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ज्ञानवापी में चल रहे एएसआई सर्वे में सील वजूखाने की जांच की भी उठाई गई मांग

ज्ञानवापी में चल रहे एएसआई सर्वे में सील वजूखाने की जांच की भी मांग उठाई गई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 9:09 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कारवाई लगातार जारी है. एएसआई की टीम 26 दिनों से सर्वे की कारवाई कर रही और आज 27 वें दिन भी सर्वे की करवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन इन सबके बीच अब वजूखाने के सर्वे की मांग भी उठने लगी है. इस मामले में मंगलवार को श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन की मांग करने वाली पहली वादिनी राखी सिंह की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सेल वजू खाने का सर्वे भी कर जाने की मांग की गई है.




दरअसल, राखी सिंह की तरफ से हर रोज कुछ ना कुछ नई एप्लीकेशन कोर्ट में दी जा रही है. पिछले दिनों सर्वे के दौरान मिली चीजों को संरक्षित करने की मांग करते हुए राखी सिंह ने मुस्लिम समुदाय के प्रवेश को रोकने की मांग की थी. जिस पर सुनवाई चल रही है इन सब के बीच मंगलवार को अधिवक्ता महान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी की तरफ से राखी सिंह के द्वारा एक एप्लीकेशन जिला जज की अदालत में दाखिल की गई है.


64 पन्नों के इस एप्लीकेशन में उन्होंने पिछले वर्ष हुई कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग और पूरे एरिया की जांच भी करने की मांग उठाई है. यह पूरा परिसर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद सील है राखी सिंह के वकील अनुपम द्वेदी का कहना है कि हमने कोर्ट से यह मांग की है कि ज्ञानवापी के मौजूदा स्वरूप को नुकसान पहुंचाये बगैर सुरक्षित तरीके से सर्वे का काम जारी है. ऐसे में वहां मिले कथित शिवलिंग जैसी आकृति को छोड़कर वजूखाने का भी वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे करवा दिया जाए ताकि जो सत्य है वह सामने आ सके. इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा और यह भी पता चल जाएगा कि वह स्ट्रक्चर कब बना था और उसके निर्माण की विधि क्या थी. फिलहाल जिला जज की छुट्टी पर रहने की वजह से इस एप्लीकेशन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है माना जा रहा है अन्य एप्लीकेशन की सुनवाई 8 सितंबर को होनी है. इस दौरान इस एप्लीकेशन पर भी जिला जज विचार करेंगे.

ये भी पढ़ें: पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कारवाई लगातार जारी है. एएसआई की टीम 26 दिनों से सर्वे की कारवाई कर रही और आज 27 वें दिन भी सर्वे की करवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन इन सबके बीच अब वजूखाने के सर्वे की मांग भी उठने लगी है. इस मामले में मंगलवार को श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन की मांग करने वाली पहली वादिनी राखी सिंह की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सेल वजू खाने का सर्वे भी कर जाने की मांग की गई है.




दरअसल, राखी सिंह की तरफ से हर रोज कुछ ना कुछ नई एप्लीकेशन कोर्ट में दी जा रही है. पिछले दिनों सर्वे के दौरान मिली चीजों को संरक्षित करने की मांग करते हुए राखी सिंह ने मुस्लिम समुदाय के प्रवेश को रोकने की मांग की थी. जिस पर सुनवाई चल रही है इन सब के बीच मंगलवार को अधिवक्ता महान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी की तरफ से राखी सिंह के द्वारा एक एप्लीकेशन जिला जज की अदालत में दाखिल की गई है.


64 पन्नों के इस एप्लीकेशन में उन्होंने पिछले वर्ष हुई कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग और पूरे एरिया की जांच भी करने की मांग उठाई है. यह पूरा परिसर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद सील है राखी सिंह के वकील अनुपम द्वेदी का कहना है कि हमने कोर्ट से यह मांग की है कि ज्ञानवापी के मौजूदा स्वरूप को नुकसान पहुंचाये बगैर सुरक्षित तरीके से सर्वे का काम जारी है. ऐसे में वहां मिले कथित शिवलिंग जैसी आकृति को छोड़कर वजूखाने का भी वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे करवा दिया जाए ताकि जो सत्य है वह सामने आ सके. इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा और यह भी पता चल जाएगा कि वह स्ट्रक्चर कब बना था और उसके निर्माण की विधि क्या थी. फिलहाल जिला जज की छुट्टी पर रहने की वजह से इस एप्लीकेशन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है माना जा रहा है अन्य एप्लीकेशन की सुनवाई 8 सितंबर को होनी है. इस दौरान इस एप्लीकेशन पर भी जिला जज विचार करेंगे.

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