श्रीनगर/जम्मू : दो दशकों के अंतराल के बाद हजारों कश्मीरी मंगलवार को यहां बक्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने पहुंचे. प्राधिकारियों ने आतंकवादी खतरे के मद्देनजर पूर्व में लोगों की आवाजाही पर लगायी पाबंदियों में ढील दी जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकले. श्रीनगर के 15 लाख निवासियों के लिए यह काफी हैरान करने वाला था कि उन्हें कोई कंटीली तारें या अवरोधक देखने को नहीं मिले जिन्हें कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के कारण लगाया जाता था.
राष्ट्रध्वज लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बक्शी स्टेडियम में पहुंचे. यह 2003 के बाद से पहली बार है जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए स्टेडियम में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. 2003 में अनुमानित 20,000 लोगों ने परेड देखी थी. सूत्रों ने बताया कि करीब 10,000 लोग समारोह देखने पहुंचे. इस मौके पर लोग खुश दिखे और उन्हें सेल्फी लेते हुए देखा गया. शहर में कई स्कूल सुबह-सुबह ध्वजारोहण समारोह के लिए खुले जबकि दुकानें भी खुली दिखायी दी.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि आम नागरिक की मानसिकता में बदलाव के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश में शांति और विकास का लाभ दिखाई दे रहा है. 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बख्शी स्टेडियम में आयोजित समारोह को संबोधित करते सिन्हा ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास का युग शुरू हो गया है." उपराज्यपाल ने कहा, "हड़ताल और बंद के दिन अतीत की बात हैं. पर्यटन बड़े पैमाने पर बढ़ा है और यह स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है. पूरे जम्मू-कश्मीर में विकास चल रहा है और लोगों को पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से प्रगति में अपना हिस्सा मिल रहा है."
अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया. शहर के ज्यादातर हिस्सों में वाहनों की आवाजाही सुचारू रही. मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएं भी लगातार तीसरी बार अबाधित रहीं जबकि 15 अगस्त और 26 जनवरी को ये सेवाएं निलंबित रहती थीं. स्टेडियम में मौजूद युवक आदिब हुसैन ने कहा, "हमें खुशी है कि कोई पाबंदी नहीं है और लोगों को बिना विशेष पास के प्रवेश करने दिया गया." शाइस्ता बानो परेड देखने के लिए गांदरबल से आयी थीं. उन्होंने कहा, "मैं कई वर्षों से परेड देखने का इंतजार कर रही थी. जब मैंने सुना कि कोई भी स्टेडियम में प्रवेश कर सकता है तो मैंने इस बार आने का फैसला किया."
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने लोगों से बड़ी संख्या में समारोह में भाग लेने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि स्टेडियम में आने के लिए केवल वैध पहचान पत्र की आवश्यकता होगी. इस स्टेडियम को मरम्मत के लिए 2018 में बंद कर दिया गया था और परेड सोनावर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित की जाती थी. इससे पहले 2003 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद पर बक्शी स्टेडियम की खाली सीटों को भरने के लिए घाटी के अन्य हिस्सों से लोगों को लाने तथा सादी वर्दी में सुरक्षाबलों को बैठाने का आरोप लगाया गया था.
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जम्मू कश्मीर में शांति, प्रगति के नए युग का उदय हुआ है : उपराज्यपाल के सलाहकार
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में पिछले चार वर्षों में एक नए युग का उदय हुआ है जो सद्भाव, विकास और समृद्धि का वादा करता है. भटनागर ने यहां स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में तिरंगा फहराने के बाद कहा कि जम्मू कश्मीर ने पिछले चार वर्षों में शांति, प्रगति एवं समृद्धि की ओर यात्रा शुरू की है. उन्होंने कहा, "नए उद्यमों की स्थापना और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. गांव प्रगति कर रहे हैं तथा आवश्यक बुनियादी ढांचा सुदृढ़ किया जा रहा है." भटनागर ने केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता के बारे में बात की.
जम्मू कश्मीर में विकासात्मक पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण इस साल पूरा होने की संभावना है जबकि कश्मीर में एम्स का निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा. इसके अलावा सात मेडिकल कॉलेज तथा 15 नर्सिंग संस्थान पहले ही चालू हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर खासतौर से ‘अमृत काल’ के दौरान जीवन के सभी क्षेत्रों में व्यापक विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है. भटनागर ने कहा कि यह क्षेत्र भय और भ्रष्टाचार से मुक्त क्षेत्र में विकसित हो रहा है. उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी केंद्र शासित प्रदेश में किया जाना नए जम्मू कश्मीर के उदय का प्रमाण है.
(पीटीआई-भाषा)