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PM मोदी को IMA ने लिखा पत्र, जादुई उपचार की बात कर मूर्ख बनाने वालों पर लगे अंकुश - security of medical professionals

आईएमए (Indian Medical Association) ने पीएम मोदी से उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की अपील की है. पत्र में लिखा है कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों द्वारा आधुनिक चिकित्सा और कोविड​​-19 टीकाकरण के खिलाफ गलत सूचना के उद्देश्यपूर्ण प्रसार को रोकने की जरूरत है.

पीएम मोदी
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Published : Jun 7, 2021, 6:14 PM IST

नई दिल्ली : मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा डॉक्टरों पर हमले की घटनाओं के मद्देनजर भारतीय चिकित्सक संघ (Indian Medical Association) ने चिकित्सा पेशेवरों के लिए 'बेहतर माहौल' सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से हस्तक्षेप करने का सोमवार को आग्रह किया, ताकि वे बिना किसी भय के अपना काम कर सकें.

IMA ने प्रधानमंत्री से उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की अपील करते हुए, पत्र में निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों द्वारा आधुनिक चिकित्सा और कोविड​​-19 टीकाकरण के खिलाफ गलत सूचना के उद्देश्यपूर्ण प्रसार को रोकने की जरूरत रेखांकित की है.

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मोदी को लिखे एक पत्र में आईएमए (IMA) ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के खिलाफ गलत सूचना फैलाने वाले व्यक्तियों पर, महामारी रोग अधिनियम, 1897, भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 समेत कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

आईएमए (IMA) ने पत्र में कहा है, 'कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल के खिलाफ आम जनता के मन में संदेह पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को उसके इन कृत्यों के लिए दंडित किया जाना चाहिए और साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा तथाकथित 'जादुई उपचार' या 'चमत्कारिक दवाओं' को बढ़ावा देकर आम जनता को मूर्ख बनाने के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.'

सार्वभौमिक मुफ्त टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए

पत्र में कहा गया है, 'इस महामारी के बीच, देश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के खिलाफ शारीरिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखकर हमें बहुत दुख हुआ है. असम में हमारे युवा डॉक्टर पर हमला और देशभर में महिला डॉक्टरों और यहां तक कि अनुभवी चिकित्सकों पर हमले वास्तव में चिकित्सकों के बीच मानसिक तनाव पैदा कर रहे हैं.' डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, ताकि असामाजिक तत्वों को स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों पर हमले करने से रोका जा सके.

आईएमए ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाने वाले डॉक्टरों को उनके बलिदान के लिए कोविड शहीद का दर्ज दिया जाना चाहिए और उनके परिवारों को सरकार द्वारा उचित समर्थन दिया जाना चाहिए. आईएमए ने कहा कि कोविड-19 के बाद लंग फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों के सिकुड़न और फंगल संक्रमण की जटिलताएं बढ़ रही हैं और सभी को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है.

ये भी पढे़ं : दिल्ली : सीएम केजरीवाल का एलान- जहां वोट, वहीं वैक्सीनेशन का इंतजाम

आईएमए ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस के लिए आवश्यक दवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं थी, लेकिन दवाओं के आयात और साथ ही स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयास किये. डॉक्टरों ने इन प्रयासों के लिए मोदी को धन्यवाद दिया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा डॉक्टरों पर हमले की घटनाओं के मद्देनजर भारतीय चिकित्सक संघ (Indian Medical Association) ने चिकित्सा पेशेवरों के लिए 'बेहतर माहौल' सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से हस्तक्षेप करने का सोमवार को आग्रह किया, ताकि वे बिना किसी भय के अपना काम कर सकें.

IMA ने प्रधानमंत्री से उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की अपील करते हुए, पत्र में निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों द्वारा आधुनिक चिकित्सा और कोविड​​-19 टीकाकरण के खिलाफ गलत सूचना के उद्देश्यपूर्ण प्रसार को रोकने की जरूरत रेखांकित की है.

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मोदी को लिखे एक पत्र में आईएमए (IMA) ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के खिलाफ गलत सूचना फैलाने वाले व्यक्तियों पर, महामारी रोग अधिनियम, 1897, भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 समेत कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

आईएमए (IMA) ने पत्र में कहा है, 'कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल के खिलाफ आम जनता के मन में संदेह पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को उसके इन कृत्यों के लिए दंडित किया जाना चाहिए और साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा तथाकथित 'जादुई उपचार' या 'चमत्कारिक दवाओं' को बढ़ावा देकर आम जनता को मूर्ख बनाने के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.'

सार्वभौमिक मुफ्त टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए

पत्र में कहा गया है, 'इस महामारी के बीच, देश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के खिलाफ शारीरिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखकर हमें बहुत दुख हुआ है. असम में हमारे युवा डॉक्टर पर हमला और देशभर में महिला डॉक्टरों और यहां तक कि अनुभवी चिकित्सकों पर हमले वास्तव में चिकित्सकों के बीच मानसिक तनाव पैदा कर रहे हैं.' डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, ताकि असामाजिक तत्वों को स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों पर हमले करने से रोका जा सके.

आईएमए ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाने वाले डॉक्टरों को उनके बलिदान के लिए कोविड शहीद का दर्ज दिया जाना चाहिए और उनके परिवारों को सरकार द्वारा उचित समर्थन दिया जाना चाहिए. आईएमए ने कहा कि कोविड-19 के बाद लंग फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों के सिकुड़न और फंगल संक्रमण की जटिलताएं बढ़ रही हैं और सभी को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है.

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आईएमए ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस के लिए आवश्यक दवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं थी, लेकिन दवाओं के आयात और साथ ही स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयास किये. डॉक्टरों ने इन प्रयासों के लिए मोदी को धन्यवाद दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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