नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 7 बजे (भारतीय मानक समय) पर क्वाड (चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता) नेताओं की पहली बैठक में भाग लेंगे. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा भी शामिल होंगे.
क्वाड एक ऐसा मंच है जिसमें संयुक्त राष्ट्र, भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान शामिल हैं. जो चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए इस क्षेत्र में पर्याप्त मुद्दों पर बात करेंगे. क्वाड का उद्देश्य चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है.
जितेंद्र त्रिपाठी से खास बातचीत
क्वाड समिट के संबंध में पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बात की उन्होंने कहा की अब यह मंच 13 वर्ष पुराना हो चुका है और इस बार का सम्मेलन अनूठा और महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में संस्थागत रूप से इस सम्मेलन में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है. विदेश और रक्षा मंत्रियों के स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की 6 बैठकें हो चुकी हैं. वार्ता में कई अहम निर्णय भी लिए गए हैं, ऐसे में इस बार का क्वाड समिट महत्वपूर्ण साबित होने वाला है.
जितेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि क्वाड समिट ऐसे समय में हो रहा है जब चीन की विस्तारवादी नीति की सभी आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन एक घायल जानवर की तरह है. इसके अलावा भी चीन आंतरिक रुप से कई समस्याओं से जूझ रहा है, जिसमें खाने की कमी, उसके द्वारा दूसरे देशों को ऋण देने की कूटनीति का विरोध और चीन के विनिर्माण उद्योग की समस्याएं शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश के लोगों से चीन में ही बाजार तैयार करने की संभावनाएं खोजने को कहा था, इससे पता चलता है कि चीन की स्थिति उस तरह से मजबूत नहीं है जैसा वह दिखाना चाहता है.
क्वाड समिट से मिलने वाले परिणाम पर त्रिपाठी ने कहा कि निश्चित रूप से कोरोना वैक्सीन के उत्पादन और सप्लाई चेन पर प्रमुखता से बात होगी, जिस पर आम सहमति भी होगी. इसके अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला रखने पर भी बात होगी.
जारी होगा संयुक्त बयान
रिपोर्ट के अनुसार बैठक चार नेताओं की प्रारंभिक टिप्पणी के साथ शुरू होगी और इसके बाद बंद दरवाजे की बैठक होगी. अंत में इसका परिणाम बयान के रुप में सामने होगा. क्वाड बैठक के दौरान अपने संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की वैक्सीन पहल पर विचार रखेंगे. भारत ने अपने पड़ोसी देशों और अन्य देशों को टीके की एक लाख खुराकें भेजी हैं.
दुनिया की फार्मेसी भारत
भारत खुद को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में पेश कर सकता है. इसके अलावा कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा होगी. भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, समान और सस्ता टीकाकरण सुनिश्चित करने में सहयोग के अवसर भी तलाशें जाएंगे.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने जताई उम्मीद
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उनकी पहली मुलाकात और भारत और जापान के नेताओं के साथ बातचीत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए अहम साबित होगी. ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समयानुसार शनिवार तड़के वीडियो कांफ्रेंस के जरिए होने वाली इस बातचीत में पहली बार समूह के नेता एकसाथ जुटेंगे. चीन ने क्वाड को उसकी आकांक्षाओं पर लगाम लगाने का एक प्रयास बताया है.
दीर्घकालिक हित जुड़े
मॉरिसन ने कहा कि यह चार राष्ट्रों के बारे में है जिनके हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक हित जुड़े हैं. हमारे लिए यह वह स्थान है जहां हम रहते हैं, जहां जापान है, जहां भारत है और जहां अमेरिका की लंबे समय से मौजूदगी रही है. इसलिए यह (बातचीत) हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता के लिए अहम है. इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देशों को लाभ होगा.
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वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक शांति के उद्देश्य और क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित होगी.