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Impact Of TS Singhdeo Statement : 'एक विधानसभा से मुझे नहीं कोई मतलब', जानिए टीएस सिंहदेव के इस बयान के सियासी मायने, क्या विधायकों के कटेंगे टिकट ? - Chhattisgarh Election 2023

Impact Of TS Singhdeo Statement छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट वितरण से पहले डिप्टी सीएम का दर्द एक बार फिर जनता के सामने आया.टीएस सिंहदेव ने भरे मंच से एक विधानसभा की जिम्मेदारी नहीं लेनी की बात कह डाली.सिंहदेव ने कहा कि यदि महाराज और महारानी के खिलाफ सार्वजनिक मंच से कोई कुछ भी कहेगा तो उससे समझौता नहीं हो सकता.लिहाजा अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आलाकमान सिंहदेव की नाराजगी को ध्यान में रखते हुए संबंधित विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बदल सकता है ताकि सिंहदेव की नाराजगी दूर करने के साथ ही इन सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी मजबूत रहे. Chhattisgarh Election 2023

impact of TS Singhdeo statement in Chhattisgarh Election 2023
जानिए टीएस सिंहदेव के बयान के सियासी मायने
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 9:22 PM IST

जानिए टीएस सिंहदेव के बयान के सियासी मायने

सरगुजा : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. लेकिन यदि उनके परिवार को लेकर किसी ने कुछ भी गलत बोला तो ताउम्र उसे माफ नहीं करते. ऐसा ही कुछ देखने को मिला बलरामपुर में एक सभा के दौरान, जहां टीएस सिंहदेव ने बिना किसी का नाम लिए प्रदेश की एक विधानसभा में कोई काम नहीं करने का ऐलान किया. सिंहदेव ने भरी सभा में कहा कि इस विधानसभा से उनका कोई भी लेना देना नहीं है. मुझे कोई कुछ भी कहे लेकिन महाराज और महारानी को लेकर भरी सभा में कोई कुछ भी बोलेगा तो फिर मेरे से समझौता नहीं होगा. आगे क्या होगा यह पब्लिक और पार्टी जाने. लेकिन मेरी तरफ से वहां समझौता नहीं हो सकता.


किस पर टीएस सिंहदेव ने साधा है निशाना ? : आपको बता दें कि बलरामपुर रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव पर उनकी हत्या कराने की साजिश करने का आरोप लगाया था. इसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई थी. विधानसभा में भी ये मामला उछला. आखिरकार बृहस्पति सिंह ने विधानसभा में अपनी बातों को लेकर खेद व्यक्त किया. लेकिन इन आरोपों के बाद बलरामपुर जिले में बृहस्पति सिंह के खिलाफ टीएस सिंहदेव समर्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा देखने को मिला. कार्यकर्ताओं ने कई मौकों पर डिप्टी सीएम के सामने खुद की उपेक्षा और विधानसभा में काम नहीं होने का दुखड़ा रोया. आखिरकार समर्थकों के आगे टीएस सिंहदेव के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने भरी सभा में अपना दर्द बयां कर दिया.

Impact Of TS Singhdeo Statement
टीएस सिंहदेव के बयान से मची खलबली

प्रदेश की 90 विधानसभाओं में से एक विधानसभा ऐसी है, जिसमें मेरा कोई दखल नहीं होगा. न ही मेरी जवाबदारी होगी. एक विधानसभा में अच्छा हो या बुरा हो उसमें मेरी भागीदारी नहीं होगी. इसके लिए आज मैं माफी मांगकर सबसे सामने अपने आप को अलग कर रहा हूं. आगे की बात पार्टी हाईकमान और मतदाता जानें. -टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम


चिंतामणि महाराज पर भी साधा निशाना : टीएस सिंहदेव ने इस दौरान कहा कि वो अपनी मंशा आने वाले दिनों में चुनाव समिति के सामने रखेंगे.साथ ही साथ टीएस सिंहदेव ने सामरी विधानसभा के कांग्रेस विधायक चिंतामणि को भी घेरा. सिंहदेव ने कहा कि राजनीति में महाराज फिसल गए. जो लोग आज जेल में हैं,उनके यहां गए. उन्होंने इसके बाद एक दरवाजा बंद कर लिया.लेकिन मेरी ओर से दरवाजा खुला था.मैंने कभी उनसे भेदभाव नहीं किया.लेकिन उन्होंने दूरी बना ली.बीच में तो दुआ सलाम भी नहीं होता था.अब फिर से थोड़ा शुरु हुआ है, लेकिन चिंतामणि महाराज से मेरा व्यक्तिगत द्वेषभाव नहीं है.

क्यों हैं टीएस सिंहदेव नाराज : ? टीएस सिंहदेव की नाराजगी सिर्फ इसलिए नहीं है कि किसी ने उनके खिलाफ बहुत कुछ कहा,बल्कि इसलिए भी है कि कांग्रेस के शासन काल में उनके समर्थकों को हासिए पर रखा गया. चुनाव से पहले सामरी और बलरामपुर की जिम्मेदारी खुद टीएस सिंहदेव ने ली थी. टीएस सिंहदेव की मानें तो कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया गया था कि चाहे कुछ भी हो, चुनाव के बाद वो सभी का साथ देंगे.

''कार्यकर्ताओं की उम्मीदों में हुआ फेल'' : टीएस सिंहदेव ने मंच से कहा कि राजनीतिक परिस्थितयां ऐसी बनीं कि सीएम नहीं बन सके.लेकिन बाद में सरकार बनी तो सबकुछ एकतरफा चलने लगा.ऐसी बातें सामने आने लगी कि यदि आप उनसे जुड़े हैं तो आपका काम नहीं होगा.व्यापक स्तर पर अधिकारियों से कह दिया गया कि काम नहीं करना है. टीएस सिंहदेव ने भरे मंच से अपना दर्द बयां किया.मैंने फिर भी कोशिश की और उन लोगों से बात किया कि भविष्य में काम करने में दिक्कत होगी. लेकिन बात बिगड़ती गई और आज मैं ऐसी स्थिति में नहीं हूं कि यह कह सकूं इस प्रत्याशी को जीतने दीजिए. मैं आपके लिए खड़ा रहूंगा, क्योंकि मैं फेल हो गया.

पांच साल के अंदर आपके हितों, कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के हितों, पदाधिकारियों,जिलाध्यक्षों के हक की रक्षा सुरक्षा मैं नहीं कर पाया. किसी का क्रेशर बंद हो गया, किसी को जेल भेज दिया गया. किसी का स्वीकृत काम रोक दिया गया. यह सब सुनते हुए मेरा कान पक गया. वही आज भी सुनने को आ रहा है. आज वो स्थिति नहीं रही कि मैं यह जवाबदारी ले सकूं. इसलिए जिलाध्यक्ष के सामने ये कह रहा हूं कि अगर किसी के मन में दुःख है तो मैं वो जवाबदारी नहीं ले पाऊंगा. -टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम

कार्यकर्ताओं का दर्द हल्का करने की कोशिश : टीएस सिंहदेव ने आखिरकार चुनाव से पहले अपने मन की बात जनता के सामने रख दी.अब बड़ा सवाल ये है कि टीएस सिंहदेव की इन बातों का क्या मतलब है. एक बात तो साफ है कि टीएस सिंहदेव मौजूदा समय में बलरामपुर और सामरी विधानसभा में पार्टी के लिए बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे. टीएस सिंहदेव की बात करें तो सरगुजा संभाग में सिंहदेव की राजनीतिक पकड़ जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक है. उनकी एक आवाज में कार्यकर्ता दिन रात एक करके लक्ष्य पाने में जुट जाते हैं. लेकिन जिन कार्यकर्ताओं के बूते टीएस सिंहदेव चुनाव लड़ते हैं और कांग्रेस को रिप्रेजेंट करते हैं, आज वो खुद टीएस सिंहदेव के आगे अपनी तकलीफों का हल तलाश रहा है. लिहाजा टीएस सिंहदेव ने ऐसी परिस्थियों को पैदा करने वाले लोगों के लिए काम नहीं करने का मन बना लिया है.साथ ही साथ उनसे जुड़े कार्यकर्ता भी अपने नेता की कही बातों पर चलने को तैयार हैं.

क्या होगा दोनों विधानसभाओं पर असर ? : ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि टीएस सिंहदेव अपना कदम पीछे नहीं खीचेंगे.इसलिए कांग्रेस को दोनों ही विधानसभाओं के लिए कोई बड़ा फैसला लेना होगा ताकि टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर की जा सके.इस बारे में राजनीतिक जानकार अनंगपाल दीक्षित कहते हैं कि "टीएस सिंहदेव जैसा सुलझा हुआ नेता अगर ऐसा बयान दे तो उसके कई मायने हैं.

Impact Of TS Singhdeo Statement
अनंगपाल दीक्षित ने टिकट वितरण में सावधानी बरतने की दी सलाह

बृहस्पति सिंह ने जो किया वो पूरा प्रदेश जानता है. टीएस सिंहदेव के बयान का असर बलरामपुर जिले की दोनों ही सीटों पर पड़ेगा. क्योंकि बलरामपुर उनके प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा है. वहां दोनों विधायक पर कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. कार्यकर्ता विधायक से नाराज हैं. ऐसे में अगर दोबारा मौका दिया गया तो परिणाम पर असर पड़ेगा. डिप्टी सीएम ने जो कहा है, उसका असर टिकट वितरण सहित चुनाव परिणाम पर भी पड़ेगा. -अनंगपाल दीक्षित, राजनीतिक जानकार

कार्यकर्ताओं की मंशा जानने के बाद दिया बयान : सरगुजा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जेपी श्रीवास्तव ने भी टीएस सिंहदेव के बयान को हल्का नहीं माना है.जेपी श्रीवास्तव की मानें तो टीएस सिंहदेव का बयान कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है.क्योंकि इस बयान को सार्वजनिक तौर पर देने से पहले टीएस सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं से बात की है और उनका फीडबैक लिया है.

Impact Of TS Singhdeo Statement
जेपी श्रीवास्तव ने टीएस सिंहदेव के बयान को बताया सही

कार्यकर्ताओँ की मंशा जानने के बाद टीएस सिंहदेव ने ये बयान दिया है. वहां कांग्रेस संगठन और विधायक के बीच की खाई सबको दिख रही थी. वहां के कार्यकर्ताओं में असन्तोष है. इस स्थिति में सभी में सामंजस्य आवश्यक है. वो भी बड़े स्तर पर सामंजस्य स्थापित होगा, तभी स्थिति ठीक होना संभव है. -जेपी श्रीवास्तव,वरिष्ठ कांग्रेसी


बीजेपी ने बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया : वहीं बीजेपी ने टीएस सिंहदेव के बयान को उनकी पार्टी का निजी मामला बताया है. बीजेपी की मानें तो टीएस सिंहदेव के बयान ने ये जरुर साफ कर दिया है कि बीजेपी संस्कारिक पार्टी है. बीजेपी में यदि कोई टिकट लेकर आता है तो कोई भी बड़ा नेता इस तरीके से विरोध नहीं करता.

Impact Of TS Singhdeo Statement
बीजेपी के प्रशांत त्रिपाठी ने चुनाव में फर्क न पड़ने का किया दावा

अगर एक मंत्री ने ऐसा कहा है, चाहे किन भी कारणों से कहा है. सीधे-सीधे उनको धमकाना की इनका मैं सपोर्ट नहीं करूंगा. यहां तक की पार्टी हाईकमान को भी उन्होंने अपना वक्तव्य दिया है. ये उनकी पार्टी का निजी मामला है. टीएस सिंहदेव ऐसा नहीं भी बोलते तो भी बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ना है, क्योंकि वहां की दोनों सीट बीजेपी भारी बहुमत से जीत रही है. -प्रशान्त त्रिपाठी,उपाध्यक्ष बीजेपी

'मर्डर' कराने से अगर सिंहदेव बन सकते हैं सीएम, तो उन्हें पद मुबारक: बृहस्पति सिंह
बृहस्पति-सिंहदेव विवाद का हुआ अंत, सदन में पहुंचे टीएस 'बाबा', विपक्ष ने कसा तंज
सिंहदेव के समर्थन में सरगुजा की सड़कों पर उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता, बृहस्पति सिंह को बर्खास्त करने की मांग

सरगुजा संभाग की सीटों पर पड़ सकता है बड़ा असर :सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीटें हैं. इस संभाग में राजपरिवार का बहुत बड़ा असर है.ऐसे में टीएस सिंहदेव की नाराजगी का असर दो विधानसभाओं के साथ पूरे संभाग की सीटों पर भी पड़ सकता है.जिसके कारण कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है.कांग्रेस नहीं चाहेगी कि टीएस सिंहदेव की नाराजगी आने वाले चुनाव में कांग्रेस के कैंपेन और वोटबैंक पर असर डाले.वहीं दूसरी तरफ यदि पार्टी मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर करने की कोशिश करती भी है तो ये भी बात तय है कि दोनों ही विधायकों के समर्थक मौजूदा प्रत्याशी के लिए शायद ही मन से काम करें और यदि टिकट देती है तो कार्यकर्ता और टीएस सिंहदेव दोनों ही विधानसभाओं से दूरी बना लेंगे. इसलिए इस समस्या का हल जल्द से जल्द आलाकमान को ही निकालना होगा ताकि चुनाव में नुकसान ना हो.

जानिए टीएस सिंहदेव के बयान के सियासी मायने

सरगुजा : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. लेकिन यदि उनके परिवार को लेकर किसी ने कुछ भी गलत बोला तो ताउम्र उसे माफ नहीं करते. ऐसा ही कुछ देखने को मिला बलरामपुर में एक सभा के दौरान, जहां टीएस सिंहदेव ने बिना किसी का नाम लिए प्रदेश की एक विधानसभा में कोई काम नहीं करने का ऐलान किया. सिंहदेव ने भरी सभा में कहा कि इस विधानसभा से उनका कोई भी लेना देना नहीं है. मुझे कोई कुछ भी कहे लेकिन महाराज और महारानी को लेकर भरी सभा में कोई कुछ भी बोलेगा तो फिर मेरे से समझौता नहीं होगा. आगे क्या होगा यह पब्लिक और पार्टी जाने. लेकिन मेरी तरफ से वहां समझौता नहीं हो सकता.


किस पर टीएस सिंहदेव ने साधा है निशाना ? : आपको बता दें कि बलरामपुर रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव पर उनकी हत्या कराने की साजिश करने का आरोप लगाया था. इसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई थी. विधानसभा में भी ये मामला उछला. आखिरकार बृहस्पति सिंह ने विधानसभा में अपनी बातों को लेकर खेद व्यक्त किया. लेकिन इन आरोपों के बाद बलरामपुर जिले में बृहस्पति सिंह के खिलाफ टीएस सिंहदेव समर्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा देखने को मिला. कार्यकर्ताओं ने कई मौकों पर डिप्टी सीएम के सामने खुद की उपेक्षा और विधानसभा में काम नहीं होने का दुखड़ा रोया. आखिरकार समर्थकों के आगे टीएस सिंहदेव के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने भरी सभा में अपना दर्द बयां कर दिया.

Impact Of TS Singhdeo Statement
टीएस सिंहदेव के बयान से मची खलबली

प्रदेश की 90 विधानसभाओं में से एक विधानसभा ऐसी है, जिसमें मेरा कोई दखल नहीं होगा. न ही मेरी जवाबदारी होगी. एक विधानसभा में अच्छा हो या बुरा हो उसमें मेरी भागीदारी नहीं होगी. इसके लिए आज मैं माफी मांगकर सबसे सामने अपने आप को अलग कर रहा हूं. आगे की बात पार्टी हाईकमान और मतदाता जानें. -टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम


चिंतामणि महाराज पर भी साधा निशाना : टीएस सिंहदेव ने इस दौरान कहा कि वो अपनी मंशा आने वाले दिनों में चुनाव समिति के सामने रखेंगे.साथ ही साथ टीएस सिंहदेव ने सामरी विधानसभा के कांग्रेस विधायक चिंतामणि को भी घेरा. सिंहदेव ने कहा कि राजनीति में महाराज फिसल गए. जो लोग आज जेल में हैं,उनके यहां गए. उन्होंने इसके बाद एक दरवाजा बंद कर लिया.लेकिन मेरी ओर से दरवाजा खुला था.मैंने कभी उनसे भेदभाव नहीं किया.लेकिन उन्होंने दूरी बना ली.बीच में तो दुआ सलाम भी नहीं होता था.अब फिर से थोड़ा शुरु हुआ है, लेकिन चिंतामणि महाराज से मेरा व्यक्तिगत द्वेषभाव नहीं है.

क्यों हैं टीएस सिंहदेव नाराज : ? टीएस सिंहदेव की नाराजगी सिर्फ इसलिए नहीं है कि किसी ने उनके खिलाफ बहुत कुछ कहा,बल्कि इसलिए भी है कि कांग्रेस के शासन काल में उनके समर्थकों को हासिए पर रखा गया. चुनाव से पहले सामरी और बलरामपुर की जिम्मेदारी खुद टीएस सिंहदेव ने ली थी. टीएस सिंहदेव की मानें तो कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया गया था कि चाहे कुछ भी हो, चुनाव के बाद वो सभी का साथ देंगे.

''कार्यकर्ताओं की उम्मीदों में हुआ फेल'' : टीएस सिंहदेव ने मंच से कहा कि राजनीतिक परिस्थितयां ऐसी बनीं कि सीएम नहीं बन सके.लेकिन बाद में सरकार बनी तो सबकुछ एकतरफा चलने लगा.ऐसी बातें सामने आने लगी कि यदि आप उनसे जुड़े हैं तो आपका काम नहीं होगा.व्यापक स्तर पर अधिकारियों से कह दिया गया कि काम नहीं करना है. टीएस सिंहदेव ने भरे मंच से अपना दर्द बयां किया.मैंने फिर भी कोशिश की और उन लोगों से बात किया कि भविष्य में काम करने में दिक्कत होगी. लेकिन बात बिगड़ती गई और आज मैं ऐसी स्थिति में नहीं हूं कि यह कह सकूं इस प्रत्याशी को जीतने दीजिए. मैं आपके लिए खड़ा रहूंगा, क्योंकि मैं फेल हो गया.

पांच साल के अंदर आपके हितों, कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के हितों, पदाधिकारियों,जिलाध्यक्षों के हक की रक्षा सुरक्षा मैं नहीं कर पाया. किसी का क्रेशर बंद हो गया, किसी को जेल भेज दिया गया. किसी का स्वीकृत काम रोक दिया गया. यह सब सुनते हुए मेरा कान पक गया. वही आज भी सुनने को आ रहा है. आज वो स्थिति नहीं रही कि मैं यह जवाबदारी ले सकूं. इसलिए जिलाध्यक्ष के सामने ये कह रहा हूं कि अगर किसी के मन में दुःख है तो मैं वो जवाबदारी नहीं ले पाऊंगा. -टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम

कार्यकर्ताओं का दर्द हल्का करने की कोशिश : टीएस सिंहदेव ने आखिरकार चुनाव से पहले अपने मन की बात जनता के सामने रख दी.अब बड़ा सवाल ये है कि टीएस सिंहदेव की इन बातों का क्या मतलब है. एक बात तो साफ है कि टीएस सिंहदेव मौजूदा समय में बलरामपुर और सामरी विधानसभा में पार्टी के लिए बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे. टीएस सिंहदेव की बात करें तो सरगुजा संभाग में सिंहदेव की राजनीतिक पकड़ जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक है. उनकी एक आवाज में कार्यकर्ता दिन रात एक करके लक्ष्य पाने में जुट जाते हैं. लेकिन जिन कार्यकर्ताओं के बूते टीएस सिंहदेव चुनाव लड़ते हैं और कांग्रेस को रिप्रेजेंट करते हैं, आज वो खुद टीएस सिंहदेव के आगे अपनी तकलीफों का हल तलाश रहा है. लिहाजा टीएस सिंहदेव ने ऐसी परिस्थियों को पैदा करने वाले लोगों के लिए काम नहीं करने का मन बना लिया है.साथ ही साथ उनसे जुड़े कार्यकर्ता भी अपने नेता की कही बातों पर चलने को तैयार हैं.

क्या होगा दोनों विधानसभाओं पर असर ? : ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि टीएस सिंहदेव अपना कदम पीछे नहीं खीचेंगे.इसलिए कांग्रेस को दोनों ही विधानसभाओं के लिए कोई बड़ा फैसला लेना होगा ताकि टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर की जा सके.इस बारे में राजनीतिक जानकार अनंगपाल दीक्षित कहते हैं कि "टीएस सिंहदेव जैसा सुलझा हुआ नेता अगर ऐसा बयान दे तो उसके कई मायने हैं.

Impact Of TS Singhdeo Statement
अनंगपाल दीक्षित ने टिकट वितरण में सावधानी बरतने की दी सलाह

बृहस्पति सिंह ने जो किया वो पूरा प्रदेश जानता है. टीएस सिंहदेव के बयान का असर बलरामपुर जिले की दोनों ही सीटों पर पड़ेगा. क्योंकि बलरामपुर उनके प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा है. वहां दोनों विधायक पर कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. कार्यकर्ता विधायक से नाराज हैं. ऐसे में अगर दोबारा मौका दिया गया तो परिणाम पर असर पड़ेगा. डिप्टी सीएम ने जो कहा है, उसका असर टिकट वितरण सहित चुनाव परिणाम पर भी पड़ेगा. -अनंगपाल दीक्षित, राजनीतिक जानकार

कार्यकर्ताओं की मंशा जानने के बाद दिया बयान : सरगुजा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जेपी श्रीवास्तव ने भी टीएस सिंहदेव के बयान को हल्का नहीं माना है.जेपी श्रीवास्तव की मानें तो टीएस सिंहदेव का बयान कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है.क्योंकि इस बयान को सार्वजनिक तौर पर देने से पहले टीएस सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं से बात की है और उनका फीडबैक लिया है.

Impact Of TS Singhdeo Statement
जेपी श्रीवास्तव ने टीएस सिंहदेव के बयान को बताया सही

कार्यकर्ताओँ की मंशा जानने के बाद टीएस सिंहदेव ने ये बयान दिया है. वहां कांग्रेस संगठन और विधायक के बीच की खाई सबको दिख रही थी. वहां के कार्यकर्ताओं में असन्तोष है. इस स्थिति में सभी में सामंजस्य आवश्यक है. वो भी बड़े स्तर पर सामंजस्य स्थापित होगा, तभी स्थिति ठीक होना संभव है. -जेपी श्रीवास्तव,वरिष्ठ कांग्रेसी


बीजेपी ने बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया : वहीं बीजेपी ने टीएस सिंहदेव के बयान को उनकी पार्टी का निजी मामला बताया है. बीजेपी की मानें तो टीएस सिंहदेव के बयान ने ये जरुर साफ कर दिया है कि बीजेपी संस्कारिक पार्टी है. बीजेपी में यदि कोई टिकट लेकर आता है तो कोई भी बड़ा नेता इस तरीके से विरोध नहीं करता.

Impact Of TS Singhdeo Statement
बीजेपी के प्रशांत त्रिपाठी ने चुनाव में फर्क न पड़ने का किया दावा

अगर एक मंत्री ने ऐसा कहा है, चाहे किन भी कारणों से कहा है. सीधे-सीधे उनको धमकाना की इनका मैं सपोर्ट नहीं करूंगा. यहां तक की पार्टी हाईकमान को भी उन्होंने अपना वक्तव्य दिया है. ये उनकी पार्टी का निजी मामला है. टीएस सिंहदेव ऐसा नहीं भी बोलते तो भी बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ना है, क्योंकि वहां की दोनों सीट बीजेपी भारी बहुमत से जीत रही है. -प्रशान्त त्रिपाठी,उपाध्यक्ष बीजेपी

'मर्डर' कराने से अगर सिंहदेव बन सकते हैं सीएम, तो उन्हें पद मुबारक: बृहस्पति सिंह
बृहस्पति-सिंहदेव विवाद का हुआ अंत, सदन में पहुंचे टीएस 'बाबा', विपक्ष ने कसा तंज
सिंहदेव के समर्थन में सरगुजा की सड़कों पर उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता, बृहस्पति सिंह को बर्खास्त करने की मांग

सरगुजा संभाग की सीटों पर पड़ सकता है बड़ा असर :सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीटें हैं. इस संभाग में राजपरिवार का बहुत बड़ा असर है.ऐसे में टीएस सिंहदेव की नाराजगी का असर दो विधानसभाओं के साथ पूरे संभाग की सीटों पर भी पड़ सकता है.जिसके कारण कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है.कांग्रेस नहीं चाहेगी कि टीएस सिंहदेव की नाराजगी आने वाले चुनाव में कांग्रेस के कैंपेन और वोटबैंक पर असर डाले.वहीं दूसरी तरफ यदि पार्टी मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर करने की कोशिश करती भी है तो ये भी बात तय है कि दोनों ही विधायकों के समर्थक मौजूदा प्रत्याशी के लिए शायद ही मन से काम करें और यदि टिकट देती है तो कार्यकर्ता और टीएस सिंहदेव दोनों ही विधानसभाओं से दूरी बना लेंगे. इसलिए इस समस्या का हल जल्द से जल्द आलाकमान को ही निकालना होगा ताकि चुनाव में नुकसान ना हो.

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