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कोरोना के खात्मे के लिए आईएमएफ का 50 बिलियन डॉलर का प्लान

दुनिया इस वक्त कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रही है. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन ने दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाला है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से 50 बिलियन डॉलर का एक प्रस्ताव पेश किया गया है जिसके जरिये कोरोना का अंत किया जा सकता है. आईएमएफ का कहना है कि कोरोना का अंत जितनी जल्दी होगा आर्थिक गतिविधियां उतनी जल्दी शुरू होंगी. आईएमएफ ने इसके लिए वैश्विक टीकाकरण अभियान चलाने के लिए 50 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव पेश किया है.

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Published : May 25, 2021, 5:57 PM IST

Updated : May 25, 2021, 7:24 PM IST

हैदराबाद: कोरोना ने दुनिया को सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर पहुंचाया है. दुनिया के हर देश में कोरोना की मार आर्थिक गतिविधियों पर पड़ी है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ ने एक वैश्विक टीकाकरण अभियान का प्रस्ताव तैयार किया है जिसपर 50 बिलियन डॉलर के खर्च का अनुमान है. आईएमएफ के मुताबिक महामारी एक ऐसी समस्या है जिसका अंत हो सकता है लेकिन इसके लिए पूरी दुनिया को एक साथ आना होगा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि आर्थिक सुधारों पर कोरोना का खतरनाक असर पड़ेगा. अमीर और गरीब देशों के बीच असमानताएं और बढ़ जाएंगी. अब ये अंतर टीकाकरण करने वाले और टीकाकरण के लिए जूझते देशों के बीच होगा. कुछ देश कोरोना के टीके, निदान और चिकित्सा विज्ञान तक व्यापक पहुंच हैं और कई देशों के सामने अभी भी अपने फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की चुनौती है.

अप्रैल 2021 के अंत तक, अफ्रीका की दो फीसदी से भी कम आबादी को टीका लग पाया था. इसके उलट अमेरिका में 40 फीसदी से अधिक और यूरोप में 20 फीसदी से अधिक लोगों को टीके की कम से कम एक डोज मिल चुकी थी.

आईएमएफ स्टाफ द्वारा नवीनतम शोध महामारी के खिलाफ लड़ाई के कई आयामों का विश्लेषण करता है और हर जगह महामारी को काफी हद तक नियंत्रण में लाने के लिए यथार्थवादी लक्ष्यों का प्रस्ताव करता है.

IMF का वैश्विक टीकाकरण का प्रस्ताव
IMF का वैश्विक टीकाकरण का प्रस्ताव

IMF का प्रस्ताव

-2021 के अंत तक सभी देशों की 40 फीसदी आबादी का टीकाकरण और 2022 के मध्य तक 60 फीसदी का टीकाकरण.

-व्यापक कोरोना टेस्ट और ट्रेसिंग सुनिश्चित करें, महामारी से जुड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं, दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखें. जिन क्षेत्रों में टीकाकरण कम हो रहा है वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करें.

-रणनीति के लिए सिर्फ प्रतिबद्धताओं की आवश्यता नहीं वित्तीय संसाधन जुटाने, टीका दान और जोखिम के दौर में निवेश को नकारात्मक परिस्थितियों के खिलाफ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है.

50 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव

आईएमएफ के प्रस्ताव की कुल लागत करीब 50 बिलियन डॉलर है. जिसमें अनुदान, सरकार के संसाधन और रियायतें शामिल हैं. कम से कम 35 बिलियन डॉलर के अनुदान वित्तपोषण के लिए एक मजबूत बेस है. अच्छी खबर यह है कि G20 सरकारों ने पहले से ही करीब 22 बिलियन डॉलर के ग्रांट फंडिंग गैप को दूर करने के लिए योजना तैयार की है. इसमें एडिशनल 13 बिलियन डॉलर ग्रांट की आवश्यकता है. बाकी लगभग 15 बिलियन डॉलर राष्ट्रीय सरकारों से आ सकता है, जो संभावित रूप से बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा बनाई गई कोविड -19 फाइनेंसिंग फैसिलिटी द्वारा समर्थित है

जीवन और आजीविका को बचाने के लिए महामारी का तेजी से अंत होना जरूरी है. अगर ऐसा हुआ तो आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आ जाएंगी और 2025 तक वैश्विक अर्थव्यस्था में 9 ट्रिलियन डॉलर का लाभ हो सकता है.

IMF ने क्या कहा
IMF ने क्या कहा

कार्रवाई के लिए सिफारिशें

1) टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करना

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए COVAX अभियान को कम से कम 4 बिलियन डॉलर का अनुदान प्रदान करें. यह वित्तपोषण ऑर्डर को अंतिम रूप देने और अप्रयुक्त वैक्सीन क्षमता को सक्रिय करने में मदद करेगा.

कच्चे माल और तैयार टीकों के लिए मुक्त सीमा पार प्रवाह सुनिश्चित करें, इस तरह के प्रतिबंध विकासशील दुनिया में अरबों लोगों के लिए टीकों की पहुंच को खतरे में डाल रहे हैं.

अतिरिक्त टीके तुरंत दान करें- भले ही देश अपनी आबादी को वरीयता दें, लेकिन हम 2021 में कम से कम 500 मिलियन टीके (लगभग 1 बिलियन खुराक के बराबर) दान कर सकते हैं, वितरण लागत सहित दान COVAX के माध्यम से किया जाना चाहिए ताकि टीकों को समान और सार्वजनिक स्वास्थ्य सिद्धांतों पर साझा किया जा सके.

हम अनुमान लगाते हैं कि इन उपायों के जरिये 2021 के अंत तक 40 प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य और 2022 की पहली छमाही तक 60 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं.

2) नकारात्मक पहलू के खिलाफ सुरक्षा

91 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नकारात्मक जोखिमों को संभालने के लिए 2022 की शुरुआत में वैक्सीन उत्पादन क्षमता में विविधता लाने और 1 बिलियन खुराक बढ़ाने के लिए जोखिम वाले निवेश करें, जिसमें नए वेरिएंट भी शामिल हैं जिन्हें बूस्टर शॉट्स की आवश्यता हो सकती है. (8 बिलियन डॉलर)

आपूर्ति श्रृंखला में संभावित उत्परिवर्तन या झटके से निपटने के लिए ठोस आकस्मिक योजनाओं के साथ जीनोमिक निगरानी और प्रणालीगत आपूर्ति श्रृंखला निगरानी को बढ़ाएं. इन योजनाओं को बहुपक्षीय एजेंसियों, वैक्सीन डेवलपर्स और निर्माताओं और प्रमुख राष्ट्रीय सरकारों की भागीदारी से तैयार किया जाना चाहिए (3 बिलियन डॉलर)

अंतरिम अवधि का प्रबंधन जब टीके की आपूर्ति सीमित है

इसके तहत जब टीकों की आपूर्ति कम होगी तो उस दौरान व्यापक जांच, दवाओं या अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रबंध करना होगा और उसी वक्त टीका देने के लिए तैयारियां तेज करनी होंगी. (30 बिलियन डॉलर)

प्रभावी आपूर्ति का विस्तार करने के लिए खुराक बढ़ाने की रणनीतियों का तत्काल मूल्यांकन और कार्यान्वयन (जहां स्वीकृत हो) करें. (2 बिलियन डॉलर)

अतिरिक्त आवश्यक उपाय के लिए 3 बिलियन डॉलर. नकारात्मक पक्ष के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा और अंतरिम अवधि में महामारी के स्वास्थ्य परिणामों को कम करने के लिए चरण 4–7 की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: अस्पताल में कोरोना संक्रमित शवों पर चोरों की नज़र

हैदराबाद: कोरोना ने दुनिया को सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर पहुंचाया है. दुनिया के हर देश में कोरोना की मार आर्थिक गतिविधियों पर पड़ी है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ ने एक वैश्विक टीकाकरण अभियान का प्रस्ताव तैयार किया है जिसपर 50 बिलियन डॉलर के खर्च का अनुमान है. आईएमएफ के मुताबिक महामारी एक ऐसी समस्या है जिसका अंत हो सकता है लेकिन इसके लिए पूरी दुनिया को एक साथ आना होगा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि आर्थिक सुधारों पर कोरोना का खतरनाक असर पड़ेगा. अमीर और गरीब देशों के बीच असमानताएं और बढ़ जाएंगी. अब ये अंतर टीकाकरण करने वाले और टीकाकरण के लिए जूझते देशों के बीच होगा. कुछ देश कोरोना के टीके, निदान और चिकित्सा विज्ञान तक व्यापक पहुंच हैं और कई देशों के सामने अभी भी अपने फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की चुनौती है.

अप्रैल 2021 के अंत तक, अफ्रीका की दो फीसदी से भी कम आबादी को टीका लग पाया था. इसके उलट अमेरिका में 40 फीसदी से अधिक और यूरोप में 20 फीसदी से अधिक लोगों को टीके की कम से कम एक डोज मिल चुकी थी.

आईएमएफ स्टाफ द्वारा नवीनतम शोध महामारी के खिलाफ लड़ाई के कई आयामों का विश्लेषण करता है और हर जगह महामारी को काफी हद तक नियंत्रण में लाने के लिए यथार्थवादी लक्ष्यों का प्रस्ताव करता है.

IMF का वैश्विक टीकाकरण का प्रस्ताव
IMF का वैश्विक टीकाकरण का प्रस्ताव

IMF का प्रस्ताव

-2021 के अंत तक सभी देशों की 40 फीसदी आबादी का टीकाकरण और 2022 के मध्य तक 60 फीसदी का टीकाकरण.

-व्यापक कोरोना टेस्ट और ट्रेसिंग सुनिश्चित करें, महामारी से जुड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं, दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखें. जिन क्षेत्रों में टीकाकरण कम हो रहा है वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करें.

-रणनीति के लिए सिर्फ प्रतिबद्धताओं की आवश्यता नहीं वित्तीय संसाधन जुटाने, टीका दान और जोखिम के दौर में निवेश को नकारात्मक परिस्थितियों के खिलाफ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है.

50 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव

आईएमएफ के प्रस्ताव की कुल लागत करीब 50 बिलियन डॉलर है. जिसमें अनुदान, सरकार के संसाधन और रियायतें शामिल हैं. कम से कम 35 बिलियन डॉलर के अनुदान वित्तपोषण के लिए एक मजबूत बेस है. अच्छी खबर यह है कि G20 सरकारों ने पहले से ही करीब 22 बिलियन डॉलर के ग्रांट फंडिंग गैप को दूर करने के लिए योजना तैयार की है. इसमें एडिशनल 13 बिलियन डॉलर ग्रांट की आवश्यकता है. बाकी लगभग 15 बिलियन डॉलर राष्ट्रीय सरकारों से आ सकता है, जो संभावित रूप से बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा बनाई गई कोविड -19 फाइनेंसिंग फैसिलिटी द्वारा समर्थित है

जीवन और आजीविका को बचाने के लिए महामारी का तेजी से अंत होना जरूरी है. अगर ऐसा हुआ तो आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आ जाएंगी और 2025 तक वैश्विक अर्थव्यस्था में 9 ट्रिलियन डॉलर का लाभ हो सकता है.

IMF ने क्या कहा
IMF ने क्या कहा

कार्रवाई के लिए सिफारिशें

1) टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करना

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए COVAX अभियान को कम से कम 4 बिलियन डॉलर का अनुदान प्रदान करें. यह वित्तपोषण ऑर्डर को अंतिम रूप देने और अप्रयुक्त वैक्सीन क्षमता को सक्रिय करने में मदद करेगा.

कच्चे माल और तैयार टीकों के लिए मुक्त सीमा पार प्रवाह सुनिश्चित करें, इस तरह के प्रतिबंध विकासशील दुनिया में अरबों लोगों के लिए टीकों की पहुंच को खतरे में डाल रहे हैं.

अतिरिक्त टीके तुरंत दान करें- भले ही देश अपनी आबादी को वरीयता दें, लेकिन हम 2021 में कम से कम 500 मिलियन टीके (लगभग 1 बिलियन खुराक के बराबर) दान कर सकते हैं, वितरण लागत सहित दान COVAX के माध्यम से किया जाना चाहिए ताकि टीकों को समान और सार्वजनिक स्वास्थ्य सिद्धांतों पर साझा किया जा सके.

हम अनुमान लगाते हैं कि इन उपायों के जरिये 2021 के अंत तक 40 प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य और 2022 की पहली छमाही तक 60 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं.

2) नकारात्मक पहलू के खिलाफ सुरक्षा

91 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नकारात्मक जोखिमों को संभालने के लिए 2022 की शुरुआत में वैक्सीन उत्पादन क्षमता में विविधता लाने और 1 बिलियन खुराक बढ़ाने के लिए जोखिम वाले निवेश करें, जिसमें नए वेरिएंट भी शामिल हैं जिन्हें बूस्टर शॉट्स की आवश्यता हो सकती है. (8 बिलियन डॉलर)

आपूर्ति श्रृंखला में संभावित उत्परिवर्तन या झटके से निपटने के लिए ठोस आकस्मिक योजनाओं के साथ जीनोमिक निगरानी और प्रणालीगत आपूर्ति श्रृंखला निगरानी को बढ़ाएं. इन योजनाओं को बहुपक्षीय एजेंसियों, वैक्सीन डेवलपर्स और निर्माताओं और प्रमुख राष्ट्रीय सरकारों की भागीदारी से तैयार किया जाना चाहिए (3 बिलियन डॉलर)

अंतरिम अवधि का प्रबंधन जब टीके की आपूर्ति सीमित है

इसके तहत जब टीकों की आपूर्ति कम होगी तो उस दौरान व्यापक जांच, दवाओं या अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रबंध करना होगा और उसी वक्त टीका देने के लिए तैयारियां तेज करनी होंगी. (30 बिलियन डॉलर)

प्रभावी आपूर्ति का विस्तार करने के लिए खुराक बढ़ाने की रणनीतियों का तत्काल मूल्यांकन और कार्यान्वयन (जहां स्वीकृत हो) करें. (2 बिलियन डॉलर)

अतिरिक्त आवश्यक उपाय के लिए 3 बिलियन डॉलर. नकारात्मक पक्ष के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा और अंतरिम अवधि में महामारी के स्वास्थ्य परिणामों को कम करने के लिए चरण 4–7 की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: अस्पताल में कोरोना संक्रमित शवों पर चोरों की नज़र

Last Updated : May 25, 2021, 7:24 PM IST
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