं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हुई, जिसकी वजह से इन्होंने राहुल गांधी से सीधे तौर पर कई सवाल कर दिए. इसके बाद इन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विषय में भी कुछ टिप्पणी की थी. जिसके बाद इन्हें अनुशासनहीनता की वजह से जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. तब ये कांग्रेस छोड़ दिए. अरुण तिवारी कांग्रेस के कर्मठ नेता रहे हैं. लेकिन अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.