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Bihar News: 27 साल से थाने में 'कैद' थे हनुमान जी, अब हुए 'आजाद'.. जानें क्या है पूरा मामला?

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Published : Mar 29, 2023, 9:27 AM IST

Updated : Mar 30, 2023, 10:45 PM IST

बिहार के आरा में 27 वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद 'भगवान को रिहाई' मिली है. आरा सिविल कोर्ट के आदेश के बाद 27 साल से थाने के मालखाने में बंद हनुमान जी और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को बाहर निकाला गया है. मूर्तियों को पुन: स्थापित करने के अवसर पर धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई. पढ़ें पूरी खबर

27 वर्ष बाद थाने के तहखाने से रिहा हुए भगवान
27 वर्ष बाद थाने के तहखाने से रिहा हुए भगवान
देखें रिपोर्ट.

आरा: बिहार के आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह के आदेश के बाद बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने से 27 वर्षों बाद अष्टधातु की बनी भगवान हनुमान और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को बाहर निकाला गया. भारी संख्या में मौजूद भक्तों ने मूर्तियों की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली. भगवान की मूर्ति को गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर में पुनर्स्थापित की जाएगी.

ये भी पढ़ें: आरा की अधिष्ठात्री हैं आरण्य देवी, रामायण और महाभारत काल से हो रही मां की पूजा

27 वर्ष बाद थाने के तहखाने से रिहा हुए भगवान: बताया जाता है कि भगवान की मूर्ति को रिलीज कराने में बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे के साथ-साथ ग्रामीणों का भी काफी सहयोग रहा है. जिस वजह से अब मूर्तियों को दोबारा से करीब 27 साल बाद थाने के मालखाने से निकालकर उनकी पहले की जगह पर स्थापित की जा रही है.

29 वर्ष पहले हुई थी मूर्तियों की चोरी: दरअसल 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के भगवान हनुमान जी की मूर्ति और संत बरबर स्वामी जी की मूर्ति चोरी हो गई थी. जिसके बाद वहां के तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी ने कृष्णागढ़ ओपी में मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. बाद में पुलिस ने दोनों अष्टधातु की मूर्तियों को 25 मई 1996 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित एक कुएं से बरामद कर ली थी. तब से ये मूर्ति कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने में ही रखी हुई थी. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में यह केस डिस्पोजल हो गया और थाने के मालखाने में कैद भगवान को आखिरकार कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के बाद रिहा कर दिया गया.

पूजा अर्चना के साथ निकली भव्य शोभायात्रा: वहीं, भगवान की रिहाई के बाद भव्य शोभायात्रा निकालने में जुटे पूर्वी गुंडी पंचायत के ‌मुखिया कृष्णा कुमार सिंह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. जहां एक और राम नवमी का पर्व चल रहा है, वहीं वर्षों मंदिर से चोरी के बाद मालखाने में रखे भगवान राम के भक्त हनुमान हनुमान जी और संत बरहर स्वामी को बाहर निकाला गया. जिसकी खबर के बाद पूरे इलाके में खुशी की लहर है. वहीं कोर्ट से भगवान की रिहाई के आर्डर के बाद कृष्णागढ़ ओपी इंचार्ज ब्रजेश सिंह ने भी खुशी जाहिर की.

"हमारे लिए यह काफी खुशी की बात है कि भगवान को मालखाने से बाहर निकाल मंदिर में स्थापित किया जा रहा है. जहां अब भगवान का दर्शन भक्त सीधा करेंगे और उनकी पूजा-अर्चना भी होगी"- ब्रजेश सिंह, ओपी इंचार्ज, कृष्णागढ़

देखें रिपोर्ट.

आरा: बिहार के आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह के आदेश के बाद बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने से 27 वर्षों बाद अष्टधातु की बनी भगवान हनुमान और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को बाहर निकाला गया. भारी संख्या में मौजूद भक्तों ने मूर्तियों की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली. भगवान की मूर्ति को गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर में पुनर्स्थापित की जाएगी.

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27 वर्ष बाद थाने के तहखाने से रिहा हुए भगवान: बताया जाता है कि भगवान की मूर्ति को रिलीज कराने में बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे के साथ-साथ ग्रामीणों का भी काफी सहयोग रहा है. जिस वजह से अब मूर्तियों को दोबारा से करीब 27 साल बाद थाने के मालखाने से निकालकर उनकी पहले की जगह पर स्थापित की जा रही है.

29 वर्ष पहले हुई थी मूर्तियों की चोरी: दरअसल 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के भगवान हनुमान जी की मूर्ति और संत बरबर स्वामी जी की मूर्ति चोरी हो गई थी. जिसके बाद वहां के तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी ने कृष्णागढ़ ओपी में मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. बाद में पुलिस ने दोनों अष्टधातु की मूर्तियों को 25 मई 1996 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित एक कुएं से बरामद कर ली थी. तब से ये मूर्ति कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने में ही रखी हुई थी. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में यह केस डिस्पोजल हो गया और थाने के मालखाने में कैद भगवान को आखिरकार कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के बाद रिहा कर दिया गया.

पूजा अर्चना के साथ निकली भव्य शोभायात्रा: वहीं, भगवान की रिहाई के बाद भव्य शोभायात्रा निकालने में जुटे पूर्वी गुंडी पंचायत के ‌मुखिया कृष्णा कुमार सिंह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. जहां एक और राम नवमी का पर्व चल रहा है, वहीं वर्षों मंदिर से चोरी के बाद मालखाने में रखे भगवान राम के भक्त हनुमान हनुमान जी और संत बरहर स्वामी को बाहर निकाला गया. जिसकी खबर के बाद पूरे इलाके में खुशी की लहर है. वहीं कोर्ट से भगवान की रिहाई के आर्डर के बाद कृष्णागढ़ ओपी इंचार्ज ब्रजेश सिंह ने भी खुशी जाहिर की.

"हमारे लिए यह काफी खुशी की बात है कि भगवान को मालखाने से बाहर निकाल मंदिर में स्थापित किया जा रहा है. जहां अब भगवान का दर्शन भक्त सीधा करेंगे और उनकी पूजा-अर्चना भी होगी"- ब्रजेश सिंह, ओपी इंचार्ज, कृष्णागढ़

Last Updated : Mar 30, 2023, 10:45 PM IST
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