नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (Andhra Pradesh chief minister YS Jagan Mohan Reddy) की बहन वाईएस शर्मिला (YSRTP leader YS Sharmila Reddy) कांग्रेस में शामिल होती हैं तो उनका स्वागत है. बता दें कि शर्मिला के अपने भाई वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ संबंधों में 2021 में खटास आनी शुरू हो गई थी. तभी से उनकी राजनीतिक योजनाओं को लेकर चर्चा की जाती रही है. लेकिन अभी हाल ही में वह उस समय सुर्खियों में आईं जब उन्होंने बेंगलुरु में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार से मुलाकात की.
कांग्रेस में इस बात पर भी चर्चा है कि कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता 8 जुलाई को पूर्व सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके पैतृक स्थान जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि इस दौरान शर्मिला के वाईएसआरटीपी के कांग्रेस में विलय की घोषणा वहीं की जा सकती है.
इस संबंध में आंध्र प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीडी मेयप्पन ( AICC Secretary in charge of Andhra Pradesh CD Meyyappan) ने कहा कि देखिए इस तरह के फैसले शीर्ष स्तर पर लिए जाते हैं. लेकिन अगर ऐसा होता है तो शर्मिला का हमारी पार्टी में स्वागत है. उनमें भी कांग्रेस का खून है क्योंकि वह पूर्व सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं. वह एक जाना माना चेहरा हैं. साथ ही वह आंध्र प्रदेश में दिवंगत राजशेखर रेड्डी की विरासत की कांग्रेस की सच्ची प्रतिनिधि हैं. उन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति से कांग्रेस को निश्चित रूप से लाभ होगा. साथ ही शर्मिला में पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की भी क्षमता है. 8 जुलाई को गांधी परिवार की प्रस्तावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर मेयप्पन ने कहा कि फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर कहा जाएगा तो वह जरूरी कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस की विचारधारा और गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास करते हैं, उनका कांग्रेस में शामिल होने और राज्य में पार्टी के विकास के लिए काम करने के लिए स्वागत है.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आंध्र प्रदेश में फिर से संगठित होने की कोशिश कर रही है, जो कभी उसका गढ़ हुआ करता था. हालांकि अब एक कठिन क्षेत्र है, लेकिन वाईएस शर्मिला को शामिल करना जगन मोहन की वाईएसआरसीपी के लिए एक प्रभावी काउंटर हो सकता है.
गौरतलब है कि जगन ने 2009 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में अपने पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद कांग्रेस से विद्रोह कर दिया था क्योंकि उनसे कहा गया था उन्हें शीर्ष कार्यकारी पद दिया जाएगा. लेकिन एआईसीसी के द्वारा दूसरे नजरिए से देखे जाने की वजह से उन्हें शीर्ष पद नहीं दिया. इसके बाद जगन ने अपना अलग संगठन वाईएसआरसीपी बनाया. वहीं 2013 में नए राज्य तेलंगान के निर्माण के बाद हुए चुनावों में टीडीपी आंध्र प्रदेश में सत्ता में आई जबकि टीआरएस ने तेलंगाना में जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस ने दोनों ही राज्यों में खराब प्रदर्शन किया और तब से वह फिर से संगठित होने की कोशिश कर रही है.
वहीं वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की विरासत को हाईजैक कर लिया. हालांकि जगन की पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सभी मूल रूप से कांग्रेस के हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश राज्य में बहुत से वादे किए थे लेकिन वहां लोगों को अब एहसास हो गया है कि ऐसे दावे खोखले थे. आंध्र प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीडी मेयप्पन ने कहा कि लोगों ने प्रतिद्वंद्वी टीडीपी को भी आजमा लिया है और जानते हैं कि केवल कांग्रेस ही अपने वादों को पूरा कर सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे के वादे पर जोर दे रही है, जिसके बारे में मुख्यमंत्री जगन मोहन और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू दोनों बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन दोनों ने राज्य के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे की दिशा में कुछ नहीं किया. पिछले 9 वर्षों में उन्होंने वाईएसआरसीपी और टीडीपी दोनों को देखा है. अब लोगों को कांग्रेस से उम्मीदें हैं. यह अकेला मुद्दा किसानों और युवाओं के हितों को कवर करता है. बीजेपी ने भी इसके बारे में बात की लेकिन कुछ नहीं किया. हम विजाग स्टील प्लांट के निजीकरण का मुद्दा भी उठा रहे हैं.