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असम-मिजोरम सीमा पर घटनाएं अस्वीकार्य, वार्ता एकमात्र समाधान : हिमंत बिस्व सरमा

असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प में सात लोगों की मौत होने और अन्य 50 से अधिक के घायल होने के छह दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि अंतर-राज्यीय सीमा पर इस तरह की घटनाएं दोनों राज्यों के लिए अस्वीकार्य हैं. उन्होंने वार्ता के जरिए एक समाधान निकालने का समर्थन किया.

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Published : Aug 1, 2021, 7:53 PM IST

Sarma
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गुवाहाटी/आइजोल : मिजोरम पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में सरमा पर आपराधिक साजिश रचने और हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है. असम के मुख्यमंत्री ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि पूर्वोत्तर की भावना को जीवंत रखने की जरूरत है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के असम के मुख्यमंत्री सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से दिन में टोलीफोन पर वार्ता करने के बाद सरमा ने यह ट्वीट किया. सरमा ने एक ट्वीट में कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य पूर्वोत्तर की भावना को जीवंत रखना है. असम-मिजोरम सीमा पर जो कुछ हुआ वह दोनों राज्यों के लोगों के लिए अस्वीकार्य है.

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि विवादों का हल चर्चा के जरिए ही किया जा सकता है. शाह की अध्यक्षता में इस महीने की शुरूआत में हुई एक बैठक में असम और इसके पड़ोसी राज्यों के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवादों का समाधान करने की कोशिश के बावजूद मिजोरम से लगी सीमा पर झड़प में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मी और एक आम आदमी की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य लोग घायल हो गए.

मिजोरम पुलिस ने सरमा और असम के छह अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है. इन आरोपों में हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचना शामिल है. असम पुलिस ने भी मिजोरम सरकार के छह अधिकारियों को सम्मन जारी किया है और उनसे सोमवार को ढोलाई पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा है.

इन अधिकारियों में एक उपायुक्त और कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं. हालांकि रविवार को मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने रविवार को कहा कि मिजोरम सरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने के लिए तैयार है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी में असम के मुख्यमंत्री के नाम का जिक्र किए जाने को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि हमें इस पर गौर करना चाहिए. वहीं, झड़प के शीघ्र बाद मिजोरम की आर्थिक नाकेबंदी करने वाले असमी स्थानीय संगठनों ने नाकेबंदी हटा दी है. लेकिन ट्रक चालक संभावित हिंसा के डर से कछार जिले के ढोलाई में अपने ट्रक खड़े रखे हुए हैं या वे त्रिपुरा से होकर जाने वाले लंबे मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं.

असम सरकार ने बृहस्पतिवार को एक यात्रा परामर्श जारी कर लोगों से मिजोरम की यात्रा नहीं करने को कहा था और वहां काम कर रहे व रह रहे राज्य के लोगों को सलाह दी थी कि पूरी सतर्कता बरतें. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र लैलापुर के अंदर और इसके आसपास तथा अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति शांत है.

यह भी पढ़ें-असम-मिजोरम सीमा पर तनाव व्याप्त, केंद्रीय बल कर रहे गश्त

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बड़ी संख्या में जवान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर गश्त कर रहे हैं. असम की बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी जिले मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164.6 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी/आइजोल : मिजोरम पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में सरमा पर आपराधिक साजिश रचने और हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है. असम के मुख्यमंत्री ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि पूर्वोत्तर की भावना को जीवंत रखने की जरूरत है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के असम के मुख्यमंत्री सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से दिन में टोलीफोन पर वार्ता करने के बाद सरमा ने यह ट्वीट किया. सरमा ने एक ट्वीट में कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य पूर्वोत्तर की भावना को जीवंत रखना है. असम-मिजोरम सीमा पर जो कुछ हुआ वह दोनों राज्यों के लोगों के लिए अस्वीकार्य है.

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि विवादों का हल चर्चा के जरिए ही किया जा सकता है. शाह की अध्यक्षता में इस महीने की शुरूआत में हुई एक बैठक में असम और इसके पड़ोसी राज्यों के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवादों का समाधान करने की कोशिश के बावजूद मिजोरम से लगी सीमा पर झड़प में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मी और एक आम आदमी की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य लोग घायल हो गए.

मिजोरम पुलिस ने सरमा और असम के छह अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है. इन आरोपों में हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचना शामिल है. असम पुलिस ने भी मिजोरम सरकार के छह अधिकारियों को सम्मन जारी किया है और उनसे सोमवार को ढोलाई पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा है.

इन अधिकारियों में एक उपायुक्त और कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं. हालांकि रविवार को मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने रविवार को कहा कि मिजोरम सरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने के लिए तैयार है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी में असम के मुख्यमंत्री के नाम का जिक्र किए जाने को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि हमें इस पर गौर करना चाहिए. वहीं, झड़प के शीघ्र बाद मिजोरम की आर्थिक नाकेबंदी करने वाले असमी स्थानीय संगठनों ने नाकेबंदी हटा दी है. लेकिन ट्रक चालक संभावित हिंसा के डर से कछार जिले के ढोलाई में अपने ट्रक खड़े रखे हुए हैं या वे त्रिपुरा से होकर जाने वाले लंबे मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं.

असम सरकार ने बृहस्पतिवार को एक यात्रा परामर्श जारी कर लोगों से मिजोरम की यात्रा नहीं करने को कहा था और वहां काम कर रहे व रह रहे राज्य के लोगों को सलाह दी थी कि पूरी सतर्कता बरतें. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र लैलापुर के अंदर और इसके आसपास तथा अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति शांत है.

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बड़ी संख्या में जवान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर गश्त कर रहे हैं. असम की बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी जिले मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164.6 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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